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कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव ने किया 'सशक्त नारी सुरक्षित नारी' अभियान का आगाज

जयपुर में महिला सुरक्षा के लिए मिशन 'सशक्त नारी सुरक्षित नारी' अभियान की शुरुआत हो गई है. शहर के शहीद स्मारक से जयपुर पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव ने पोस्टर विमोचन कर इस अभियान का शुभारंभ किया. साथ ही निर्भया स्क्वॉड की वाहन रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.

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Published : Feb 2, 2021, 12:39 AM IST

Women Empowerment, Nirbhaya Squad
कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव ने किया 'सशक्त नारी सुरक्षित नारी' अभियान का आगाज

जयपुर. राजधानी जयपुर में महिला सुरक्षा के लिए मिशन 'सशक्त नारी सुरक्षित नारी' अभियान की शुरुआत हो गई है. शहर के शहीद स्मारक से जयपुर पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव ने पोस्टर विमोचन कर इस अभियान का शुभारंभ किया. साथ ही निर्भया स्क्वॉड की वाहन रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस मौके पर एडिशनल पुलिस कमिश्नर अजयपाल लांबा और राहुल प्रकाश के साथ ही तमाम पुलिस अधिकारी मौजूद रहे.

कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव ने किया 'सशक्त नारी सुरक्षित नारी' अभियान का आगाज

वहीं पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव ने बताया कि महिलाओं से छेड़छाड़ की घटनाओं की रोकथाम और उनके अधिकारों की जानकारी देने के लिए मिशन सशक्त नारी सुरक्षित नारी अभियान चलाया गया है. शहर में 15 फरवरी तक महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण के तहत विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा. इसमें जयपुर पुलिस ने विभिन्न संस्थाओं का सहयोग लिया है.

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इस मौके पर जयपुर मेट्रो डीसीपी ऋचा तोमर ने बताया कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य जेंडर सेंसिटाइजेशन और महिला अपराधों में कमी लाना, महिलाओं को उनके अधिकारों की जानकारी देना है. जागरूकता अभियान में सभी जिलों के डीसीपी, एडीसीपी, एसीपी और एसएचओ अपने क्षेत्र में अलग-अलग गतिविधियां करेंगे.

कृषि व्याख्याता भर्ती को लेकर अभ्यर्थी बैठे धरने पर

कृषि व्याख्याता भर्ती की योग्यता में संशोधन की मांग को लेकर एक बार फिर अभ्यार्थी धरने पर बैठ गए हैं. राजस्थान कृषि व्याख्याता भर्ती संघर्ष समिति के बैनर तले अभ्यार्थियों ने सोमवार को शहर के शहीद स्मारक पर सांकेतिक धरना दिया. जहां मौन व्रत रख युवक और युवतियों ने अपना विरोध जताया.

राजस्थान कृषि व्याख्याता भर्ती संघर्ष समिति के संयोजक मदन मीणा ने बताया कि आरपीएससी की ओर से 13 अप्रैल 2018 को 370 पदों पर कृषि व्याख्याता भर्ती की विज्ञप्ति जारी की गई थी. इसकी योग्यता कृषि स्नातकोत्तर रखी गई है, जबकि प्रदेश का कोई भी विश्वविद्यालय कृषि स्नातकोत्तर के बाद बीएड नहीं कराते हैं. ऐसे में अभ्यर्थियों के सामने संकट खड़ा हो गया है.

इसी को लेकर अभ्यर्थियों की ओर से कृषि व्याख्याता भर्ती की योग्यता में संशोधन की मांग की जा रही है. हालांकि इससे पहले भी कई बार धरने प्रदर्शन और ज्ञापन देकर ये सब अपनी आवाज बुलंद कर चुके है लेकिन अफसोस आलाकमान तक उनकी आवाज पहुंचने से पहले ही दबा दी जाती है. नतीजन अभी तक अभ्यर्थी हैरान-परेशान है.

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