राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

नई शिक्षा नीति का शिक्षक संगठन ने किया विरोध - शिक्षा की खबर

नई शिक्षा नीति में सबसे महत्वपूर्ण बदलाव शिक्षक चयन प्रक्रिया में इंटरव्यू और डेमो के आधार पर किया जाएगा. ऐसे में अरस्तु शिक्षक संगठन ने इसे लेकर विरोध जताया है. शिक्षक संघ पदाधिकारियों का कहना रहा कि शिक्षकों का तबादला राष्ट्रीय शिक्षा नीति में उल्लेख न होने से शिक्षकों में मानसिक तनाव पैदा करेगा, जो शिक्षण कार्य के लिए अनुकूल नहीं है.

जयपुर में नई शिक्षा नीति, New education policy in jaipur, जयपुर की खबर, jaipur news

By

Published : Oct 31, 2019, 10:19 AM IST

जयपुर. शिक्षा को लेकर किए गए कई महत्वपूर्ण बदलावों को लेकर नई शिक्षा नीति का फाइनल ड्राफ्ट जारी किया जा चुका है. लेकिन इन बदलावों को लेकर शिक्षक संघों ने विरोध दर्ज करवाना शुरू कर दिया है. नई शिक्षा नीति में सबसे महत्वपूर्ण बदलाव शिक्षक चयन प्रक्रिया में इंटरव्यू और डेमो के आधार पर किया जाएगा. ऐसे में अरस्तु शिक्षक संगठन ने इस पर विरोध जताया है.

नई शिक्षा नीति का शिक्षक संगठन अरस्तु ने जताया विरोध

इसी के तहत संगठन के वरिष्ठ शिक्षक विपिन प्रकाश शर्मा ने कहा है कि एकाधिक कठोर बैरियर पार करने के बाद शिक्षकों की नियुक्तियों में साक्षात्कार का प्रावधान रखना पूर्णतया व्यवहारिक है. साथ ही साक्षात्कार के प्रावधान से भ्रष्टाचार पनपने व भाई भतीजावाद के शिकार होने से कोई रोक नहीं सकेगा. इसके लिए साक्षात्कार का प्रावधान हटाया जाना आवश्यक है. साथ ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति में स्पष्ट नहीं है कि टेट उत्तीर्ण के पश्चात शिक्षक पदों के चयन के लिए सार्वजनिक शिक्षक चयन परीक्षा का क्या प्रावधान रखा गया है.

पढ़ेंः आर्थिक तंगी दूर करने के लिए गहलोत सरकार फिर से वसूलेगी स्टेट टोल टैक्स

वहीं शिक्षकों का तबादला राष्ट्रीय शिक्षा नीति में उल्लेख न होने से शिक्षकों में मानसिक तनाव पैदा करेगा जो शिक्षण कार्य के लिए अनुकूल नहीं है. साथ ही उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2019, जो मूलत: राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 पर आधारित है. जिसके अधिकांश प्रावधान सही और उचित हैं, लेकिन शिक्षक भर्ती में साक्षात्कार का प्रावधान भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाला सिद्ध होगा.

पढ़ेंः जयपुर: मकान के बाहर फायरिंग कर दहशत फैलाने वाले तीन बदमाश गिरफ्तार

प्रत्येक स्कूल में गणित और विज्ञान विषय की उलब्धता के लिए कहा गया है, लेकिन इसके लिए वित्तीय प्रावधान करना राजस्थान जैसे बड़े राज्य के लिए संभव नहीं है. इसी प्रकार मूलभूत संरचनाओं और संसाधनों के विकास के लिए शैक्षिक और आर्थिक दृष्टि से पिछड़े राज्यों जिनमें राजस्थान भी शामिल है. उसके लिए विशेष वित्तीय अनुदान की व्यवस्था की बहुत आवश्यकता थी, जो नहीं की गई है.

पढ़ेंः जयपुर: ग्राम पंचायत रामरतनपूरा के राजीव गांधी केन्द्र पर चोरों ने बोला धावा

ऐसे में शिक्षा राज्यमंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने सोशल मीडिया पर कहा कि पूर्व प्राथमिक शिक्षा राजस्थान में 37444 आंगनबाड़ी केन्द्र एवं विद्यालयों में की जानी है,, इसके लिए भी केन्द्र सरकार की ओर से वित्तीय सहायता का उल्लेख नहीं किया गया है. ऐसी स्थिति में राजस्थान में नई शिक्षा नीति को लागू किया जाना अत्यंत कठिन हो जाएगा. नई शिक्षा नीति में शिक्षक स्थानांतरण नीति बनाने की बात की गई है, जिस पर हम कार्य कर रहे हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details