जयपुर. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपना तीसरा बजट आज पेश किया. बजट 2021 पर सभी की निगाहें थी. कोरोना के बाद गर्त में पड़ी इकॉनमी को वापस रिवाइव करने के लिए सरकार क्या कदम उठाती है इस पर सभी की नजरें थी. ईटीवी भारत से खास बातचीत में बजट एक्सपर्ट, महिला व्यवसाइयों और किसान नेताओं ने इकॉनमी, कृषि, महंगाई और हेल्थ सेक्टर के लिए सरकार ने क्या घोषणाएं की उसपर अपनी राय दी.
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महंगाई को काबू करने को लेकर कोई बड़ी घोषणा नहीं
कोरोना के बाद आर्थिक मार झेल रहे लोगों को इस बजट से राहत की उम्मीद थी. एक्सपर्ट ने कहा कि महंगाई जो लगातार बढ़ती जा रही है. उसको काबू में करने की दिशा में सरकार ने कोई घोषणा नहीं की है. फोर्टी की वॉयस प्रेसिडेंट डॉ. सुनीता शर्मा ने कहा कि इस बजट में जो सबसे अच्छी बात है वह है कि हेल्थ पर फोकस किया है. कोरोना के बाद इसकी सबसे ज्यादा जरूरत थी. हालांकि महंगाई कम करने को लेकर कोई बड़ी घोषणा नहीं होने से थोड़ी निराशा हाथ लगी है.
स्वास्थ्य और शिक्षा पर विशेष जोर
बजट एक्सपर्ट तरुण टांक ने कहा कि इस बजट में स्वास्थ्य और शिक्षा पर विशेष जोर दिया गया है. इसके साथ बजट में जिन राज्यों में चुनाव हैं, वहां के लिए घोषणाएं की गई हैं. बजट में पश्चिम बंगाल की ओर ज्यादा झुकाव दिखा है. तरुण टांक ने सैनिक स्कूल खोलने के निर्णय को अच्छा बताया है. उन्होंने कहा कि इससे युवाओं में देश प्रेम की भावना को प्रोत्साहन मिलेगा.
किसानों के लिए क्या है बजट में
वहीं किसान नेता भंवर सिंह बजट से पूरी तरह से असंतुष्ट नजर आए. उन्होंने कहा कि पहले से ही लग रहा था कि यह बजट सिर्फ और सिर्फ पूंजीपतियों को फायदा देने वाला होगा और वहीं हुआ. इस बजट में पूंजीपतियों को फायदा देने के लिए पीपीपी मॉडल देने की घोषणा की गई है. लेकिन अन्नदाताओं को राहत देने के लिए सरकार ने किसी भी स्कीम की घोषणा नहीं की है.