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गोपाष्टमी पर गौपूजन करने गई दोनों मेयर को मिली मृत गायें, पशु प्रबंधन उपायुक्त से तलब की रिपोर्ट

गायों की मौत को लेकर अक्सर विवादों में रहने वाली हिंगोनिया गौशाला में गोपाष्टमी के दिन भी यही नजारा देखने को मिला. यहां शहर की दोनों महापौर गोपाष्टमी पर पूजा करने पहुंची और जब गौशाला का जायजा लिया तो कई गाय मृत मिली. जिस पर दोनों ही मेयर ने नाराजगी जताते हुए पशु प्रबंधन उपायुक्त से रिपोर्ट तलब की है.

Cows died in gaushala in Jaipur,  Rajasthan News
हिंगोनिया गौशाला में गायों की मौत

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Published : Nov 22, 2020, 8:35 PM IST

जयपुर. गोपाष्टमी के मौके पर रविवार को शहर भर में गोवंश की पूजा का दौर जारी है. इस बीच शहर की ग्रेटर और हेरिटेज नगर निगम की मेयर भी हिंगोनिया गौशाला गौ पूजन के लिए पहुंची, लेकिन यहां दम तोड़ते गोवंश को देखकर आहत हुई.

हिंगोनिया गौशाला में गायों की मौत

दरअसल, हिंगोनिया गौशाला का जिम्मा संभालने वाले अक्षय पात्र फाउंडेशन ने रविवार को गोपाष्टमी के मौके पर ग्रेटर निगम मेयर सौम्या गुर्जर और हेरिटेज निगम मेयर मुनेश गुर्जर को गौ पूजन के लिए बुलाया था. दोनों मेयर ने अलग-अलग समय पहुंचकर गायों की पूजा अर्चना की और उसके बाद गौशाला में बीमार गायों के उपचार के लिए बने आईसीयू का जायजा भी लिया.

पढ़ें-चूरू: श्रीराम गौशाला में 83 गोवंश ने तोड़ा दम, मौत के कारणों की पुष्टि नहीं

ग्रेटर मेयर सौम्या गुर्जर जिस वक्त आईसीयू का निरीक्षण कर रही थी, उस वक्त उन्हें 10 गाय मृत मिली. इसपर उन्होंने कहा कि गौशाला की स्थिति दयनीय है. उन्होंने कहा कि मामले को लेकर अक्षय पात्र प्रशासन का कहना है कि गायों की मौत सुबह हुई है, जबकि लगता है कि दो-तीन दिन से यही हालत है. इसे लेकर पशु प्रबंधन उपायुक्त से बात की है और लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि गोवंश की बेहतर सेवा हो सके, इसके लिए अक्षय पात्र को ये जिम्मेदारी दी गई थी लेकिन फिलहाल सेवा से संतुष्ट नहीं है.

वहीं, हेरिटेज नगर निगम मेयर मुनेश गुर्जर जब गौशाला पहुंची, तब तक मृत गायों को यहां से हटा दिया गया था. लेकिन उनके दौरे के दौरान भी कुछ गाय मृत अवस्था में मिली. जिस पर मुनेश गुर्जर ने अधिकारियों को तलब करते हुए कहा कि गौसेवा सबसे बड़ी सेवा कही गई है. इसको लेकर किसी तरह की राजनीति नहीं चलेगी. उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए कड़े शब्दों में कहा कि यहां ये सब नहीं चलेगा.

बता दें कि पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार के शासन के दौरान सैकड़ों गायों की मौत का मामला सामने आया. ऐसे में तत्कालीन सरकार ने अक्षय पात्र फाउंडेशन को हिंगोनिया गौशाला की जिम्मेदारी सौंपी थी. बावजूद इसके गौशाला में गायों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. हालांकि, अक्षय पात्र प्रशासन का दावा है कि गायों की मृत्यु दर में कमी आई है.

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