जयपुर. रीट परीक्षा अनियमितता मामले में शनिवार को एसओजी जांच की तारीफ करने वाले नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने रविवार को अपने बयान से यू टर्न ले लिया. अब कटारिया भी इस प्रकरण की सीबीआई जांच करवाने की मांग कर रहे हैं. कटारिया की मानें तो इस प्रकरण में जिन लोगों के नाम सामने आए रहे हैं, वह राजीव गांधी स्टडी सर्किल के कोऑर्डिनेटर के पद पर भी तैनात है. लिहाजा अब रीट अनियमितता मामले की जांच (Gulab Chand Kataria on REET paper leak) पुलिस के बजाय सीबीआई से ही करवाना बेहतर होगा.
रविवार को कटारिया ने एक बयान जारी कर यह बात कही. कटारिया ने कहा कि रीट परीक्षा में 14 लाख बच्चे शामिल हुए. कटारिया ने कहा कि इस परीक्षा में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को कुछ जिम्मेदारियां दी गईं. लेकिन जयपुर में शिक्षा संकुल व्यवस्था के लिए माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष डीपी जारोली ने सरकार की मिलीभगत से उन लोगों को जिम्मेदारियां दीं, जो राजीव गांधी स्टडी सर्किल से जुड़े हैं.
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सीएम ऑल इंडिया चेयरमैन और गर्ग नेशनल कोऑर्डिनेटर है-कटारिया
कटारिया ने कहा राजीव गांधी स्टडी सर्किल के ऑल इंडिया चेयरमैन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हैं. जबकि नेशनल कोऑर्डिनेटर मंत्री सुभाष गर्ग हैं. कटारिया के अनुसार शिक्षा संकुल में पेपर की जिम्मेदारी जिन लोगों को जारोली ने सौंपी थी, उनमें प्रदीप पाराशर और राम कृपाल मीणा सहित चार वे लोग थे जो राजीव गांधी स्टडी सर्किल में कोऑर्डिनेटर रहे हैं. उनकी नियुक्ति मुख्यमंत्री ने राजीव गांधी स्टडी सर्किल में की थी.
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कटारिया के अनुसार जिन व्यक्तियों की नियुक्ति इस संस्थान में मुख्यमंत्री ने की थी, उन्हें ही रीट परीक्षा अनियमितता में दोषी मानते हुए गिरफ्तार किया गया है. ऐसे में अब इस प्रकरण की जांच राजस्थान पुलिस के बस की नहीं. इसीलिए इसकी जांच सीबीआई को देना चाहिए ताकि जो छींटा मुख्यमंत्री के ऊपर लग रहा है, उसे साफ किया जा सके.