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राजस्थान उपचुनाव 2021: चुनाव प्रचार के लिए बीजेपी ने घनश्याम तिवाड़ी को किया आगे, सुजानगढ़ में करेंगे जनसभा

राजस्थान की तीन विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव में भाजपा के स्टार प्रचारक सूची में शामिल वसुंधरा राजे अब तक नजर नहीं आईं, लेकिन प्रदेश भाजपा ने पहले वसुंधरा के भतीजे ज्योतिरादित्य को और फिर अब उनके घोर विरोधी रहे घनश्याम तिवाड़ी को चुनाव प्रचार में आगे कर दिया है. तिवाड़ी सोमवार को सतीश पूनिया के साथ सुजानगढ़ में चुनावी जनसभा को संबोधित करेंगे.

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Published : Apr 12, 2021, 9:23 AM IST

Ghanshyam Tiwari visits Sujangarh, by election in Sujangarh
चुनाव प्रचार के लिए बीजेपी ने घनश्याम तिवाड़ी को किया आगे

जयपुर.कहते हैं कि राजनीति में कोई किसी का स्थाई शत्रु या मित्र नहीं होता, क्योंकि राजनीति हर पल के साथ अपने कई रंग बदलती है. प्रदेश की 3 सीटों पर हो रहे उपचुनाव में भी कुछ ऐसा ही दिख रहा है. भाजपा के स्टार प्रचारक सूची में शामिल वसुंधरा राजे उपचुनाव में अब तक नजर नहीं आई, लेकिन प्रदेश भाजपा ने पहले वसुंधरा के भतीजे ज्योतिरादित्य को और फिर अब उनके घोर विरोधी रहे घनश्याम तिवाड़ी को चुनाव प्रचार में आगे कर दिया है.

घनश्याम तिवारी सोमवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया के साथ सुजानगढ़ में एक बार फिर चुनावी सभा को संबोधित करते नजर आएंगे. यही नहीं तिवाड़ी को खुद सतीश पूनिया अपने साथ जयपुर से सुजानगढ़ लेकर गए हैं और कई जगह पूनिया के साथ उनका स्वागत भी होगा. हालांकि पूनिया सुजानगढ़ के बाद राजसमंद क्षेत्र में कांकरोली बस स्टैंड पर चुनावी सभा को संबोधित करेंगे, लेकिन घनश्याम तिवाड़ी केवल सुजानगढ़ तक ही चुनाव प्रचार में उनके साथ रहेंगे. इससे पहले भी सुजानगढ़ में भाजपा प्रत्याशी खेमाराम मेघवाल के नामांकन कार्यक्रम में हुई चुनावी सभा में घनश्याम तिवाड़ी नजर आए थे और उन्होंने भाजपा प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह और आला नेताओं के साथ मंच भी साझा किया था.

पिछले दिनों वापस भाजपा में हुए थे शामिल, राज्य के खिलाफ छोड़ चुके हैं अपनी तल्खी

घनश्याम तिवाड़ी पिछले दिनों दिसंबर में वापस भाजपा में शामिल हुए थे और उसके बाद पहली बार पार्टी के किसी कार्यक्रम में उपचुनाव में ही सुजानगढ़ क्षेत्र में नजर आए थे. अब आज दूसरी बार वो सुजानगढ़ में भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार करेंगे. इसके पहले पिछले विधानसभा चुनाव में घनश्याम तिवारी ने अपनी अलग राजनीतिक
पार्टी बना ली थी और भाजपा से अलग हो गए थे, लेकिन सियासी दंगल में उनकी पार्टी दीनदयाल वाहिनी सफल नहीं हो पाई. उसके बाद उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया, लेकिन संघ विचारधारा के चलते हुए कांग्रेस में खुद को एडजस्ट नहीं कर पाए. ऐसे में वापस भाजपा परिवार में उन्हें शामिल कर लिया गया.

घनश्याम तिवाड़ी की गिनती वसुंधरा राजे के घोर विरोधी में होती है, हालांकि भाजपा में वापस शामिल होने के बाद तिवाड़ी ने वसुंधरा राजे को लेकर अपनी तल्खी छोड़ दी है और बताया यह भी जा रहा है कि पिछले दिनों वसुंधरा राजे के जन्मदिन पर तिवाड़ी ने दूरभाष के जरिए उन्हें शुभकामनाएं भी दी थी.

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