जयपुर. कोरोना का कहर देश में बढ़ता ही जा रहा है. जिसे थामने के लिए लॉकडाउन लगाया गया है. कोरोना को रोकने के लिए जयपुर के नोडल अधिकारी बनाए गए अजिताभ शर्मा ने सोमवार को जयपुर जिला कलेक्ट्रेट सभागार में एक महत्वपूर्ण बैठक ली. इस बैठक में जिला कलेक्टर डॉक्टर जोगाराम, जिला प्रशासन के अधिकारी, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मौजूद रहे.
नोडल अधिकारी ने कोरोना वायरस को लेकर की बैठक बैठक में अजिताभ शर्मा ने जोर दिया कि जयपुर शहर के बाहरी क्षेत्रों में यह संक्रमण नहीं फैले, इसके प्रयास किए जाएंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि आने वाला समय कठीन है इसलिए इसमें कोताही या लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए. इस दौरान शर्मा ने कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति को लेकर अधिकारियों से चर्चा की.
उन्होंने कहा कि आने वाली 3 मई को लॉकडाउन को लेकर केंद्र और प्रदेश सरकार का क्या रुख रहता है, उसे लेकर इस बैठक में चर्चा की गई. साथ ही जयपुर शहर के बाहरी इलाकों में संक्रमण नहीं फैले, इसके लिए अधिकारियों को आवश्यक निर्देश भी दिए गए हैं. अजिताभ शर्मा ने कहा कि परकोटा क्षेत्र में विशेष रूप से रामगंज इलाके में संक्रमण को रोकने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. रामगंज इलाके में जो भी लोग बुजुर्ग हैं या उन्हें किसी तरह की बीमारी है उनकी पहचान कर उनके इलाज को लेकर भी चर्चा की गई.
अजिताभ शर्मा ने कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए काम कर रही चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम और जिला कलेक्टर की टीम की तारीफ भी की. उन्होंने कहा कि पूरी टीम एकजुट होकर कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए बहुत अच्छा काम कर रही है. अजिताभ शर्मा ने कहा कि आने वाला समय आसान नहीं है, वह कठिन है. उसे लेकर किसी भी तरह की लापरवाही व कोताही नहीं बरती जाए.
क्वॉरेंटाइन सेंटर्स को लेकर अजिताभ शर्मा ने कहा कि वर्तमान में 5 हजार बैड हमारे पास पूरी तरह से तैयार हैं और 5 हजार तक और बैड 4 से 5 दिन में तैयार हो जाएंगे. इस तरह से हमारे पास 10 हजार बैड क्वॉरेंटाइन के लिए उपलब्ध रहेंगे.
पढ़ें-लॉकडाउन में बाहर बैठे लोगों को समझाने पहुंची पुलिस पर लाठियों और पत्थरों से हमला, मामला दर्ज
शर्मा ने कहा कि हम लोग 3 हजार लोगों को क्वॉरेंटाइन कर चुके हैं और इनमें से 1000 लोग अपने 15 दिन का समय पूरा कर वापस लौट चुके हैं. अजिताभ शर्मा ने कहा कि क्वॉरेंटाइन सेंटर्स पर जेडीए कमिश्नर की ओर से खाने-पीने की व्यवस्था की जा रही है. वहां रहने वाले लोगों की चिकित्सा जांच भी सुचारू रूप से की जा रही है. उन्होंने कहा कि शुरुआत में जरूर खाद्य सामग्री को लेकर शिकायतें आती थी, लेकिन अब वह शिकायतें पूरी तरह से खत्म हो चुकी हैं.