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birth certificate pendency Jaipur Hospital : अस्पतालों पर निगम सख्त, पेनाल्टी कम होने के चलते नहीं पड़ रहा असर - ETV Bharat Rajasthan news

जयपुर के निजी और सरकारी अस्पताल जन्म प्रमाण पत्र बनाने में लापरवाही बरत रहे हैं. जिससे पेंडेंसी बढ़ती जा रही है. वहीं लापरवाहों अस्पतालों के खिलाफ पेनाल्टी इतनी कम है कि अस्पताल प्रशासन (birth certificate pendency Jaipur Hospital) का रवैया बदल नहीं रहा है.

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जयपुर में जन्म प्रमाण पत्र बनाने में लापरवाही

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Published : Dec 17, 2021, 8:13 PM IST

Updated : Dec 18, 2021, 1:37 PM IST

जयपुर.राजधानी के निजी और सरकारी अस्पतालों में जन्मे बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया (Procedure for making birth certificate) को आसान किया गया है लेकिन इसमें भी अस्पताल प्रशासन लापरवाही बरत रहे हैं. जिसकी वजह से पेंडेंसी बढ़ती जा रही (birth certificate pendency Jaipur Hospital) है. हालांकि अब निगम ने ऐसे अस्पतालों पर सख्ती बरतते हुए पेनाल्टी लगानी (penalty on hospitals in Jaipur) शुरू की है लेकिन पेनाल्टी इतनी कम है कि इसका कोई खास असर अस्पताल प्रशासन पर पड़ नहीं रहा.

जन्म प्रमाण पत्र बनाने के लिए निगम प्रशासन की ओर से सभी सरकारी अस्पतालों को आईडी और पासवर्ड दिए हुए हैं. साथ ही अस्पताल के ही एक कर्मचारी को उप रजिस्ट्रार भी नियुक्त किया गया है. जिससे जन्म प्रमाण पत्र अस्पताल में ही जारी हो सके. वहीं प्राइवेट अस्पतालों को भी आईडी और पासवर्ड दिया हुआ है. जिसके आधार पर वो अस्पताल में होने वाले नवजात की एंट्री कर सके. लेकिन इस कार्य में अस्पताल प्रशासन लापरवाही बरत रहा है. ऐसे सैकड़ों प्रकरण हैं, जिसमें नवजात की एंट्री जन्म के 21 दिन तक भी नहीं की गई. इसी तरह सैकड़ों प्रकरण ऐसे भी हैं, जिनमें बच्चे के जन्म की सूचना अस्पताल प्रशासन ने 1 साल तक भी नहीं दी. ऐसे अस्पतालों के खिलाफ अब निगम ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए नोटिस देकर पेनाल्टी लगाना शुरू किया है. हालांकि, ये पेनाल्टी महज एक रुपए की है.

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इस संबंध में ग्रेटर नगर निगम के जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र रजिस्ट्रार प्रदीप पारीक ने बताया कि लापरवाह अस्पतालों की फेहरिस्त में सांगानेरी गेट स्थित महिला अस्पताल सबसे आगे हैं. इसके अलावा जेके लोन (penalty on JK Lone) और SMS अस्पताल का भी नाम इस फेहरिस्त में शामिल है. उन्होंने बताया कि सैकड़ों प्रकरण ऐसे भी हैं, जहां 1 साल के बाद तक भी निगम को जन्मे बच्चे की सूचना नहीं पहुंचाई गई. ऐसे मामलों में 50 रुपए की अतिरिक्त पेनाल्टी लगाई गई है.

अस्पताल का नाम ₹51 की पेनाल्टी (कितनी बार लगाई गई) ₹1 की पेनाल्टी
महिला अस्पताल 304 201
संतोकबा मेमोरियल 26 2
SMS अस्पताल 23 65
जेके लोन अस्पताल 0 16
सिरसी सामुदायिक केंद्र 5 7
आरयूएचएस अस्पताल 3 4
जयपुरिया अस्पताल 3 2
रूंगटा अस्पताल 3 2

पेनाल्टी राज्य सरकार की ओर से निर्धारित की गई है. नगर निगम का रोल महज इसे लागू करने का है. ऐसे में जरूरत पेनाल्टी शुल्क बढ़ाने की है. जिससे अस्पतालों को भी अपनी लापरवाही पर खेद महसूस हो और आमजन को भी परेशानी ना उठानी पड़े.

Last Updated : Dec 18, 2021, 1:37 PM IST

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