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केंद्रीय कृषि कानून का विरोध: संयुक्त किसान मोर्चा का एलान, मई के पहले पखवाड़े में संसद कूच

संयुक्त किसान मोर्चा ने मई महीने के पहले पखवाड़े में संसद कूच करने का एलान कर दिया है. वहीं, 5 अप्रैल से किसान संगठन अलग-अलग कार्यक्रमों के माध्यम से केंद्र सरकार के खिलाफ अपना विरोध प्रकट करेंगे.

Opposition to central agricultural law,  Jaipur News
मई के पहले पखवाड़े में संसद कूच

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Published : Apr 1, 2021, 9:02 PM IST

जयपुर.केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों का आंदोलन लगातार जारी है. इसी कड़ी में अब संयुक्त किसान मोर्चा ने मई महीने के पहले पखवाड़े में संसद कूच करने का एलान कर दिया है. हालांकि, इससे पहले 5 अप्रैल से किसान संगठन अलग-अलग कार्यक्रमों के माध्यम से केंद्र सरकार के खिलाफ अपना विरोध प्रकट करेंगे.

मई के पहले पखवाड़े में संसद कूच

पढ़ें- कृषि कानूनों के विरोध में मेधा पाटकर की दांडी सत्याग्रह यात्रा पहुंची डूंगरपुर

आगामी 5 अप्रैल को आंदोलन की कड़ी में एफसीआई गोदामों के बाहर 'एफसीआई बचाओ' के नाम पर प्रदर्शन कर 'एफसीआई बचाओ दिवस' मनाया जाएगा. इसके बाद 10 अप्रैल को दिल्ली के केएमपी को 24 घंटे जाम किया जाएगा.

कार्यक्रम की जानकारी देते हुए अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमराराम ने बताया कि 13 अप्रैल को बैसाखी का त्योहार दिल्ली की सीमाओं पर किसान मनाएंगे. इसके बाद अंबेडकर जयंती को संविधान बचाओ दिवस के रूप में मनाया जाएगा. अमराराम ने बताया कि फिर आगामी मई महीने के पहले पखवाड़े को संसद कूच किया जाएगा.

दांडी सत्याग्रह यात्रा पहुंची डूंगरपुर

कृषि कानूनों के विरोध में महाराष्ट्र से 30 मार्च को शुरू हुई मिट्टी सत्याग्राह यात्रा गुरुवार को सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर के नेतृत्व में डूंगरपुर के बिछीवाड़ा पहुंची. बिछीवाड़ा के धामोद गांव में यात्रा के पंहुचने पर किसानों ने यात्रा का स्वागत किया. इस दौरान सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने धामोद गांव में किसानों की बैठक ली.

बैठक में मेधा पाटकर ने कृषि कानूनों से किसान को होने वाले नुकसान के बारे जानकारी दी. पाटकर ने कहा कि नए कानूनी प्रावधानों से भारतीय संस्कृति और देश के अर्थतंत्र को खतरा है. यह सिर्फ कृषकों ही नहीं बल्कि पशुपालकों और मछुआरों की आजिविका को खतरे में डाल सकता है.

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