जयपुर. राज्य सरकार की ओर से प्रदेश में आतिशबाजी और पटाखों पर पाबंदी लगाने के खिलाफ दायर याचिका पर हाईकोर्ट में 6 नवंबर तक सुनवाई टल गई है. न्यायालय ने पटाखों की बिक्री और आतिशबाजी करने पर जुर्माना लगाने के आदेश को रिकॉर्ड पर लेने को कहा है. न्यायाधीश अशोक गौड़ ने यह आदेश राजस्थान फायर वर्कर्स डीलर एंड मैन्यूफेक्चर्स एसोसिएशन की याचिका पर दिए. राज्य सरकार की ओर से नियमों में संशोधन कर जुर्माना राशि तय करने के खिलाफ एसोसिएशन की ओर से गुरुवार को खंडपीठ में याचिका पेश की जाएगी.
एकलपीठ के समक्ष दायर याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार के इस फैसले से पटाखा उद्योग से जुड़े हजारों लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट आ गया है. इसके अलावा कारोबारियों के करोड़ों रुपए का एडवांस भी फंस गया है. याचिका में कहा गया कि दूसरे किसी भी राज्य में आतिशबाजी और पटाखों पर पाबंदी नहीं है. इसके अलावा किसी बड़ी एजेंसी या संस्था ने भी किसी रिसर्च में यह दावा नहीं किया है कि पटाखे चलाने से कोरोना फैलेगा.
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याचिका में कहा गया कि पटाखों से निकलने वाले धुएं के मुकाबले फैक्ट्रियां और वाहन अधिक प्रदूषण फैलाते हैं. याचिका में यह भी कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट पूर्व में आतिशबाजी करने की समय सीमा तय कर चुका है, ऐसे में राज्य सरकार को पटाखों पर पूरी तरह से पाबंदी लगाने के बजाए इनके लिए समय सीमा तय कर देनी चाहिए.