जयपुर. कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए घोषित जन अनुशासन पखवाड़ा में बाजार बंद करने से व्यापारियों में आक्रोश व्याप्त है. व्यापारियों का कहना है कि बाजार बंद होने से प्रतिदिन 100 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है. जयपुर व्यापार महासंघ का प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को जयपुर कलेक्ट्रेट पहुंचा और कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया. ज्ञापन के जरिये मांग की गई कि बाजार एक समान रूप से खोले जाए ताकि किसी भी तरह का नुकसान ना हो.
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प्रतिनिधिमंडल ने ज्ञापन के जरिये मुख्यमंत्री से मांग की कि बाजार खोलने और व्यापार करने की छूट दी जाए. बाजार बंद करने से प्रतिदिन व्यापारियों को 100 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है. शादी का सीजन भी शुरू हो चुका है और ईद जैसा एक बड़ा त्यौहार भी आने वाला है. ऐसे में यदि दुकानें नहीं खुली तो गोदाम में रखा माल खराब हो जाएगा. उन्होंने कहा कि इसके लिए चाहे सरकार अलग से कोई गाइडलाइन निकाल सकती है और दुकान खोलने और बंद करने का समय अभी तय कर सकती है.
व्यापारियों ने बाजार खोलने की मांग की व्यापारियों का कहना है कि कोरोना महामारी के खतरे से हम सभी चिंतित है. महामारी की यह दूसरी लहर है और यह खतरनाक भी है. उन्होंने कहा कि पहले 2 दिन का वीकेंड का लॉकडाउन किया गया था. जिसमें भी व्यापारियों को नुकसान हुआ और इसके बाद बिना किसी चर्चा के 19 अप्रैल से 3 मई तक जन अनुशासन पखवाड़ा शुरू कर दिया. जयपुर व्यापार महासंघ ने मांग की कि जान और जहान दोनों की रक्षा के लिए बाजार खोलने का लेकर पुनर्विचार किया जाए और सोशल डिस्टेंसिंग की गाइडलाइन के अनुसार बाजारों को शाम 5 बजे तक खोलने की अनुमति दी जाए. यदि सोशल डिस्टेंसिंग की पालना सख्ती से की जाए और वैक्सीन पर सभी लोग ध्यान दें तो अर्थव्यवस्था को भी मजबूत कर पाएंगे.
जयपुर व्यापार महासंघ ने कहा कि कोरोना काल में व्यापारी बहुत ज्यादा गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है. उन पर किराया, स्टाफ की सैलरी, बैंक का कर्जा, बिजली के बिल व अन्य खर्चों के कारण बड़ा आर्थिक संकट आया हुआ है. कई व्यापारी दिवालिया होने के कगार पर भी हैं. 22 अप्रैल से शादी का सीजन शुरू हो रहा है और शादी के कारण व्यापारियों ने बुकिंग का एडवांस लिया हुआ है और माल भी तैयार है. यदि जन अनुशासन पखवाड़ा चला तो व्यापारी समय पर माल की डिलीवरी नहीं दे पाएंगे, जिससे बड़ा नुकसान होने की संभावना है.
जयपुर व्यापार महासंघ के महामंत्री सुरेंद्र बज ने कहा कि कलेक्टर भी हमारी मांग पर सहमत हैं और उन्होंने आश्वासन दिया है कि वे उनकी मांग राज्य सरकार तक जरूर पहुंचाएंगे. व्यापारियों के पास शादी ब्याह के करोड़ों रुपए के आर्डर पेंडिंग पड़े हुए हैं और व्यापारियों को वह आर्डर पूरा करने के लिए समय दिया जाए.