जयपुर. राजस्थान सरकार द्वारा एक राज्य से दूसरे राज्य में आवागमन के पास जारी करने के अधिकार कलेक्टर से वापसी लेने के बाद पूर्व में पास जारी करवा चुके हजारों प्रवासियों के सामने खड़ी हुई परेशानी को लेकर आरएलपी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने सीएम अशोक गहलोत पर ट्वीट करके तंज कसा.
साथ ही पत्र लिखकर राजस्थान सहित अन्य राज्य की सीमाओं पर रोके गए प्रवासी राजस्थानी लोगों को आने की अनुमति देने हेतु संबन्धित अफसरों और सम्बंधित राज्यों की सरकारों से बात करने की मांग की. सांसद ने जारी बयानों में सीएम अशोक गहलोत पर आरोप लगाते हुए कहा कि ब्यूरोक्रेट्स के भंवरजाल में फंसे सीएम गहलोत नीतिगत निर्णय लेने में असक्षम है.
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जिन लोगों को सरकार के आदेशों से कलेक्टर ने पास जारी करने की अनुमति दे दी. उन्हे तो कम से कम आने देते. मगर हजारों बिलखते बच्चो और गर्भवती माताओं की पीड़ा को अनदेखा करके उन्हे भी राज्य की सीमाओं पर रुकवा दिया. वहीं कोरोना कंट्रोल करने को लेकर भी सीएम चंद अफसरों की रिपोर्ट के आधार पर निर्णय ले लेते है, जबकि खुद सीएम मारवाड की पृष्ठभूमि से आते है, उसके बावजूद खुद के गृह जिले जोधपुर के लिए कोरोना रोकथाम को कोई प्रभावी एक्शन प्लान नहीं बना पाए.
हनुमान बेनीवाल ने किया ट्वीट यह मांग भी की
सांसद हनुमान बेनीवाल ने सीएम गहलोत को पत्र लिखकर निजी वाहनों से आने की अनुमति चाहने वाले प्रवासी लोगों को लिए पृथक से एकल सिस्टम वेबसाइट और एप जारी करने की मांग की, उन्होने कहा कि पास की अनुमति चाहने वाले प्रवासी को संबन्धित राज्य के प्रशासन से समन्व्य स्थापित करके पास जारी करने की व्यवस्था शुरू की जाए.
जिससे उन्हे रास्ते में भटकना नहीं पड़े और केवल मेडिकल जांच के अलावा उन्हे नहीं रोका जाए. वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भी ट्वीट करके मामले में हस्तक्षेप करके विभिन्न राज्यों में रास्तों में फंसे हुए प्रवासी राजस्थानी लोगों को आने की अनुमति दिलवाने की मांग की.
टिड्डी का हो तत्काल प्रभावी नियंत्रण
सांसद ने राजस्थान के बाड़मेर, श्रीगंगानगर, जैसलमेर और नागौर जिले में आए टिड्डी दल की स्थिति को लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को पत्र लिखकर टिड्डी के प्रभावी नियंत्रण को लेकर तत्काल कदम उठाने की मांग की. वहीं इस मामले को लेकर राज्य के सीएम गहलोत और प्रदेश के कृषि मंत्री लालचंद कटारिया को भी पत्र लिखा.
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गौरलतब है कि सांसद ने लोकसभा सत्र में भी टिड्डी नियंत्रण को लेकर मांग उठा चुके हैं. उन्होंने सदन में टिड्डी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने और केंद्र के स्तर से टिड्डी आपदा पैकेजे जारी करने की भी मांग की थी. सांसद द्वारा मुद्दा उठाने के बाद केंद्र सरकार ने टिड्डी से हुए नुकसान के आंकलन को लेकर प्रदेश में अध्ययन दल भेजा था.