जयपुर.राज्य सरकार के दिशा निर्देशों के बाद सोमवार से धार्मिकस्थल खुल गए, लेकिन मंदिरों की रोजी-रोटी पर निर्भर रहने वाले परिवारों के द्वार अभी भी बंद है. क्योंकि मंदिरों में इष्टदेव को फूल-मालाएं और प्रसाद भेंट करने पर रोक है. ऐसे में मंदिर के बाहर फूल-मालाएं और प्रसाद बेचने वाले दुकानदार चिंतित है.
धार्मिकनगरी छोटी काशी के कई मंदिरों के बाहर लगने वाली दुकानों और थड़ी वालों के परिवार मंदिर में आने वाले भक्तों पर निर्भर रहते है. जहां उनका गुजारा श्रदालु के प्रसाद खरीदने और भगवान के आगे फूल-मालाओं की भेंट चढ़ाने से चलता है, लेकिन राज्य सरकार ने 7 सितंबर से मंदिरों के कपाट तो खोल दिए, लेकिन इन दुकानदारों की रोजी-रोटी को अभी भी लॉक रखा है. जिसके चलते इनकी माली हालत पहले से ज्यादा बिगड़ती जा रही है.
ऐसे में मंदिरों के बाहर प्रसाद बेचने वाले दुर्गा नारायण का कहेना है कि राज्य सरकार ने मंदिरों को खोलने का निर्णय अच्छा लिया, लेकिन अब उनके रोजगार के रास्ते खोलने लिए भी कोई रास्ता निकाले. ताकि रोजी-रोटी के बिगड़े हालात सुधर सके. क्योंकि फिलहाल तो उनके काम धंधे बिल्कुल चौपट है और 6 माह से हाथ पर हाथ धरे बैठे है.