जयपुर.राजस्थान एसीबी ने शनिवार देर शाम 4 लाख रुपए की रिश्वत राशि लेते हुए जेसीटीएसएल के एमडी वीरेंद्र वर्मा सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया था. शनिवार सुबह ही जयपुर के निवासियों के लिए जेसीटीएसएल की तरफ से 50 नई मिनी बसों का संचालन शुरू किया गया था और इन बसों को नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था.
JCTSL के एमडी ने सुबह मंत्री धारीवाल के साथ बजाई ताली और शाम को ACB ने धर दबोचा - Rajasthan News
जयपुर में शनिवार को एसीबी ने जेसीटीएसएल के एमडी और सहायक लेखा अधिकारी को 4 लाख रुपए की रिश्वत राशि लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था. बता दें, शनिवार सुबह ही मंत्री शांति धारीवाल ने 50 नई मिनी बसों का संचालन शुरू किया था.
इस दौरान जेसीटीएसएल के एमडी वीरेंद्र वर्मा ने मंत्री शांति धारीवाल के साथ मिलकर नई मिनी बसों की शुरुआत होने पर ताली बजाई. यही नहीं बसों की संचालन को लेकर जेसीटीएसएल के एमडी वीरेंद्र वर्मा ने मंत्री शांति धारीवाल को तमाम जानकारी भी दी थी. नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल को भी इस बात की भनक नहीं थी कि जिन 50 नई मिनी बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना कर रहे हैं उसकी बुनियाद ही भ्रष्टाचार पर रखी गई है.
जिन नई बसों के संचालन पर जेसीटीएसएल का एमडी वीरेंद्र वर्मा मंत्री के साथ मिलकर तालियां बजा रहा है, वही एमडी इन बसों का जयपुर में संचालन करने की एवज में 10 लाख रुपए की घूस मांग रहा है. यही नहीं मंत्री शांति धारीवाल की ओर से जेसीटीएसएल के आगरा रोड बगराना स्थित जिस दूसरे बस डिपो का लोकार्पण किया गया वहां तक जेसीटीएसएल के एमडी वीरेंद्र वर्मा ने भ्रष्टाचार की जड़ें फैला रखी थी.
बस डिपो में निजी ट्रांसपोर्ट कंपनी को तमाम भौतिक सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए भी एमडी वीरेंद्र वर्मा की ओर से घूस मांगी गई. एसीबी की ओर से जेसीटीएसएल और निजी ट्रांसपोर्ट कंपनी की घूसखोरी का पर्दाफाश करने के बाद अब देखना होगा कि इस पूरी प्रक्रिया में जो टेंडर दिए गए उनमें किस तरह की घपलेबाजी जेसीटीएसएल की ओर से की गई.