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नीतीश जी नसीहत दे रहे थे...और विधायक जी कोटा में फंसी बेटी को स्पेशल परमिट से पटना ले आए

सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में करते हुए नीतीश कुमार ने कोटा में फंसे बच्चों को वहीं मदद पहुंचाने की बात कही थी. लेकिन बीजेपी विधायक परमिट जारी करवा अपनी बेटी को ले आये.

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लॉकडाउन के बीच कोटा में फंसी बेटी को पटना ले आए BJP विधायक

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Published : Apr 19, 2020, 4:23 PM IST

Updated : Apr 19, 2020, 7:02 PM IST

पटना/जयपुरराजस्थान के कोटा में फंसे बच्चों के मामले में जहां नीतीश कुमार ने उन्हें वहीं बने रहने और मदद पहुंचाने का आश्वासन दिया है. लेकिन नवादा के हिसुआ से बीजेपी विधायक अनिल सिंह अपनी बेटी को कोटा से लेकर वापस आ गये. इस बाबत उनसे जब सवाल पूछा गया तो उन्होंने साफ कहा कि मैं एक जनप्रतिनिधि के साथ-साथ पिता भी हूं.

लॉकडाउन के बीच कोटा में फंसी बेटी को पटना ले आए BJP विधायक

बीजेपी विधायक अनिल सिंह ने कहा कि अपनी बेटी को लाना लॉकडाउन का उल्लंघन नहीं है. लॉकडाउन के दौरान हमारी सरकार ने साफ तौर पर कहा कि आवश्यक हो तभी घर से निकलें. मैं जनप्रतिनिधि के साथ-साथ एक पिता भी हूं. इसलिये मुझे जरुरी लगा कि मैं अपनी बेटी को लेने कोटा जाऊं. इसके लिए मैंने प्रशासन से परमिट लिया और कोटा गया. वहां से मैं अपनी बिटिया को लेकर वापस आया हूं.

अन्य छात्रों का क्या?
अन्य फंसे हुए छात्रों पर सरकार की प्राथमिकता के बारे में जब बीजेपी नेता से पूछा गया तो उन्होंने साफ कहा कि सरकार हर संभव प्रयास कर रही है. इस दौरान उन्होंने कहा कि कंप्यूटर के माध्यम से आवेदन हो रहे हैं. लोगों को इसकी जानकारी नहीं है. सरकार को जो करना चाहिए वो कर रही है.

सरकारी प्रक्रिया सिर्फ विधायक को क्यों मिली
दरअसल, अनिल सिंह की 17 वर्षीय बेटी रश्मि कोटा में मेडिकल की पढ़ाई करती है. लॉकडाउन के बाद वो वहीं फंसी थी. विधायक की माने तो उनकी बेटी डिप्रेशन में थी. इसलिए उन्होंने सरकार की जारी गाइडलाइन के अनुसार पास बनवाया और 16 अप्रैल को कोटा रवाना हो गए. 18 अप्रैल को अनिल सिंह अपनी बेटी को वापस पटना ले आये.

ऐसे में नीतीश कुमार के उस बयान की धज्जियां उड़ती दिख रही है, जो उन्होंने यूपी सरकार की पहल पर दिया था. दरअसल, यूपी की योगी सरकार ने राजस्थान सरकार से अपील कर अपने बच्चों को वापस लाने के लिये बसे भेजीं थीं. इस बाबत नीतीश ने सोशल डिस्टेंसिंग का हवाला देते हुए राजस्थान को परमिट न देने की बात कही. ऐसे में बीजेपी विधायक अगर परमिट इश्यू करा सकते हैं, तो कुल 65 सौ छात्र बिहार के ऐसे हैं जिनके माता-पिता भी अपने कलेजे के टुकड़े के लिये तड़प रहे हैं. उनका क्या?

देखें ये खास रिपोर्ट-कोटा में फंसे छात्रों के लिए 'नीतीश का लॉकडाउन'

Last Updated : Apr 19, 2020, 7:02 PM IST

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