जयपुर.पत्रकारों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कई विषयों को लेकर चर्चा की. गहलोत ने प्रवासियों, कोटा में फंसे छात्रों, केंद्र सरकार से राहत पैकेज, अनाज आवंटन जैसे विषयों पर चर्चा की.
मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से फोन पर बात कर प्रस्ताव दिया है कि, लॉकडाउन के चलते राजस्थान में अटके प्रवासियों और विभिन्न प्रदेशों में रह रहे राजस्थानियों को एक बार अपने घर जाने का मौका दिया जाए. गृह मंत्री ने इस पर मंत्रालय के अधिकारियों से बात कर सकारात्मक निर्णय लेने का आश्वासन दिया है.
साथ ही, विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों से वार्तालाप कर कोटा में कोचिंग के लिए रह रहे छात्रों को गृह राज्य पहुंचाने के योजना पर काम किया जा रहा है. मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, असम और गुजरात राज्य के मुख्यमंत्रियों ने इस पर सहमति दे दी है. जल्द ही इन राज्यों के छात्र अपने घर के लिए रवाना होंगे.
गहलोत ने सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मीडिया प्रतिनिधियों के साथ वार्ता में बताया कि पूरे देश में लोग फंसे हुए हैं और उनकी घर जाने की मांग पर संवेदशीलता के साथ निर्णय करने की जरूरत है. केन्द्र सरकार से इस विषय पर कई बार चर्चा की गई है. अब सोमवार को केन्द्रीय गृह मंत्री से भी फोन पर गंभीर विमर्श हुआ है. उन्होंने कहा कि राजस्थान के प्रवासी अपने गृह राज्य से गहरा लगाव रखते हैं और सुख-दु:ख में हमेशा आते-जाते रहते हैं. इसीलिए देशभर में जो प्रवासी राजस्थानी हैं, राज्य सरकार उन्हें भी एक बार अपने गांव आने का अवसर देने के लिए प्रयासरत है.
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साथ ही गहलोत ने बताया कि राजस्थान के विभिन्न जिलों से आकर कोटा में कोचिंग कर रहे 4,000 बच्चों को भी जल्द ही उनके जिलों में भेजा जाएगा. मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने स्कूलों में रखी पोषाहार की सामग्री को लॉकडाउन के दौरान वंचितों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए इस्तेमाल करने के आदेश जिला कलक्टर को जारी कर दिए है. कुछ जिलों में इस पोषाहार को उपयोग में भी ले लिया गया है.
केन्द्र सरकार अधिक अनाज आवंटित करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन की अवधि में राशन सामग्री की मांग अधिक बढ़ गई है, क्योंकि बड़ी संख्या में परिवार सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से वितरित होने वाले गेहूं की मांग कर रहे हैं. ऐसे में राज्य सरकार ने केन्द्र से राशन का अधिक गेहूं जारी करने का प्रस्ताव दिया है, ताकि इस संकट काल में कोई भी व्यक्ति भूख से पीड़ित ना रहे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के भण्डार गेहूं से भरे पड़े हैं और नई फसल भी आने वाली है. ऐसे में, मुझे उम्मीद है कि केन्द्र सरकार इस मांग पर भी जल्द ही सकारात्मक निर्णय लेकर राज्यों को राशन के लिए अधिक गेहूं जारी करेगी.
सरकार की कोशिश, मिले उपज का पूरा दाम
इस दौरान मुख्यमंत्री ने वार्ता में बताया कि प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद 16 अप्रैल से शुरू हो चुकी है. इस बार राज्य सरकार ने एफसीआई के खरीद केन्द्रों की संख्या 204 से बढ़ाकर 300 की है, जिनके माध्यम से भारत सरकार 17 लाख टन गेहूं खरीदेगी. राजस्थान सरकार विशेष प्रयास कर रही है कि मण्डियों में किसानों को उनकी फसल का पूरा दाम मिले और एमएसपी से नीचे खरीद नहीं हो.