जयपुर.राजधानी के निजी और सरकारी अस्पतालों में जन्मे बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया (Procedure for making birth certificate) को आसान किया गया है लेकिन इसमें भी अस्पताल प्रशासन लापरवाही बरत रहे हैं. जिसकी वजह से पेंडेंसी बढ़ती जा रही (birth certificate pendency Jaipur Hospital) है. हालांकि अब निगम ने ऐसे अस्पतालों पर सख्ती बरतते हुए पेनाल्टी लगानी (penalty on hospitals in Jaipur) शुरू की है लेकिन पेनाल्टी इतनी कम है कि इसका कोई खास असर अस्पताल प्रशासन पर पड़ नहीं रहा.
जन्म प्रमाण पत्र बनाने के लिए निगम प्रशासन की ओर से सभी सरकारी अस्पतालों को आईडी और पासवर्ड दिए हुए हैं. साथ ही अस्पताल के ही एक कर्मचारी को उप रजिस्ट्रार भी नियुक्त किया गया है. जिससे जन्म प्रमाण पत्र अस्पताल में ही जारी हो सके. वहीं प्राइवेट अस्पतालों को भी आईडी और पासवर्ड दिया हुआ है. जिसके आधार पर वो अस्पताल में होने वाले नवजात की एंट्री कर सके. लेकिन इस कार्य में अस्पताल प्रशासन लापरवाही बरत रहा है. ऐसे सैकड़ों प्रकरण हैं, जिसमें नवजात की एंट्री जन्म के 21 दिन तक भी नहीं की गई. इसी तरह सैकड़ों प्रकरण ऐसे भी हैं, जिनमें बच्चे के जन्म की सूचना अस्पताल प्रशासन ने 1 साल तक भी नहीं दी. ऐसे अस्पतालों के खिलाफ अब निगम ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए नोटिस देकर पेनाल्टी लगाना शुरू किया है. हालांकि, ये पेनाल्टी महज एक रुपए की है.