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जागते रहो: रिमोट एक्सेस ऐप बना ठगों का नया हथियार, फोन या कंप्यूटर एक्सेस कर हो रही साइबर फ्रॉड

प्रदेश में साइबर सेल ऑनलाइन ठगी पर लगाम लगाने के लिए लगातार काम कर रही है. इसके बाद भी शातिर ऑनलाइन ठगी की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. साइबर ठग लोगों को अपने जाल में फंसाने के लिए नए-नए तरीके इजाद कर रहे हैं. अब साइबर ठग घर बैठे किसी का फोन और कंप्यूटर एक्सेस कर शातिर तरीके से ठगी कर रहे हैं.

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Published : Mar 18, 2021, 10:44 AM IST

Cyber Fraud in Jaipur, जयपुर न्यूज
रिमोट एक्सेस ठगी का नया तरीका

जयपुर/देहरादून.एक तरफ पुलिस साइबर क्राइम को रोकने के लिए दिन रात जुटी है. वहीं दूसरी तरफ साइबर ठग नए नित हथकंडे अपना रहे हैं. अभी तक साइबर ठग सोशल मीडिया और फोन के जरिए लोगों को प्रलोभन देकर ठगी करते आए हैं लेकिन मौजूदा दौर में ठगों को एक नया हथियार रिमोट एक्सेस ऐप के रूप में मिल गया है. जिसके जरिए न सिर्फ फोन बल्कि कंप्यूटर सहित दूसरे स्मार्ट इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को किसी दूसरी जगह से एक्सेस कर ठगी की वारदात अंजाम दे रहे हैं.

रिमोट एक्सेस ठगी का नया तरीका

क्या है रिमोट एक्सेस ऐप

रिमोट एक्सेस तकनीक के जरिए कोई यूजर किसी दूसरे शख्स का कंप्यूटर या फोन कंट्रोल कर सकता है. इसके लिए इंटरनेट के साथ-साथ एक विशेष सॉफ्टवेयर या एप्लिकेशन की आवश्यकता होती है. वर्तमान समय में रिमोट एक्सेस टेक्नोलॉजी काफी ज्यादा प्रचलित हो गई है. जिसके जरिए न सिर्फ फोन बल्कि कंप्यूटर सहित दूसरे स्मार्ट इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को किसी दूसरी जगह से एक्सेस किया जा सकता है.

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रिमोट एक्सेस के जरिए ठगी

रिमोट एक्सेस के जरिए ठगी को अंजाम देना आसान नहीं है. बावजूद इसके साइबर अपराधी रिमोट एक्सेस के जरिए लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं. मुख्य रूप से देखें तो स्मार्टफोन इस्तेमाल करने वाले अधिकांश लोग ऑनलाइन पेमेंट ऐप का इस्तेमाल करते हैं. इसके साथ ही तमाम अपनी गोपनीय जानकारियां भी अपने फोन में रखते हैं.

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इसी का फायदा शातिर ठग रिमोट एक्सेस के जरिए उठाते हैं. ये शातिर ठग तमाम तरह के बहाने लेकर अनजान व्यक्ति को पहले तो फोन करते हैं और फिर ब्रेनवाश कर उन्हें रिमोट एक्सेस एप्लीकेशन डाउनलोड कराते हैं. जिसके बाद ठग लोगों का फोन या फिर कंप्यूटर एक्सेस कर लेते हैं. ऐसे में उन्हें बड़े आसानी से बैंक खातों की जानकारी हासिल हो जाती है.

रिमोट एक्सेस से गंवाए करीब 17 लाख रुपए

रिमोट एक्सेस से ठगी का एक ऐसा ही मामला राजधानी देहरादून में सामने आया है. जहां पीड़ित ने साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज कराई है कि उसके पास एक अज्ञात व्यक्ति ने स्वयं को निजी कंपनी का कर्मचारी बताते हुए सस्ते दरों पर लोन देने की बात कही. फिर कर्मचारी ने ऑनलाइन फॉर्म भरने के नाम रिमोट एक्सेस के लिए एप्लिकेशन डाउनलोड करने की बात कही है. जैसे ही रिमोट एक्सेस ऐप डाउनलोड हुआ, ठग ने ऑनलाइन बैंकिंग की जानकारी मांगते हुए खाते से 16 लाख 76 हजार 266 रुपए उड़ा लिए.

कोरोना काल के दौरान बढ़ा रिमोट एक्सेस का इस्तेमाल

रिमोट एक्सेस का इस्तेमाल यूं तो पहले से ही किया जाता रहा है. मुख्य रूप से इसका इस्तेमाल बड़ी-बड़ी कंपनियां अपने ऑफिस में लगाए गए तमाम कंप्यूटर को कंट्रोल करने के करती आई हैं. यही नहीं, इसका प्रचलन कोरोना काल के दौरान काफी बढ़ गया.

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क्योंकि कोरोना काल में जब लोगों के कंप्यूटर में सॉफ्टवेयर संबंधित दिक्कतें आई, उस दौरान रिमोट एक्सेस के माध्यम से ही घर बैठे कंप्यूटर ठीक कर दिया गया है. इसके साथ ही तमाम तरह की कंप्यूटर संबंधित ट्रेनिंग भी रिमोट एक्सेस के माध्यम से लोगों को दी गई हैं. वहीं, अब साइबर ठग रिमोट एक्सेस का इस्तेमाल कर लोगों को अपनी ठगी का शिकार बना रहे हैं.

साइबर ठग हो गए हैं पहले से अधिक हाईटेक

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साइबर क्राइम के सीओ अंकुश मिश्रा का कहना है कि रिमोट एक्सेस को रिमोट एक्सेस टूल्स या फिर रेट अटैक कहा जाता है. इस तरह की तमाम वेबसाइट भी मौजूद हैं, जिसके माध्यम से लोगों के फोन का एक्सेस प्राप्त किया जा सकता है. यही नहीं, तमाम एप्लीकेशन भी उपलब्ध हैं, जिनके इस्तेमाल से किसी भी फोन या फिर लैपटॉप को कहीं दूर बैठकर इस्तेमाल किया जा सकता है. रिमोट एक्सेस टूल्स का इस्तेमाल मुख्य रूप से ट्रेनिंग के लिए किया जाता है. लेकिन अब साइबर ठग काफी हाईटेक हो गए हैं, जो अब रिमोट एक्सेस टूल्स का इस्तेमाल कर लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं.

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