जयपुर.प्रदेश में विकास प्राधिकरण के प्रवर्तन दस्ते ने मंगलवार को कार्रवाई करते हुए महेश नगर के पास करीब 2 बीघा जमीन पर अवैध कॉलोनी बसाने के प्रयास को विफल किया. इसके साथ ही पीआरएन नॉर्थ में दो कॉलोनी की रोड सीमाओं में बने अवैध निर्माण ध्वस्त किया और यहां सड़क सीमा में लगे गेटों को जब्त करते हुए सड़क को अतिक्रमण मुक्त करवाया गया.
जेडीए के जोन 5 क्षेत्राधिकार महेश नगर के पास करतारपुरा नाले के पास 2 बीघा निजी खातेदारी भूमि पर अवैध आवासीय कॉलोनी बसाई जा रही थी. यहां जेडीए की अनुमति के बिना बाउंड्री वॉल और अन्य अवैध निर्माण किए गए थे. जिसे राजस्व और तकनीकी शाखा की निशानदेही पर ध्वस्त करते हुए अवैध कॉलोनी बसाने के प्रयास को विफल किया गया.
वहीं, कृषि भूमि पर अवैध कॉलोनी बसाने के चलते संबंधित निजी खातेदार के खिलाफ धारा 175 राजस्थान काश्तकारी अधिनियम के तहत कार्रवाई करते हुए, खातेदारी सरकार के नाम करने के संबंध में विधि सम्मत कार्रवाई के लिए जोन उपायुक्त को लिखा गया. इसके साथ ही ध्वस्तीकरण की कार्रवाई का नियमानुसार खर्चा वसूली की कार्रवाई भी की जाएगी.
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इसके साथ ही जोन 6 क्षेत्राधिकार में गोकुलपुरा कालवाड़ रोड के पास 100 फीट सेक्टर की तरफ जाने वाली मंगल विहार विस्तार कॉलोनी में अतिक्रमण कर 70 फीट लंबी तारबंदी, लोहे की जालियां और दो गेट लगाकर रास्ता अवरुद्ध किया गया था. जिसे हटाते हुए रोड को अतिक्रमण मुक्त कराया गया. वहीं जोन 4 में टोंक रोड के पास स्थित तारों की कूट में रूद्राक्ष रेजिडेंसी के पास आम रास्ते पर अवैध निर्माण और गेट लगाकर रास्ते को अवरुद्ध किया गया था. जिसे हटाने की कार्रवाई भी की गई.
जोन 4 में ही जगतपुरा रोड पर गैर अनुमोदित योजना सिद्धार्थनगर में सेटबैक और बायलॉज का उल्लंघन कर बनाए गए चार कमरे और अन्य निर्माण को रोकने के लिए जेडीए की धारा 32, 33 के निर्देश दिए गए थे. बावजूद इसके अवैध निर्माण जारी रखा गया. जिसे मंगलवार को जेडीए एक्ट की धारा 34(क) के तहत सील किया गया.
उधर, ग्रेटर नगर निगम में राजस्थान संपर्क पोर्टल, कॉल सेंटर और पार्षदों से मिली अस्थाई अतिक्रमण की शिकायतों पर कार्रवाई की गई. ग्रेटर नगर निगम की विजिलेंस टीम ने सांगानेर और मानसरोवर जोन क्षेत्र में अस्थाई अतिक्रमण पर कार्रवाई करते हुए दो कैंटर सामान जब्त किया. साथ ही सरकारी जमीन पर गंदगी फैलाने वालों से 49 हजार 700 का कैरिंग चार्ज वसूला है. इसके साथ ही कोरोना गाइडलाइन की पालना नहीं करने वालों पर कार्रवाई करते हुए 1500 का जुर्माना वसूला गया.