जयपुर. देश भर में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर मोदी सरकार पर हमला बोला है. सीएम गहलोत ने सोशल मीडिया के जरिये कहा कि भाजपा नेताओं द्वारा किसानों के विरोध को कम करने के लिए दिए जा रहे बयान दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय हैं. सीएम ने कहा कि केंद्र सरकार ने किसान आंदोलन को बातचीत के जरिये खत्म करने के बजाए, जो बयान जारी किए वो दुर्भाग्यपूर्ण है. केंद्र सरकार को इन विरोध प्रदर्शनों के लिए राष्ट्र विरोधी तत्वों को जिम्मेदार ठहराने की बजाए किसानों की शिकायतों का समाधान करना चाहिए. किसान शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रहे हैं. उनका विरोध स्वास्तिक चिंताओं के लिए है, जिसको केंद्र सरकार नजरअंदाज कर रही है.
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इससे पहले भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया के जरिये कहा था कि राज्य सरकारों, संगठनों और कृषि विशेषज्ञों से बिना चर्चा किए तीनों कृषि बिल बनाए गए. इन तीनों बिलों को संसद में भी आनन-फानन में बिना चर्चा किए बहुमत के दम पर असंवैधानिक तरीके से पास कराया, जबकि विपक्ष दल इन बिलों को सेलेक्ट कमेटी को भेजकर चर्चा की मांग कर रहा था. केंद्र सरकार ने किसी से कोई चर्चा नहीं की. यही वजह है कि आज पूरे देश में किसान सड़कों पर हैं.
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नए किसान कानूनों पर किसान की बात रखने के लिए पहले पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टिन अमरिंदर सिंह ने राष्ट्रपति से मिलने का समय मांगा, लेकिन उन्हें समय नहीं दिया गया. फिर हम सभी चारों कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने राष्ट्रपति से मिलने का समय मांगा, जिसमें किसानों की बात रख सके. लेकिन, राष्ट्रपति की कोई मजबूरी रही होगी, इस कारण हमें मिलने का समय नही मिल सका. सीएम गहलोत ने कहा कि किसानों की बात केंद्र सरकार ने नहीं सुनी. जिसके कारण आज किसान पूरे देश मे आंदोलन कर रहे हैं.