जयपुर. राजस्थान में भले ही अब शिक्षण संस्थानों में 25% का आरक्षण स्थानीय राजस्थान के छात्रों को देने का मानस बन रहा है. लेकिन राजस्थान में लगने वाले उद्योगों में राजस्थानियों के लिए कोई आरक्षण अभी राजस्थान में लागू करने की मंशा सरकार नहीं रखती.
राजस्थान विधानसभा में आज राजस्थान के स्थानीय युवाओं को राजस्थान में लगने वाली औद्योगिक इकाइयों में प्राथमिकता से नौकरी दिए जाने के सवाल के जवाब में मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि किसी भी इंडस्ट्री को राजस्थान सरकार बाध्य नहीं कर सकती कि वह स्थानीय राजस्थानी को ही नौकरी पर रखे. हालांकि परसादी लाल मीणा ने यह भी कहा कि जो इंडस्ट्री राजस्थान के स्थानीय लोगों को 75% तक रोजगार देती है, उस इंडस्ट्री के लिए सरकार अपनी पॉलिसी के अनुसार 75% कर्मचारियों का ईपीएफ और ईएसआई का पुनर्भरण करती है.
उद्योग मंत्री परसादी लाल ने इंडस्ट्री में राजस्थानियों को प्राथमिकता के सवाल पर जवाब दिया इससे काफी फायदा भी राजस्थान में स्थानीय राजस्थानी को मिल रहा है. इस पर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि स्थानीय लोगों को रोजगार मिले यह सभी की सोच है. इस पर भी जब परसादी लाल मीणा ने कहा कि कोई औद्योगिक इकाई अगर 75% राजस्थान के लोगों को नौकरी देती है तो उसे 75% का पुनर्भरण किया जाता है, अगर कोई 50% करता है तो उसे 50% का, लेकिन अगर यह बाध्यता कर दी जाएगी कि उसे स्थानीय लोगों को ही रोजगार पर रखना होगा तो इससे इंडस्ट्री राजस्थान से दूरी बना लेगी.
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जिससे जो रोजगार इंडस्ट्री के जरिये मिल रहा है, उससे भी राजस्थान के लोग वंचित हो जाएंगे. इस पर स्पीकर सीपी जोशी ने मंत्री परसादी लाल मीणा को कहा कि राजस्थान सरकार जो स्किल ट्रेनिंग अपने युवाओं को दे रही है वह स्किल ट्रेनिंग जिस क्षेत्र में जिस काम का उद्योग लग रहा है उसी काम की स्किल ट्रेनिंग अगर देगी तो फायदा ज्यादा होगा. सीपी जोशी ने कहा कि राजस्थान के स्थानीय लोगों को अगर सरकार पहले ही जो इंडस्ट्री लग रही है उसके काम की स्किल दे देगी, तो कंपनी खुद ब खुद ही ऐसे लोगों को ही नौकरी देगी. ऐसे में वर्तमान में चल रही स्किल ट्रेनिंग की जगह सरकार को चाहिए कि वह सही तरीके से स्किल ट्रेनिंग दे.
राजस्थान विधानसभा में आज रीको की जमीन पर अतिक्रमण संबंधित सवाल लगा तो विधायक रामलाल शर्मा ने सवाल पूछते हुए कहा कि बिना मालिकाना हक के रीको का ऐसा कौन सा नियम है कि 1983 से लेकर अब तक आपने बिना स्वामित्व के प्लॉट बेचे गए. जबकि स्वामित्व तो 10 दिन पहले ही आया है. इस सवाल के जवाब पर मंत्री परसादी लाल मीणा ने विधायक रामलाल शर्मा को जवाब दिया कि उनका सवाल लगने के बाद ही 10 दिन पहले इस जमीन का मालिकाना हक लिया है.
1983 में यह औद्योगिक क्षेत्र बनाया गया था फिर यह जमीन आवंटित हो गई, यह आपके सवाल के बाद हमारे ध्यान में आई. अब जमीन का रिकॉर्ड रीको के नाम हो चुका है. इसका सीमा ज्ञान करवाने के लिए कलेक्टर को कह दिया गया है. मंत्री परसादी लाल ने कहा कि 123 बीघा जमीन में से 112 बीघा जमीन पर अभी कब्जा दिया है. इस जमीन पर सब सेंटर, पुलिस चौकी, स्कूल बने हुए हैं. इन सब स्थानों को छोड़कर जो खाली जमीन है वह रीको के सपुर्द कर दी गई है. मंत्री परसादी लाल ने माना कि इस मामले में अधिकारियों की नेगलिजेंस ही रही है, इसके लिए एक हाई पावर कमेटी बनाकर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.