जयपुर. राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रदेश के 11 जिलों की 42 नगरीय निकायों के लिए चुनाव कार्यक्रम घोषित कर दिया है. कार्यक्रम के अनुसार इन निकायों में सदस्य पदों के लिए मतदान 11 दिसंबर, अध्यक्ष पद के लिए 20 दिसंबर और उपाध्यक्ष पद के लिए 21 दिसंबर को मतदान होगा. 1520 वार्डों के 2310 मतदान केंद्रों पर 12 लाख 75 हजार से ज्यादा मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे.
चुनाव आयुक्त पीएस मेहरा ने बताया कि सदस्य पद के लिए 23 नवंबर को लोक सूचना जारी होने के साथ नामांकन पत्र भरने शुरू हो जाएंगे. नामांकन पत्र 27 नवंबर 3 बजे तक प्रस्तुत किए जा सकेंगे. नामांकन पत्रों की संवीक्षा 1 दिसंबर को सुबह 10ः30 बजे से होगी. अभ्यर्थी अपने आवेदन 3 दिसंबर दोपहर 3 बजे तक वापस ले सकते हैं. उन्होंने बताया कि चुनाव चिन्हों का आवंटन 4 दिसंबर को किया जाएगा. 11 दिसंबर को सुबह 8 से शाम 5 बजे तक मतदान होगा, जबकि मतगणना 13 दिसंबर (रविवार) सुबह 9 बजे से होगी.
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मेहरा ने बताया कि अध्यक्ष के लिए 14 दिसंबर को लोक सूचना जारी होगी. नामांकन पत्र 15 दिसंबर दोपहर 3 बजे तक प्रस्तुत किए जा सकेंगे. उन्होंने बताया कि नामांकन पत्रों की संवीक्षा की तिथि 16 दिसंबर को होगी, जबकि 17 दिसंबर को दोपहर 3 बजे तक अभ्यर्थिता वापिस ली जा सकेगी. चुनाव चिन्हों का आवंटन 17 दिसंबर को किया जाएगा. उन्होंने बताया कि अध्यक्ष के लिए मतदान 20 दिसंबर को सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक किया जाएगा, जबकि मतगणना मतदान समाप्ति के तुरंत बाद होगी. उन्होंने बताया कि इसी तरह उपाध्यक्ष के लिए निर्वाचन 21 दिसंबर को होगा.
12,75,999 मतदाता कर सकेंगे मतदान
मेहरा ने बताया कि 42 नगरीय निकायों के लिए तैयार की गई. निर्वाचक नामावली का अंतिम प्रकाशन 20 जुलाई 2020 को किया जा चुका है. इन निकायों की मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन के समय कुल 12,75,999 मतदाता हैं, जिनमें से 6,63,984 पुरुष, 6,11,992 महिला और 23 अन्य मतदाता हैं.
14000 कार्मिक करवाएंगे चुनाव संपादित
चुनाव आयुक्त ने बताया कि इन निर्वाचनों को संपादित कराने के लिए मतदान, मतगणना एवं अन्य कार्य के लिए समस्त चरणों के लिए लगभग 14000 कार्मिकों की आवश्यकता होगी. मतदान एवं मतगणना दलों के गठन के लिए कार्मिकों का रेंडमाइजेशन सॉफ्टवेयर के माध्यम से कर मतदान एवं मतगणना हेतु दलों का गठन किया जाएगा. चुनाव के दौरान कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने एवं शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न कराने के लिए पर्याप्त पुलिस बल नियोजित किया जाएगा.
चुनाव खर्च निर्धारित
मेहरा ने बताया कि निकाय चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों की ओर से चुनाव के दौरान वाहनों और लाउडस्पीकरों के उपयोग, कट आउटों, होर्डिंग्स, पोस्टर एवं बैनरों के प्रदर्शन और इनसे संबंधित अन्य गतिविधियों केे अनुसार नगरपालिका सदस्य के लिए यह सीमा एक लाख रुपए निर्धारित किया गया है. नगर परिषद सदस्य के लिए 1 लाख 50 हजार रुपए निर्धारित की गई है.
पीएस मेहरा ने बताया कि लाउडस्पीकर के उपयोग के लिए निर्वाचन अधिकारी की ओर से प्राधिकृत अधिकारी की लिखित अनुमति प्राप्त करनी आवश्यक होगी और इसका प्रयोग रात 8 बजे से सुबह 8 बजे तक पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा. अभ्यर्थियों के लिए निर्वाचन में प्रचार के लिए वाहनों की अधिकतम सीमा निर्धारित की गई है.
कोविड-19 संक्रमण से बचाव के लिए बनाई गाइडलाइन
आयुक्त ने बताया कि आयोग की ओर से चुनाव के दौरान विभिन्न गतिविधियों जैसे ईवीएम की एफएलसी, मतदान दलों के प्रशिक्षण, नाम निर्देशन पत्रों का प्रस्तुतिकरण, संवीक्षा एवं नाम वापसी, चुनाव प्रचार, मतदान और मतगणना संबंधी चुनाव कार्य में सम्मिलित होने वाले कार्मिकों, चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों एवं राजनैतिक दलों एवं मतदाताओं को कोविड-19 संक्रमण से बचाव के लिए नगर निगम के चुनाव के लिए गाइडलाइन जारी की गई है, जो इन चुनावों में भी लागू रहेगी.
संबंधित जिलों में आचार संहिता लागू
चुनाव आयुक्त ने कहा कि चुनाव के लिए बड़ी संख्या में कार्मिकों और अधिकारियों की आवश्यकता होगी. जिलों में समस्त विभागों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों (आवश्यक सेवाओं को छोड़कर) के स्थानांतरण और पदस्थापन पर पूर्ण प्रतिबंध होगा. उन्होंने बताया कि यदि अपरिहार्य कारणों से स्थानांतरण आवश्यक हो तो आवश्यकता एवं औचित्य के विवरण सहित प्रस्ताव प्राप्त होने पर और आयोग का इस संबंध में समाधान होने पर अनुमत किया जा सकेगा.
उन्होंने बताया कि जिन कार्मिकों या अधिकारियों के स्थानांतरण चुनाव की घोषणा से पूर्व हो चुके हैं, लेकिन चुनाव की घोषणा से पूर्व कार्यमुक्त या कार्यग्रहण नहीं किया गया है तो कार्यमुक्त या कार्यग्रहण आचार संहिता की समाप्ति के बाद किया जा सकेगा. लेकिन यदि ऐसा स्थानांतरण रिक्त पद पर किया गया है और चुनाव की घोषणा से पूर्व कार्यमुक्त हो गए हैं, लेकिन कार्यग्रहण नहीं किया गया है तो रिक्त पद पर कार्यग्रहण किया जा सकेगा.
चुनावी कार्यक्रम का गणित...
राज्य के 31 जिलों की 129 नगर पालिकाओं का कार्यकाल अगस्त 2020 में समाप्त हो गया, लेकिन राज्य में कोविड-19 महामारी के संक्रमण को दृष्टिगत रखते हुए आयोग की ओर से उक्त निकायों के चुनावों को तत्समय स्थगित कर दिया गया था. इससे पूर्व आयोग की ओर से राज्य की 49 नगर निकायों के आम चुनाव नवंबर 2019 में संपन्न कराए जा चुके हैं और 6 नगर निगमों के आम चुनाव वर्तमान में कराए जा रहे हैं, जिनकी चुनाव प्रक्रिया आगामी 11 नवंबर को पूर्ण हो जाएगी.
वर्तमान में आयोग की ओर से राज्य के 21 जिलों में जिला परिषद एवं पंचायत समिति सदस्यों के आम चुनाव कराने के लिए कार्यक्रम जारी किया हुआ है. उक्त 21 जिलों में जिला परिषद एवं पंचायत समिति सदस्यों के आम चुनाव की प्रक्रिया 11 दिसंबर को पूर्ण होगी. राज्य सरकार की ओर से राज्य के 12 जिलों (जयपुर, अलवर, दौसा, जोधपुर, सिरोही, भरतपुर, धौलपुर, करौली, कोटा, बारां, श्रीगंगानगर और सवाईमाधोपुर) में कुल 18 नगरपालिकाओं का गठन किया गया है.
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इन नगरपालिकाओं के नवसृजन से प्रभावित ग्राम पंचायतों के वार्ड/पंचायत समिति एवं जिला परिषद के निर्वाचन क्षेत्रों के पुनर्गठन होने एवं इनमें आरक्षण परिवर्तन होने के संभावना के कारण आयोग की ओर से उक्त 12 जिलों में जिला परिषद एवं पंचायत समिति सदस्यों के चुनाव नहीं कराए जा रहे हैं.
21 जिलों में आयोग की ओर से जिला परिषद एवं पंचायत समिति सदस्यों के आम चुनाव संपादित कराए जा रहे हैं, लेकिन इन जिलों में मैन पॉवर एवं पुलिस बल की उपलब्धता को दृष्टिगत रखते हुए उक्त चुनावों के साथ-साथ नगरपालिका चुनाव कराना संभव नहीं है. आयोग की ओर से 11 जिलों के 42 नगरीय निकाय (परिशिष्ट) के चुनाव प्रथम चरण में कराए जाने का निर्णय लिया गया है. शेष नगर निकायों के आम चुनाव द्वितीय चरण में जिला परिषद एवं पंचायत समिति सदस्यों के आम चुनाव की प्रक्रिया पूर्ण होने पर कराए जाएंगे.