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नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क: गुलाबी नगरी में घूमने आये हैं, तो इस 'Wildlife' का आनंद जरूर लें, जानें क्या है खास - zoo in jaipur rajasthan

नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क आमेर के पास पहाड़ियां और जंगल के बीच स्थित है. नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में पर्यटक प्रकृति का लुत्फ उठाने और वन्यजीवों की अठखेलियां देखने के लिए पहुंचते हैं. नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में 25 प्रजातियों के वन्यजीव मौजूद है, जिनमें टाइगर, लॉयन, पैंथर, भालू, जरख, हिप्पो, विभिन्न प्रजातियों के हिरण, सेही, जंगली बिल्ली, लोमड़ी समेत विभिन्न प्रजातियों के 170 वन्यजीव है. देखें ये खास रिपोर्ट

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नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क...

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Published : Mar 13, 2021, 1:27 PM IST

जयपुर. पिंक सिटी के किले और पर्यटन स्थल सैलानियों को लुभाते हैं. सरकार ने जंगल के बीच नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क विकसित किया है. नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में पर्यटक प्रकृति का लुत्फ उठाने और वन्यजीवों की अठखेलियां देखने के लिए पहुंचते हैं. नारगढ़ पार्क में सैलानियों के लिए वन्यजीवों के अलावा चारों तरफ सुखद वातावरण देखने को मिलता है. देखें ये खास रिपोर्ट

नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में 25 प्रजातियों के 170 वन्यजीव मौजूद है...

25 प्रजातियों के 170 वन्यजीव मौजूद...

नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में 25 प्रजातियों के वन्यजीव मौजूद है, जिनमें टाइगर, लॉयन, पैंथर, भालू, जरख, हिप्पो, विभिन्न प्रजातियों के हिरण, सेही, जंगली बिल्ली, लोमड़ी समेत विभिन्न प्रजातियों के 170 वन्यजीव है. हाल ही में भालू ने बच्चे को जन्म दिया है. छोटे बच्चे और भालू की अठखेलियां पर्यटकों रोमांचित करती है. इसके अलावा एग्जॉटिक पार्क में हिप्पो का 6 महीने का बच्चा है, जिसकी अठखेलियां देखकर हर कोई मोहित हो जाता है. लॉयन सफारी में भी पर्यटक खुले वातावरण में लॉयन को घूमता देखकर प्रसन्न होते हैं. पैंथर एंक्लोजर में बने स्ट्रक्चर पर कलाबाजिया करते हैं. नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क विकसित करने का मुख्य उद्देश्य वन्यजीवों का कुनबा बढ़ाना, पर्यटक को वन्यजीवों के प्रति जागरूक करना और वन्यजीवों की संरक्षा करना है.

नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में आनंद लेते पर्यटक...

पहाड़ियां और जंगल के बीच नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क...

नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के एसीएफ जगदीश गुप्ता ने बताया कि नाहरगढ़ जैविक उद्यान नगरी आमेर के पास पहाड़ियां और जंगल के बीच स्थित है. नारगढ़ पार्क में सैलानियों के लिए वन्यजीवों के अलावा चारों तरफ सुखद वातावरण देखने को मिलता है. सबसे खास बात है कि नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में खुले वातावरण में वन्यजीव देखने को मिलते हैं. यहां एग्जॉक्टिक पार्क में हिप्पो जोड़ा पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहता है. हाल ही में हिप्पो ने एक छोटे बेबी को भी जन्म दिया है, जिसकी अठखेलियां देखकर पर्यटक भी रोमांचित हो उठते हैं. हिप्पो अफ्रीका का वन्य जीव है. प्रदेश के अन्य बायोलॉजिकल पार्क में हिप्पो नहीं है. नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क 720 हेक्टेयर में बना हुआ है, जिसमें चिड़ियाघर का क्षेत्रफल करीब 26 हेक्टेयर है.

नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क की खासियत...

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बेबी भालू कर रहा आकर्षित...

नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में वन्यजीव ब्रीड करते हैं, जिस से वन्यजीवों की तादाद बढ़ती रहती है. दो महीने पहले नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में राजस्थान में पहली बार भालू ने छोटे बेबी को जन्म दिया. पार्क में इंडियन वुल्फ की भी सफल ब्रीडिंग हुई. देश के अन्य चिड़ियाघरों में वुल्फ की काफी डिमांड है. वुल्फ यानी भेड़िया के बदले किसी भी प्रकार का वन्यजीव आसानी से एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत मिल जाता है. जब कभी भी टाइगर और लायन लाने की आवश्यकता होती है, तो एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत भेड़िए के बदले लाए जाते हैं. नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में लायन और टाइगर की भी ब्रीडिंग हुई है. इसके अलावा शीतल, सियार और जरख समेत अन्य वन्यजीव भी ब्रीड करते हैं.

नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में भालू...

देश-विदेशों से आते हैं पर्यटक...

कोरोना महामारी के कारण मार्च 2020 में नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क बंद हो गया था. जून 2020 से पार्क को वापस खोला गया, जिसके बाद धीरे-धीरे पर्यटकों का आना शुरू हो गया. इंटरनेशनल फ्लाइट बंद होने की वजह से विदेशी पर्यटक नहीं आ रहे. केवल भारतीय पर्यटक की नाहरगढ़ पार्क में भ्रमण करने पहुंच रहे हैं. राजस्थान के अलावा उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, पंजाब और आसपास के प्रदेशों से पर्यटक घूमने आते हैं. शनिवार और रविवार के दिन पर्यटकों की काफी भीड़ रहती है. अवकाश के दिन करीब 3 हजार पर्यटक विजिट करने पहुंचते हैं.

नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में टाइगर...

पर्यटकों को लिए खास सुविधा...

सुखद और प्राकृतिक वातावरण के साथ पर्यटकों को सभी प्रकार की सुविधाएं भी उपलब्ध करवाई गई है. गर्मी के मौसम को देखते हुए पानी के लिए जगह जगह पर वाटर कूलर लगाए गए हैं, ताकि पार्क में आने वाले पर्यटकों को सुविधा मिल सके. वाटर कूलर से पर्यटकों को आरो का पानी पीने को मिलता है. छाया के लिए भी पार्क में व्यवस्थाएं की गई है. कैंटीन और बच्चों के लिए चिल्ड्रन पार्क की सुविधा भी है. अन्य पार्कों की बजाय नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में लॉयन सफारी है, जो कि प्रदेश की पहली लॉयन सफारी है. खुले जंगल में पर्यटकों को लॉयन देखने को मिलते हैं.

एग्जॉटिक पार्क में हिप्पो का 6 महीने का बच्चा...

टाइगर सफारी का फ्यूचर प्लान...

एसीएफ जगदीश गुप्ता ने बताया कि फ्यूचर प्लान में टाइगर सफारी भी शुरू की जाएगी. नारगढ़ के एग्जॉटिक पार्क में भी कई वन्यजीव लाए जाएंगे. पार्क को लोगों के लिए और भी ज्यादा आकर्षण का केंद्र बनाया जाएगा. लायन सफारी के लिए लायंस लाए जाएंगे, जिसमें दो मेल और एक फीमेल लायन लाने की तैयारी की जा रही है. टाइगर का जोड़ा नंदनकानन चिड़ियाघर से लाने की तैयारी की जा रही है. गोल्डन और वाइट टाइगर दोनों लाए जाएंगे.

प्राकृतिक वातावरण...

नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के क्षेत्रीय वन अधिकारी बनवारी लाल शर्मा ने बताया कि नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में बड़े-बड़े एंक्लोजर बनाए हुए हैं. वन्यजीवों की अठखेलियां देखकर पर्यटक आनंद लेते हैं. पैंथर एंक्लोजर में बने स्ट्रक्चर पर कलाबाजिया करते हैं, जो पर्यटकों को काफी लुभाती है. साथ ही, लॉयन टाइगर समेत अन्य वन्यजीवों की अठखेलियां भी पर्यटकों को काफी पसंद आती है. नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में हिरण की विभिन्न प्रजातियां मौजूद है. पर्यटकों को यहां पर प्राकृतिक वातावरण मिलता है. शुद्ध ऑक्सीजन भी मिलती है.

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