राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

गहलोत सरकार की सोच पाॅपुलिस्टिक घोषणाओं की तरफ ज्यादा, क्रियान्विति पर कमः पूनिया

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. सतीश पूनिया ने राजस्थान विधानसभा में बजट चर्चा पर बोलते हुए कहा कि बजट आर्थिक अनुशासन का देश और प्रदेश के लिए एक जरूरी हिस्सा होता है और उसके तीसरे चरण की चर्चा आज हम लोग कर रहे हैं. एक बड़ी चुनौती होती है बड़े प्रदेश में घोषणाओं के बीच में और सोर्सेज के बीच में, साथ ही सन्तुलन भी एक बड़ी चुनौती है.

By

Published : Mar 18, 2021, 10:11 PM IST

बीजेपी विधायक सतीश पूनिया, Rajasthan Legislative Assembly Proceedings
बीजेपी विधायक सतीश पूनिया

जयपुर.भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. सतीश पूनिया ने राजस्थान विधानसभा में बजट चर्चा पर बोलते हुए कहा कि बजट आर्थिक अनुशासन का देश और प्रदेश के लिए एक जरूरी हिस्सा होता है और उसके तीसरे चरण की चर्चा आज हम लोग कर रहे हैं. एक बड़ी चुनौती होती है बड़े प्रदेश में घोषणाओं के बीच में और सोर्सेज के बीच में, साथ ही सन्तुलन भी एक बड़ी चुनौती है.

डाॅ. पूनिया ने कहा कि राज्य का जो मौजूदा बजट था, उसमें जीएसडीपी का अनुमान था 11,98,348 करोड़ और उसमें जो सबसे ज्यादा योगदान है वो खेती का क्षेत्र है. तीन जो सेक्टर्स थे उनमें सर्विस सेक्टर, इण्डस्ट्री और खेती का योगदान सबसे ज्यादा था, जो पिछली बार से बढ़कर 26.8 प्रतिशत से बढ़कर 29.77 प्रतिशत हुआ, लेकिन जो बजट की घोषणाएं थी, वह खेती और इससे सम्बन्धित सेवाएं थी. उसमें पिछले बजट में 8.5 प्रतिशत थी और अब वह घटकर 7.42 प्रतिशत हो गईं. इसी तरीके से सिंचाई जो खेती से सम्बन्धित है, लेकिन आर्थिक प्रगति में इरीगेशन का बड़ा योगदान वह 3.28 प्रतिशत था, इस बार 3.03 प्रतिशत हो गया.

यह भी पढ़ेंःबड़ी खबर : 1 मई से लागू होगी यूनिवर्सल हेल्थ स्कीम...नाम होगा मुख्यमंत्री चिंरजीवी योजना

पूनिया ने कहा कि खेती के साथ-साथ जो शहरी विकास है वह पिछले प्रावधानों के मुकाबले पिछली बार 9351 करोड़ था और अब 8774 करोड़ हुआ, प्रदेश के औद्योगिक रफ्तार पहले से ही कम थी, इसी तरीके से लगातार तीन बजट भाषण और तीन अभिभाषण हुए, इनके बारे में मैं जो समझ पाया कि किसी प्रदेश की प्रगति के कुछ मूल कारक होते हैं, वह जगह है हर स्तर पर चर्चा की, खेती की मैंने चर्चा की. डाॅ. पूनियां ने कहा कि रोजगार किसी भी प्रदेश की एक बड़ी मांग होती है, जिसके आधार पर एक नई आबादी, नई जनरेशन किसी भी प्रदेश की प्रगति में योगदान करती है. कानून व्यवस्था ठीक होगी, शांति होगी, तो वो प्रदेश और ज्यादा तरक्की कर पाएगा. शिक्षा बुनियादी जरूरत होती है, बुनियादी जरूरत की पूर्ति के लिए अगर आपके पास कोई रोडमैप होगा, आपकी घोषणाओं में कोई साम्यता होगी, सन्तुलन होगा, तो आप उसको ठीक से कर पाएंगे.

डाॅ. पूनिया ने कहा कि कुछ यक्ष प्रश्न राजस्थान की जनता के समक्ष है और किसी भी तरीके से मुख्यमंत्री महोदय जब जवाब दें तो सबसे बड़ा प्रश्न है किसानों की सम्पूर्ण कर्जमाफी का, राजस्थान के 59 लाख किसान 99 हजार करोड की कर्जमाफी का इंतजार कर रहे हैं, कर्जमाफी नहीं होने से प्रदेश के विभिन्न जिलों में कई किसान आत्महत्या भी कर चुके हैं. सरकार को सोचना पड़ेगा कि जो सम्पूर्ण किसान कर्जमाफी का जो वादा किया था, उसे चाहे चरणबद्ध रूप से पूरा किया जाये, लेकिन वादा पूरा हो. पूनिया ने कहा कि जिस पाॅपुलिस्टिक की मांग की बात मैं कर रहा हूं आप भी उससे वाकिफ हैं, स्कूलों की घोषणा होती है, लेकिन राजस्थान के हजारों स्कूल आज ऐसे हैं जहां बिजली नहीं है, मैं जान सकता हूं कि मेरे विधानसभा क्षेत्र में कई स्कूल ऐसे हैं, जहां बच्चियों के टाॅयलेट्स की डिमांड होती है, यानी शिक्षा का इंफ्रास्ट्रक्चर उसका रोडमैप क्या है? घोषणा तो कर दी आपने, लेकिन वह पूरा कैसे होगा, काॅलेजों की घोषणाएं कर दी, वह पूरे कैसे होंगे?

यह भी पढ़ेंःअशोक गहलोत ने राज्यों को 50% आरक्षण की सीमा से छूट देने की वकालत की

पूनिया ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर आपने कहा कि विधायक कोष से एक-एक करोड रुपए देंगे, लेकिन सरकार क्या देगी? राज्य सरकार और उनके सदस्य केन्द्र पर झूठी तोहमत तो जरूर लगाते हैं, लेकिन पूरे प्रदेश को आर्थिक रूप से सम्बल देने का केन्द्र सरकार जो कार्य करती है उसको लेकर ये ताजा आंकड़ें हैं, लगभग 42 प्रतिशत पैसा जो राज्य सरकार को मिलेगा, वो केन्द्रीय हस्तांतरण के रूप में मिलेगा, इसलिए केवल केन्द्र पर तोहमत लगाने से नहीं राजस्थान की सरकार के अपने साॅर्सेज क्या हैं, घोषणाएं तो बहुत हुई हैं. पूनिया ने कहा कि इसी तरीके से डीजल और पेट्रोल पर वैट कम करने की मांग, ये कोई सियासी मांग नहीं है, ये पूर्ति होती है तो पड़ौस के राज्यों से जिस तरीके से स्मग्लिंग होती है वो बंद होगी, वाॅल्यूम बढ़ेगा तो सरकार को रेवेन्यू निश्चित रूप से मिलेगा. आप अच्छे तरीके से जानते हैं कि हरियाणा से, गुजरात से और मध्यप्रदेश से राजस्थान के लोग डीजल-पेट्रोल लाते हैं, एक बड़ा वाॅल्यूम ये उन प्रदेशों को रेवेन्यू के रूप में मिलता है. अगर डीजल-पेट्रोल पर वैट कम होगा तो हमारे प्रदेश का रेवेन्यू का वाॅल्यूम बढ़ेगा और हमें उसका लाभ होगा.

ABOUT THE AUTHOR

...view details