नई दिल्ली :दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच (Delhi Police Crime Branch) ने गिरफ्तार किए गए जासूस हबीबुर्रहमान की निशानदेही पर आगरा से सेना में तैनात परमजीत को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपियों से खुलासा हुआ है कि वह लगभग 2 साल से भारतीय सेना से संबंधित दस्तावेज पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी को सप्लाई कर रहे थे. इसकी एवज में उन्हें मोटी रकम भी मिल रही थी. भारतीय सेना की तरफ से इस बात की पुष्टि की गई है कि बरामद किए गए दस्तावेज खुफिया हैं.
दो साल से हो रही थी सेना की जासूसी क्राइम ब्रांच के विशेष आयुक्त प्रवीर रंजन ने बताया कि दिल्ली पुलिस को इनपुट मिला था कि पोखरण का रहने वाला हबीबुर्रहमान सेना से संबंधित खुफिया दस्तावेज लीक करता है. इस जानकारी पर क्राइम ब्रांच की टीम ने पोखरण में छापा मारकर उसे गिरफ्तार कर लिया. उसके पास से काफी खुफिया दस्तावेज बरामद हुए हैं, जिसमें सेना के ठिकानों से संबंधित मैप शामिल है. इसे जब भारतीय सेना को दिखाया गया तो उन्होंने बताया कि यह खुफिया दस्तावेज हैं. इसके बाद ही दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने ऑफिशल सीक्रेट एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है.
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विशेष आयुक्त प्रवीर रंजन ने बताया कि पूछताछ के दौरान आरोपी हबीबुर्रहमान ने बताया कि उसके कुछ रिश्तेदार पाकिस्तान स्थित पंजाब के सिंध प्रांत में रहते हैं. लगभग 2 साल पहले वह उनसे मिलने के लिए पाकिस्तान गया था. उसी दौरान वह ISI के गुर्गों से संपर्क में आया. उन्होंने उसे लालच देकर जासूसी करने के लिए कहा. आरोपी हबीबुर्रहमान भारतीय सेना में सामान सप्लाई करने का काम करता था. वहां आने जाने के दौरान उसका परिचय परमजीत से हुआ जो उस समय पोखरण में तैनात था. उसे रुपयों का लालच देकर उसने अपने साथ मिला लिया.
परमजीत उसे पोखरण और आगरा स्थित सेना के ठिकानों से संबंधित दस्तावेज सप्लाई करता था. वहीं हबीबुर्रहमान उन्हें वाट्सऐप के जरिए पाकिस्तान में बैठे IST के गुर्गों को सप्लाई कर रहा था. इसके बदले में उनके बैंक खातों में रुपये भेजे गए हैं.
हवाला के जरिए भी उन्हें रुपये भेजने की बात सामने आई है. इस खुलासे के बाद पुलिस टीम ने आरोपी परमजीत को गिरफ्तार कर लिया है. इनके अनेक बैंक खाते फ्रीज किए गए हैं, जिनको खंगाला जा रहा है. वहीं इनसे जुड़े अन्य लोगों के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है.