जयपुर. नगर निगम, नगर परिषद और नगर पालिका की ओर से अब तक जारी होते आए पट्टों पर मेयर, सभापति और अध्यक्ष के भी हस्ताक्षर होते हैं. हालांकि प्रशासन शहरों के संग अभियान में आवंटित किए जाने वाले पट्टों के प्रारूप में मेयर, सभापति और अध्यक्ष के हस्ताक्षर कॉलम नहीं दिए गए हैं.
इसे नियम विरुद्ध बताते हुए ग्रेटर नगर निगम के उपमहापौर पुनीत कर्णावट ने राज्य सरकार की ओर से जनप्रतिनिधियों की भूमिका और अधिकारों को कम करके स्थानीय निकायों की स्वायत्तता खत्म करने के प्रयास का आरोप लगाया है.
प्रशासन शहरों के संग अभियान में पट्टे वितरण से पहले ही पट्टों के प्रारूप को लेकर सवाल उठ रहे हैं. राज्य सरकार ने इस बार पट्टों का प्रारूप बदलते हुए उन्हें रंगीन किया है. आवासीय उपयोग, व्यवसायिक/पर्यटन उपयोग, मिश्रित उपयोग, संस्थागत उपयोग, औद्योगिक उपयोग और 69ए के पट्टे (हेरिटेज) अलग-अलग (पीले, लाल, नारंगी, नीले, बैंगनी और गेरुआ) रंग में जारी किए जाएंगे.
पट्टों के आकार से लेकर प्रिंटिंग तक हर छोटी-बड़ी बात का ध्यान रखा गया है. लेकिन इन पट्टों पर मेयर, सभापति और अध्यक्ष के हस्ताक्षर का कॉलम नहीं बनाया गया है. जिसे लेकर ग्रेटर नगर निगम के उपमहापौर पुनीत कर्णावट ने सवाल उठाते हुए कहा कि स्थानीय निकायों के सदस्यों द्वारा चुना गया जनप्रतिनिधि नगर पालिका, निगम परिषद और नगर निगम का मुखिया होता है.