जयपुर.राजस्थान में दुष्कर्म के आंकड़े चौंकाने वाले हैं. राज्य में हर रोज तकरीबन 15 महिलाएं दुष्कर्म का शिकार हो रही हैं. राजस्थान में दुष्कर्म के सर्वाधिक मामले जयपुर रेंज में दर्ज किए गए हैं. वैश्विक महामारी कोरोना काल में वर्ष 2019 की तुलना में वर्ष 2020 में दुष्कर्म के मामलों में कुछ कमी जरूर देखने को मिली है, लेकिन आंकड़े काफी डराने वाले हैं. वर्ष 2019 में जनवरी से लेकर अक्टूबर माह तक दुष्कर्म के कुल 5194 प्रकरण सामने आए थे, वहीं वर्ष 2020 में जनवरी से लेकर अक्टूबर माह तक दुष्कर्म के कुल 4497 प्रकरण सामने आए हैं. वर्ष 2019 की तुलना में वर्ष 2020 में दुष्कर्म के प्रकरणों में 697 प्रकरणों की कमी दर्ज की गई है, जो कि 13.42 फीसदी की कमी है.
दुष्कर्म होना ही गंभीर बात...
एडिशनल डीसीपी सुनीता मीणा का कहना है कि जयपुर कमिश्नरेट में वर्ष 2019 की तुलना में वर्ष 2020 में दुष्कर्म के प्रकरणों में 25.50 फीसदी की कमी दर्ज की गई है, लेकिन दुष्कर्म की वारदात का घटित होना ही अपने आप में एक गंभीर बात है. उन्होंने बताया कि राजधानी जयपुर में बच्चों को निर्भया स्क्वाड द्वारा गुड टच और बैड टच के बारे में जानकारी दी जा रही है. ताकि बच्चों के साथ यदि कोई गलत हरकत करने का प्रयास करें तो वह उसके बारे में अपने परिजनों को बता सके.
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1090 पर कॉल ली जा सकती है जानकारी...
एडिशनल डीसीपी सुनीता मीणा ने बताया कि महिलाओं को मामला दर्ज कराने के बाद 1090 पर कॉल करके प्रकरण में जानकारी ले सकती है. यदि थानों में मामला दर्ज कराने के बावजूद भी पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है, तो आला अधिकारियों से संपर्क कर प्रकरण से अवगत कराने को लेकर भी महिलाओं को जागरूक किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि बालिकाएं एवं महिलाएं निडर होकर अपने घर से बाहर निकल सके और आत्मनिर्भर बन सकें, इसके लिए उन्हें दुष्कर्म जैसी घिनौनी वारदातों से मुक्त वातावरण देना बेहद आवश्यक है. इसके लिए बच्चों को बचपन से ही अच्छे संस्कार देने चाहिए और यदि लड़का है तो उसे महिलाओं की इज्जत करने के लिए प्रेरित करना चाहिए.
झूठी महिलाओं के खिलाफ भी कार्रवाई...
एडिशनल डीसीपी सुनीता मीणा ने बताया कि यदि कोई महिला कानूनों का गलत इस्तेमाल कर किसी व्यक्ति को फंसाने के लिए या ब्लैकमेल करने के लिए दुष्कर्म का झूठा मामला दर्ज कराती है तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाती है. ऐसी महिला के विरुद्ध इस्तगासा के जरिए 182 की कार्रवाई की जाती है. हालांकि, जब किसी भी महिला द्वारा दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया जाता है तो उसे पुलिस द्वारा गंभीरता से लिया जाता है और उसकी एक एक पहलू की गंभीरता से जांच की जाती है. जांच में यदि मामला झूठा पाया जाता है तो फिर महिला के विरुद्ध पुलिस द्वारा कार्रवाई की जाती है.
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