जयपुर. शहर में बेहतर विकास हो इस नजरिए से दो नगर निगम का गठन किया गया था लेकिन दोनों ही निगम की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है. हेरिटेज निगम में तो गठन के साथ ही 100 करोड़ का कर्जा मिला. जिसमें से 30 करोड़ चुकाया जा चुका है. वहीं ग्रेटर नगर निगम अपनी वित्तीय स्थिति को सुधारने के लिए बकाया राजस्व की वसूली के लिए विषेष अभियान चला रहा है.
अब हेरिटेज निगम (Jaipur Greater Municipal Corporation) विकास कार्यों के लिए अपनी जमीनों को बेचकर राजस्व का जुगाड़ कर रहा है. इसमें वो जमीन भी शामिल है, जिस पर नया मेयर हाउस बनना था. वहीं ग्रेटर नगर निगम अपनी वित्तीय स्थिति को सुधारने के लिए बकाया राजस्व की वसूली के लिये विषेष अभियान चला रहा है. जिसके तहत डेयरी बूथ किराया बकायेदारों पर सीलिंग की कार्रवाई और यूडी टैक्स बकायेदारों की संपत्तियां कुर्क करने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही ट्रेड लाइसेंस पर भी सख्त होने जा रहे हैं.
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ग्रेटर नगर निगम क्षेत्र में शहर में 900 से अधिक डेयरी बूथ संचालित है. जिनमें से मात्र 227 डेयरी बूथों का ही वार्षिक किराया जमा करवाया गया है. ऐसे में अब जिन डेयरी बूथ संचालकों ने किराया जमा नहीं करवाया है, उनकी खैर नहीं. निगम की ओर से उनको नोटिस देकर किराया नहीं जमा कराने पर डेयरी बूथों को सीज किया जाएगा. वहीं नगरीय विकास कर की वसूली को गति देने के लिए 10 लाख रुपये से अधिक के 193 बकायादारों जोन वार सूची तैयार कर वसूली की जाएगी. निगम ने 1 लाख से अधिक बकाया के मामलों में कुर्की की पत्रावलियां तैयार की है. इसके साथ ही नगरीय विकार कर वसूली और सर्वे के डाटा में कमी को देखते हुये फर्म को कार्य में तीव्रता लाने और कार्य की गुणवत्ता बढ़ाने के निर्देश भी दिए गए हैं.
इसके साथ ही प्रत्येक जोन में अवैध होर्डिंग हटाने के लिये 1 से 30 सितंबर तक विशेष अभियान चलाया जाएगा. जिसमें 4 गुणा 5 फुट के अधिक आकार के होर्डिगों और विभिन्न कॉलोनियों के गेटों पर लगे होर्डिगों को हटवाकर संबंधित फर्म से क्षतिपूर्ति राशि वसूल की जाएगी. इसके अलावा अवैध रूप से रोड कटिंग करने वाले, अवैध सीवर कनेक्शन करने वाले भवनों का भी अभियान चलाकर चिन्हिकरण करने और जुर्माना वसूलने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही नई पार्किंग और होर्डिंग साइट पर भी काम किया जा रहा है.