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मिनी स्टिफन हॉकिंग्स कहे जाने वाले ह्रदयेश्वर सिंह भाटी ने दुनिया को कहा अलविदा, 9 साल की उम्र बने थे पेटेंटधारक

मिनी स्टीफन हॉकिंग्स कहे जाने वाले 19 साल के ह्रदयेश्वर सिंह भाटी का हर्ट अटैक से बुधवार को निधन हो गया. ह्रदयेश्वर सिंह भाटी को उनकी खोज के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.

ह्रदयेश्वर सिंह भाटी का निधन, Hridayeshwar Singh Bhati passes away
मिनी स्टिफन हॉकिंग्स कहे जाने वाले ह्रदयेश्वर सिंह भाटी का निधन

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Published : Jun 16, 2021, 4:32 PM IST

जयपुर.देश के मिनी स्टीफन हॉकिंग्स (Mini Stephen Hawking) के रूप में चर्चित राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित (Honored With National Award) ह्रदयेश्वर सिंह भाटी (Hridayeshwar Singh Bhati) का बुधवार को निधन हो गया. जयपुर के रहने वाले 19 साल के ह्रदयेश्वर का हार्टअटैक से निधन हो गया.

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2020 में राष्ट्रीय शक्ति पुरस्कार (National Power Award) से सम्मानित ह्रदयेश्वर ने 85 फीसदी विकलांगता के बावजूद ऐसे आविष्कार किए कि देश के राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री तक उसके मुरीद हो गए.

राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित मिनी स्टिफन हॉकिंग्स

शतरंज के क्षेत्र में सात नयी खोज और तीन पेटेंट अपने नाम कर चुके इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्डस और इंडिया रिकॉर्डस में नाम दर्ज करवाने वाले ह्रदयेश्वर अब इस दुनिया में नहीं रहे. देर रात ह्रदयेश्वर सिंह को हार्ट अटैक आया और उनका निधन हो गया.

9 साल की उम्र बने पेटेंटधारक

ह्रदयेश्वर मांसपेशियों की लाइलाज बीमारी ड्यूशेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी (Duchenne Muscular Dystrophy) से पीड़ित थे. जिसकी वजह से उनका जीवन व्हील चेयर पर ही सिमट गया था.

राष्ट्रीय बाल शक्ति पुरस्कार से भी सम्मानित

हृदयेश्वर सिंह ने 7 आविष्कार के साथ 3 पेटेंट अपने नाम किए और कई पुरस्कार जीते थे. मात्र नौ साल की उम्र में गोलाकार शतरंज की खोज कर, पेटेंट हासिल करने वाले भाटी को 'मिनी स्टीफन हॉकिंग' (Mini Stephen Hawking) के नाम से पहचान मिली. ह्रदयेश्वर सिंह भाटी को गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रीय बाल शक्ति पुरस्कार से भी सम्मानित किया.

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