जयपुर.एमबीसी आरक्षण का पूरा 5 प्रतिशत लाभ गुर्जर सहित पांच जातियों को दिलाए जाने और विभिन्न मांगों को लेकर गुर्जर समाज 1 नवंबर से आंदोलन की चेतावनी दे चुका है. इसे लेकर प्रतिपक्ष के उपनेता और पूर्व मंत्री राजेंद्र राठौड़ का मानना है कि प्रदेश सरकार गुर्जरों के सर्वमान्य नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला और उनकी समिति को अलग करके एक तरफा घोषणा एक कर रही है. यह आंदोलन उसी का परिणाम है. ईटीवी भारत से बातचीत में राठौड़ ने सचिन पायलट को भी गुर्जरों का सर्वमान्य नेता बताया. वहीं एमबीसी आरक्षण को संविधान की 9 वीं अनुसूची में शामिल किए जाने संबंधी मांग पर राठौड़ यू टर्न करते भी नजर आए.
बातचीत के दौरान राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि प्रदेश सरकार को गुर्जर समाज के सर्वमान्य नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला और उनकी संघर्ष समिति से चर्चा करना चाहिए. राठौड़ के अनुसार प्रदेश सरकार ने इस चर्चा में बैसला और उनकी संघर्ष समिति को अलग कर एकतरफा जो निर्णय लिया है. उसी का परिणाम है कि, आज गुर्जर समाज आंदोलन के रास्ते पर है. हालांकि राजेंद्र राठौड़ ने वैश्विक महामारी कोरोना में किसी भी प्रकार के आंदोलन को उचित नहीं माना. साथ ही यह भी कहा कि मैं तो कर्नल बैंसला से भी अपील करूंगा कि, राज्य सरकार से बात कर आंदोलन के लिए सड़कों पर ना जाना पड़े इसका कोई प्रयास करें.
गुर्जर समाज के सर्वमान्य नेता पायलट, लेकिन प्रदेश सरकार ने किया अलग-थलग
राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि पूर्व उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सचिन पायलट देशभर में गुर्जर समाज के सर्वमान्य नेता है. लेकिन प्रदेश सरकार शुरू से ही सचिन पायलट को अलग-थलग करने में जुटी है. हाल ही में प्रदेश में आए राजनीतिक घमासान इसी का उदाहरण है. राजेन्द्र राठौड़ ने कहा की प्रदेश की गहलोत सरकार को इस मामले में सचिन पायलट को विश्वास में लेकर बात करना चाहिए. लेकिन राज्य सरकार ऐसा नहीं कर रही.