जयपुर.पूर्व सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. अरुण चतुर्वेदी ने राज्य सरकार पर आर्थिक पिछड़ा वर्ग के हितों के साथ कुठाराघात करने का आरोप लगाया है. चतुर्वेदी ने इसके लिए हाल ही में हुई मेडिकल प्रवेश परीक्षा यानी नीट का भी एक उदाहरण दिया है.
पूर्व सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. अरुण चतुर्वेदी ने राज्य सरकार पर आर्थिक पिछड़ा वर्ग के हितों के साथ कुठाराघात करने का आरोप लगाया डॉ. अरुण चतुर्वेदी के मुताबिक नीट के लिए केंद्र सरकार ने राज्य को 415 अतिरिक्त सीटें दी थी. यह सीटें आर्थिक पिछड़ा आरक्षण के लिए दी गई थी, लेकिन प्रदेश सरकार ने इसमें से महज 134 सीटों का ही उपयोग किया. उनमें भी 91 सीटों पर तो आर्थिक पिछड़ों को फ्री प्रवेश मिला, लेकिन बाकी सीटों पर फीस लेकर प्रवेश दिया गया और यह फीस भी 9 लाख रुपये थी.
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भाजपा नेता डॉ. अरुण चतुर्वेदी का कहना है कि एक तरफ तो सरकार आर्थिक रूप से पिछड़े होने का क्राइटेरिया 8 लाख रुपये सालाना रखती है. लेकिन केंद्र सरकार ने जो सीटें प्रदेश को इस आरक्षण के तहत दी थी, उसमें भी कई सीटों को पेमेंट सीट मानकर 9 लाख रुपये आर्थिक रूप से पिछड़े छात्रों से लिए गए. उनके मुताबिक ये सीधे तौर पर प्रदेश के आर्थिक तौर से पिछड़े लोगों के हितों के साथ कुठाराघात है.च