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EXCLUSIVE: 3 मंत्री और 24 भाजपा सांसद फिर भी राजस्थान को उसका हक नहीं मिला: बीडी कल्ला

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Published : Jun 2, 2021, 10:23 PM IST

केंद्र की मोदी सरकार के 7 साल के कार्यकाल को प्रदेश के उर्जा और जलदाय मंत्री डॉ. बीडी कल्ला (BD Kalla) निराशाजनक बताते हैं. ईटीवी भारत (ETV BHARAT) से खास बातचीत के दौरान कल्ला ने कहा कि राजस्थान से 3 केंद्रीय मंत्री और 24 भाजपा सांसद हैं, लेकिन इसके बाद भी राजस्थान को उसका हक नहीं मिला.

Kalla targets BJP,  Energy minister bd kalla
बीडी कल्ला से खास बातचीत-2

जयपुर.केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) के 2.0 के 2 साल का कार्यकाल पूरा हो गया है, लेकिन 7 सालों में राजस्थान के एक बड़े मुद्दे अब तक अनसुलझे हैं. यह स्थिति तो तब है जब मोदी सरकार वन में राजस्थान (Rajasthan) के 9 सांसद-मंत्री रहे और मोदी सरकार टू में 3 मंत्री रहे. यही कारण है कि प्रदेश के उर्जा और जलदाय मंत्री डॉ. बीडी कल्ला (Dr. BD Kalla) केंद्र सरकार के कार्यकाल को निराशाजनक बताते हैं. ईटीवी भारत से खास बातचीत में कल्ला (BD Kalla Interview) ने उन तमाम प्रोजेक्ट और मांगों को भी गिनाया, जिसे केंद्र सरकार में अटका कर रखा है.

बीडी कल्ला से खास बातचीत-1

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पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (Eastern Rajasthan Canal Project)

ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान ऊर्जा और जलदाय मंत्री डॉक्टर बीडी कल्ला (BD Kalla) ने कहा कि राजस्थान का सबसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (Eastern Rajasthan Canal Project) अब तक अटका हुआ है. जबकि ये मंजूर होता तो प्रदेश के 13 जिलों में पेयजल की दृष्टि से राहत मिलती. कल्ला के अनुसार यह प्रोजेक्ट तो वसुंधरा राजे सरकार (Vasundhra Raje Government) के कार्यकाल में ही तैयार हुआ,लेकिन फिर भी केंद्र में भाजपा की सरकार (BJP Government) ने इस ओर ध्यान नहीं दिया और न ही प्रदेश से आने वाले केंद्रीय मंत्री इस प्रोजेक्ट के लिए कुछ कर पाए.

अंतर राज्य जल विवाद (inter state water dispute)

जलदाय और ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला (BD Kalla) केंद्रीय मंत्रियों और मोदी सरकार (Modi Government) की एक बड़ी विफलता हरियाणा, गुजरात, पंजाब और मध्य प्रदेश के साथ चल रहा जल विवाद अब तक ना सुलझा पाना बताया. कल्ला के अनुसार इस जल विवाद (Water Dispute) का समाधान केंद्र की सरकार करवा सकती थी, लेकिन राजस्थान से केंद्रीय जल मंत्री होने के बावजूद इसमें कोई सुधार नहीं हुआ और राजस्थान को उसके हक का पानी आज तक नहीं मिल पाया.

नदियों को आपस में जोड़ने का प्रोजेक्ट (river interlinking project)

ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान डॉक्टर बीडी कल्ला ने कहा कि राजस्थान से 24 भाजपा और एक आरएलपी का सांसद है और इनमें भी तीन सांसद केंद्रीय मंत्री भी हैं, लेकिन राजस्थान को उसका हक दिलवा पाने में ये विफल रहे. कल्ला ने कहा कि राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) ने नदियों को आपस में जोड़ने से जुड़े कई प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजे, लेकिन उनमें से अधिकतर ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. जिसके चलते यह काम अटका हुआ है. मंत्री कल्ला के अनुसार इस काम में भी राजस्थान के सांसद और केंद्रीय मंत्री विफल रहे.

बीडी कल्ला से खास बातचीत-2

जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) में अनुदान बनाने का प्रस्ताव ठंडे बस्ते में

डॉ बीडी कल्ला के अनुसार पिछली यूपीए सरकार (UPA Government) में रेगिस्तानी क्षेत्रों के लिए 100 फीसदी अनुदान केंद्र सरकार देती थी और अन्य स्थानों के लिए 90 फसीदी तक अनुदान मिलता था, लेकिन इस बार जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) में केंद्र सरकार (Central Government) 45 फीसदी अनुदान ही दे रही है.

बीडी कल्ला ने कहा कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के दौरान जब राज्य में आर्थिक स्थिति खराब हो गई और प्रदेशों की आय 80 फीसदी तक कम हो गई, तब निश्चित तौर पर विकास के प्रोजेक्टों पर इसका असर पड़ेगा. फिर भी राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) पेयजल से जुड़े प्रोजेक्टों पर तत्परता से काम कर रही है.

कल्ला ने कहा हमने कई बार केंद्र सरकार से जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) के तहत अनुदान की राशि 90 फीसदी करने का आग्रह किया, लेकिन हमारे प्रदेश से केंद्रीय मंत्री होने के बावजूद राजस्थान की मांग अब तक अधूरी है. कल्ला ने कहा यदि 90 फीसदी अनुदान मिलता तो राजस्थान में यह प्रोजेक्ट तेजी से दौड़ता.

फिक्स चार्ज माफी का प्रस्ताव (Fixed charge waiver proposal) भी ठंडे बस्ते में...

ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान बीडी कल्ला ने कहा कि राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री से आग्रह किया था और प्रस्ताव भी दिया था कि कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के दौरान बिजली उत्पादन कंपनियां जो फिक्स चार्ज बिजली वितरण कंपनियों से लेती है वो माफ हो या फिर सरकार उसका पुनर्भरण करें. लेकिन केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने इस प्रस्ताव को भी ठंडे बस्ते में डाल दिया.

बीडी कल्ला के अनुसार यह मांग कोरोना काल (Corona) में प्रदेश के आम बिजली उपभोक्ताओं की राहत के लिए दिया गया था क्योंकि डिस्कॉम (Discom) को तो बिजली उत्पादन कंपनियों को फिक्स्ड चार्जेस देना ही पड़ता है और इसीलिए आम उपभोक्ताओं से उसकी वसूली होती है. लेकिन कोरोना महामारी एक्ट (Corona Pandemic Act) में शामिल हो गई तो केंद्र सरकार एक अधिसूचना जारी करके इसका फिक्स्ड चार्जेस माफ करने के लिए बिजली उत्पादन कंपनियों को निर्देश दे सकती थी, लेकिन मोदी सरकार ने यह काम भी नहीं किया और आम बिजली उपभोक्ताओं पर भार पड़ा.

राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) ने दी राहत, 30 करोड़ का आया भार

कल्ला कहते हैं कि कोरोना की इस महामारी के दौरान राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) ने बिजली उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए 25 जून तक बिजली के कनेक्शन नहीं काटे जाने के निर्देश दिए हैं. साथ ही इस दौरान अप्रैल और मई महीने का बिजली बिल का भुगतान 25 जून तक करने पर विलंब शुल्क भी माफ करने के निर्देश दिए हैं, जिससे डिस्कॉम पर 30 करोड़ का भार आएगा लेकिन आम जनता के लिए हम उसे वहन कर रहे हैं.

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