जयपुर.कोविड स्वास्थ्य सहायक 22 सितंबर को विधानसभा का घेराव करेंगे . सीएचए की सरकार के साथ (CHA talks with the government failed) दूसरे दौर की वार्ता मंगलवार एक बार फिर विफल हो गई . सरकार की ओर से सकारात्मक आश्वासन नहीं मिलने पर अब कोविड स्वास्थ्य सहायकों ने विधानसभा घेराव का ऐलान किया है . उन्होंने कहा कि 15 दिन में सरकार निर्णय करें नहीं तो विधानसभा घेराव तय है.
दरअसल कोविड स्वास्थ्य सहायक का 11 सदस्य प्रतिनिधि मंडल राज्यसभा सांसद किरोडी लाल मीणा के नेतृत्व में हैल्थ सेक्रेट्री डॉक्टर पृथ्वीराज से वार्ता के लिए 4 बजे सचिवालय पहुंचा . करीब आधे घंटे की वार्ता के बाद बाहर निकले राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि वार्ता सकारात्मक मोड में हुई है. लेकिन हैल्थ सेक्रेटरी के पास निर्णय लेने का अधिकार नहीं है . उन्होंने कहा कि सीएचए की डिमांड को लेकर वित्त विभाग और सीएमओ में भेज दी है . अंतिम निर्णय वहीं से होगा . किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि हमने साफ कर दिया कि 15 दिन का समय है . सरकार इस पर अपना सकारात्मक निर्णय कर ले , नहीं तो 22 सितंबर को हजारों की संख्या में कोविड स्वास्थ्य सहायक विधानसभा का घेराव करेंगे.
किरोड़ी लाल मीणा व राजेंद्र राठौड़ की दो टूकःआंदोलन का नेतृत्व कर रहे सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा और उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने दो टूक शब्दों में कहा है कि गांधीवादी गहलोत यदि इस बार दमन चक्र चलाया तो सरकार की ईंट से ईंट बजा दी जाएगी (CHA Mahapadav Day 2). अजमेर रोड के एक फार्म हाउस में चल रहे महापड़ाव के दूसरे दिन प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ भी पहुंचे और किरोड़ी लाल मीणा के साथ यहां मौजूद हजारों कोविड स्वास्थ्य सहायकों को संबोधित किया.
किरोड़ी और राठौड़ का आरोप था कि प्रदेश सरकार प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग में करीब 38,000 पदों पर भर्तियां कर रही है लेकिन कोरोना कालखंड जैसी विषम परिस्थितियों में अपनी सेवाएं देने वाले इन स्वास्थ्य सहायकों को रोजगार देने से बच रही है (Meena And Rathore On CHA ). किरोड़ी लाल मीणा ने कहा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद को गांधीवादी बताते हैं लेकिन यदि वह इतने ही संवेदनशील है तो इन बेरोजगारों का दर्द आखिर क्यों नहीं सुनते उन्हें क्या समस्या है?
सदन में उठाएंगे मामला- राठौड़: प्रतिपक्ष के उपनेता राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में आज भी हजारों पद रिक्त चल रहे हैं. पैरामेडिकल से जुड़े ही 22,000 पद खाली पड़े हैं जिन पर सरकार को भर्तियां करनी चाहिए राठौड़ ने कहा सरकार प्लेसमेंट एजेंसी के जरिए 30,000 से ज्यादा पदों पर बैक डोर से भर्ती कर चुकी है जिसमें पूरा राजनीतिक दबाव भी चला लेकिन इन बेरोजगारों को अब तक न्याय नहीं मिला. भाजपा की पिछली सरकार ने पैरा टीचर्स को अलग से समायोजित किया था. वहीं एएनएम को भी नियमित करने का कार्य किया था. ऐसे में मौजूदा सरकार सीएचए को नियमित क्यों नहीं कर सकती? राठौड़ ने कहा 19 सितंबर से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र में तो यह मुद्दा उठाना ही है साथ ही यदि सरकार ने इस बार बेरोजगारों के आंदोलन को दमन पूर्वक कुचलना चाहा तो भाजपा इस सरकार की ईंट से ईंट बजा देगी. राठौड़ ने कहा हाल ही में प्रदेश से जुड़े बड़े मुद्दों और घटनाक्रमों के लिए बनी समिति ने भी कोविड स्वास्थ सहायकों के इस आंदोलन को समर्थन देने का ऐलान किया है.
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कोविड स्वास्थ्य सहायकों की मांग:कोविड सहायकों की मांग है कि स्वास्थ्य सहायकों (Demands of CHA) की भर्ती नर्स ग्रेड योग्यता अनुसार हुई थी तो स्वास्थ्य सहायकों को उनकी योग्यता अनुसार मूल वर्ग में शामिल करते हुए संविदा कैडर 2022 में शामिल किया जाए. CHA सेवाएं 1-4-2022 से नियमित मानी जाए. इसके साथ ही कोविड स्वास्थ्य सहायकों को योग्यता अनुसार सम्मानजनक वेतन दिया जाना चाहिए.
कोविड सहायकों का पद खत्म:कोरोना काल में लगाए गए करीब 28 हजार कोविड स्वास्थ्य सहायकों की 31 मार्च से सेवाएं (CHA relieved in Rajasthan) समाप्त कर दी गई थीं. कोविड सहायकों की सेवाओं के समाप्त होने के साथ सीएचए ने आंदोलन शुरू कर दिया था. पिछले 6 महीने से सीएचए का नौकरी बहाली मांग कर रहे हैं. 90 दिन से ज्यादा जयपुर में शहीद स्मारक पर कोविड स्वास्थ्य सहायकों ने निरंतर धरना दिया. सरकार की ओर से लगातार यह आश्वासन दिया जाता रहा है कि सरकार हमारी मांगों को लेकर सकारात्मक कदम उठाने का विचार कर रही है. लेकिन 29 जून को धारा 144 लागू होने का हवाला देकर मध्य रात्रि को इन्हें धरना स्थल से हटाया गया था. अब मजबूरन कोविड स्वास्थ्य सहायकों ने फिर से महापड़ाव डाला है.