जयपुर.कोरोना वैक्सीनेशन के लिए विधायक फंड से ली गई 600 करोड़ रुपये की राशि वापस लौटाई जाएगी. वैक्सीनेशन में सहभागिता बढ़ाने के उद्देश्य से रविवार को आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंस को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यह बात कही. इस दौरान गहलोत ने कहा कि कोरोना महामारी से मुकाबले और वैक्सीनेशन अभियान को सफल बनाने के लिए प्रदेश का हर नागरिक सोशल वर्कर के रूप में अपनी भूमिका निभाए. क्योंकि यह वक्त राजनीतिक सोच, दलीय विचारधाराओं सहित अन्य सभी प्रतिबद्धताओं से ऊपर उठकर जीवन रक्षा के लिए एकजुट होने का है.
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गहलोत ने कहा कि हमें तमाम संकीर्णताओं और भेदभाव को दरकिनार कर इंसानियत का फर्ज निभाना होगा. हमारा प्रयास हो कि कोई भी व्यक्ति वैक्सीनेशन से नहीं छूटे. कोरोना की पहली और दूसरी लहर में जिस प्रकार समाज के हर वर्ग ने सहयोग दिया है. उसी तरह वैक्सीनेशन अभियान को गति देने में भी हर वर्ग भागीदार बने. राज्य सरकार शहरों से लेकर गांव-ढाणी तक योजनाबद्ध ढंग से वैक्सीनेशन कार्यक्रम का संचालन कर रही है. हमारा प्रयास है कि महामारी से बचाव के लिए, हर व्यक्ति को वैक्सीन का सुरक्षा कवच मिले.
कोविड प्रबंधन और वैक्सीनेशन में राजस्थान अव्वल
गहलोत ने कहा कि राजस्थान कोविड प्रबंधन के साथ-साथ वैक्सीनेशन में भी देश में अव्वल रहा है. कोविड प्रबंधन के लिए जो प्रोटोकॉल बनाए गए, उनकी देश-दुनिया में सराहना हुई. केन्द्र सरकार और दूसरे राज्यों ने भी उन्हें अपनाया. वैक्सीन का वेस्टेज भी निर्धारित मानकों से काफी कम रखने में हम कामयाब रहे. हमें इस बात का गर्व है कि बीते करीब डेढ़ साल से हमारे स्वास्थ्यकर्मी तथा कोरोना वॉरियर्स अपनी जान की परवाह किए बगैर कोरोना से लड़ाई लड़ रहे हैं. ऐसे समय में बेबुनियाद और तथ्यहीन आलोचना से उनका मनोबल गिराने की बजाय उनका उत्साहवर्धन किया जाना चाहिए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा 18 से 44 वर्ष के आयु वर्ग के लिए 21 जून से निशुल्क वैक्सीनेशन की घोषणा की गई है. इसे देखते हुए कोविड वैक्सीनेशन अकाउंट में विधायक कोष से ली गई 600 करोड़ रुपये की राशि वापस लौटाई जाएगी. लेकिन कोरोना महामारी के प्रभाव को देखते हुए इस वर्ष इस राशि का उपयोग चिकित्सा सेवाओं के सुदृढीकरण के लिए ही व्यय किया जाना उचित होगा.
12 से 15 लाख लोगों को वैक्सीन लगाने की क्षमता
चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि कोरोना प्रबंधन में राजस्थान शुरू से ही अग्रणी रहा है. वैक्सीनेशन प्रबंधन में भी हमारा प्रदेश अग्रिम पंक्ति के राज्यों में रहा है. राज्य में वैक्सीन स्टोरेज की पर्याप्त क्षमता मौजूद है. प्रदेशभर में 2 हजार 444 कोल्ड चैन प्वाइंट बनाए गए हैं. प्रतिदिन 12 से 15 लाख लोगों को वैक्सीन लगाने की क्षमता विकसित कर ली गई है. केन्द्र सरकार से जैसे-जैसे वैक्सीन मिलेगी, वैक्सीनेशन का काम उसी गति से सम्पादित किया जाएगा.
शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा कि प्रदेशवासियों को कोरोना महामारी से बचाने के लिए सभी जनप्रतिनिधि राजनीतिक विचारधाराओं से ऊपर उठकर वैक्सीनेशन अभियान को सफल बनाएं. चिकित्सा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने कहा कि वैक्सीनेशन अभियान में राज्य सरकार को सभी वर्गों का सहयोग मिल रहा है और लोग स्वप्रेरित होकर वैक्सीन लगाने के लिए आगे आ रहे हैं.
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विधानसभा में उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि कोरोना की तरह ही वैक्सीनेशन अभियान में भी उनके दल की ओर से राज्य सरकार को पूरा सहयोग रहेगा. सांसद जसकौर मीणा, निर्दलीय विधायक राजकुमार गौड एवं संयम लोढ़ा, सीपीआई (एम) के विधायक बलवान पूनिया, भाकपा के डीके छगाणी आचार्य नरेन्द्र, बीटीपी के प्रदेशाध्यक्ष वेलाराम घोघरा किसान महापंचायत अध्यक्ष रामपाल जाट सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने भी टीकाकरण की गति बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए.
सोशल एक्टिविस्ट अरुणा रॉय, निखिल डे, कविता श्रीवास्तव ने कहा कि सामाजिक कार्यकर्ताओं को कोविड के खिलाफ जंग में सरकार के साथ व्यापक स्तर पर सहयोग करने की जरूरत है. ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ कंस्ट्रक्शन साइट्स, खनन क्षेत्र जैसे कार्यस्थलों पर अधिक से अधिक श्रमिकों के वैक्सीनेशन में सामाजिक कार्यकर्ता प्रभावी भूमिका निभा सकते हैं. विभिन्न धर्मगुरूओं तथा धार्मिक संस्थाओं से जुड़े प्रतिनिधियों ने भी विचार व्यक्त किए.
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सचिव सिद्धार्थ महाजन ने बताया कि अब तक करीब 2 करोड़ 8 लाख प्रदेशवासियों को वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी है. इनमें 1 करोड़ 74 लाख लोगों को पहली डोज तथा 34 लाख से अधिक लोगों को दोनों डोज लग चुकी हैं. वैक्सीन वेस्टेज को 0.7 प्रतिशत तक ले आए हैं.