जयपुर. प्रदेश की गहलोत सरकार ने गुरुवार को एक बड़ा फैसला किया है. जिसके अनुसार आने वाले पंचायती राज चुनाव नए परिसीमन के आधार पर होंगे. गहलोत सरकार ने ग्राम पंचायतों और पंचायत समितियों के परिसीमन का आदेश जारी कर दिया है. अब 40 या इससे अधिक ग्राम पंचायतें होने पर पंचायत समितियों का पुनर्गठन होगा. साथ ही दो लाख से अधिक आबादी का होना भी जरूरी होगा. पंचायत विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश्वर सिंह ने यह आदेश जारी किया है.
गहलोत सरकार का बड़ा फैसला, पंचायत समितियों के पुनर्गठन का आदेश जारी
प्रदेश की गहलोत सरकार ने ग्राम पंचायतों और पंचायत समितियों के परिसीमन का आदेश जारी कर दिया है. जिसके अनसुार अब 40 या इससे अधिक ग्राम पंचायतें होने पर पंचायत समितियों का पुनर्गठन होगा. सहरिया क्षेत्र और चार मरुस्थलीय जिलों में अलग नियम होगा.
प्रदेश में सहरिया क्षेत्र और चार मरुस्थलीय जिलों को छोड़कर राज्य के शेष जिलों में 40 या इससे अधिक ग्राम पंचायतों की संख्या तथा 2 लाख या उससे अधिक आबादी वाली पंचायत समितियों का पुनर्गठन किया जाएगा. पुनर्गठन एवं नवसृजित पंचायत समिति में न्यूनतम 25 ग्राम पंचायतें होंगी. सहरिया क्षेत्र (किशनगंज एवं शाहबाद) और चार मरुस्थलीय जिला बीकानेर, बाड़मेर, जैसलमेर और जोधपुर के लिए 40 एवं उससे अधिक ग्राम पंचायतों की संख्या तथा डेढ़ लाख या उससे अधिक आबादी वाली पंचायत समितियों का पुनर्गठन किया जाएगा. पुनर्गठन एवं नवसृजित पंचायत समिति में न्यूनतम 20 ग्राम पंचायत रखी जाएगी.
आपको बता दें कि कांग्रेस सरकार ने प्रदेश के 193 स्थानीय निकाय में परिसीमन कर 1 हजार 903 नए वार्ड बनाए हैं. अब नगर पालिका, नगर परिषद और नगर निगम में 5 हजार 377 की जगह 7 हजार 280 वार्ड होंगे. अगले साल फरवरी में होने वाले चुनाव को देखते हुए सरकार पंचायतों के पुनर्गठन में जुट गई है. स्थानीय निकायों एवं पंचायतों का नवंबर 2014 में पिछली भाजपा सरकार ने पुनर्गठन किया था.