जयपुर.आमेर की पहाड़ियों पर स्थित वॉच टावर पर आकाशीय बिजली गिरने के बाद सबसे पहले ईटीवी भारत की टीम वहां पहुंची. जब ईटीवी भारत की टीम वहां पहुंची को एसडीआरएफ और पुलिस प्रशासन की तरफ से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा था. अभी भी कुछ लोगों के खाई में गिरे होने की आशंका के चलते रातभर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जाएगा. बिजली गिरने के बाद का भयावह मंजर अपनी कहानी खुद बयां कर रहा है. वॉच टावर के दोनों तरफ खाई के बीच रियासतकालीन एक बुर्ज पर लोग प्राकृतिक आपदा से हार गये और काल का ग्रास बन गए.
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आमेर के विहंगम दृश्य को निहारने के लिए मावठे के ठीक सामने करीब 2000 फीट ऊंची पहाड़ी पर बने रियासतकालीन वॉच टावर पर पर्यटकों और स्थानीय लोगों का आना-जाना लगा रहता है. रविवार को भी इसी तरह करीब 35 से 40 लोग वहां मौसम का लुत्फ उठाने के लिए पहुंचे थे. लेकिन अचानक आकाशीय बिजली गिरने से 11 लोगों की मौत हो गई. ईटीवी भारत के संवाददाता जब घटनास्थल पर पहुंचे तो यहां एसडीआरएफ, पुलिस प्रशासन और सिविल डिफेंस की टीमें बुर्ज की तरह दिखने वाले वॉच टावर के दोनों तरफ खाई में रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही थी.
आकाशीय बिजली गिरने के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन जारी पढ़ें: Ground Report: आकाशीय बिजली गिरने के बाद का खौफनाक मंजर, घायल मदद के लिए चीख रहे थे, लाशें बिखरी पड़ी थी
आकाशीय बिजली गिरने से बुर्ज का समतल सरफेस भी उबड़ खाबड़ हो गया है. यही नहीं आस-पास छोटे जीव और चमगादड़ भी मरे मिले हैं. एसडीआरएफ के जवानों ने बताया कि जब वो यहां पहुंचे तो कई डेड बॉडी पड़ी हुई थी. जो लाइव विक्टिम थे, उन्हें सबसे पहले नीचे पहुंचाया गया और एंबुलेंस से अस्पताल ले जाया गया. इसके अलावा जो शव थे, उन्हें भी बाद में नीचे उतारकर मोर्चरी में भिजवाया गया. एसडीआरएफ के जवानों ने बताया कि अभी भी लाइन सर्च किया जा रहा है. क्षेत्र में लेपर्ड और दूसरे जंगली जानवर भी हैं, जो जीवित या मृत व्यक्ति के शव को नुकसान पहुंचा सकते हैं. इसलिए रात भर सर्च अभियान जारी रखा जाएगा.
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जयपुर के हांडीपुरा में रहने वाला ईशाक का परिवार अपने 12 साल के बेटे जीशान का इंतजार करता ही रह गया. जीशान आमेर घूमने के लिए आया था और आकाशीय बिजली की चपेट में आ गया. इस प्राकृतिक आपदा में मरने वालों में जीशान सबसे कम उम्र का था. बाकी सभी मृतकों की उम्र लगभग 20 से 27 के बीच है. आशंका जताई जा रही है कि जिस समय आकाशीय बिजली गिरी, उससे कई लोग पहाड़ियों के बीच खाई में भी गिर गए होंगे. यही वजह है कि रेस्क्यू ऑपरेशन सुबह तक चलेगा.
बहरहाल, एक प्राकृतिक आपदा जयपुर के उस पर्यटन स्थल पर आई जहां अक्सर बड़ी संख्या में देशी-विदेशी पर्यटकों की आवाजाही बनी रहती है. लेकिन रविवार जो लोग आमेर की सुनहरी वादियों और प्रकृति को अपने कैमरे में कैद करने के लिए आए वो इस वॉच टावर पर ही प्राकृतिक आपदा के शिकार हो गए.