जयपुर. शिक्षा को लेकर किए गए कई महत्वपूर्ण बदलावों को लेकर नई शिक्षा नीति का फाइनल ड्राफ्ट जारी किया जा चुका है. लेकिन इन बदलावों को लेकर शिक्षक संघों ने विरोध दर्ज करवाना शुरू कर दिया है. नई शिक्षा नीति में सबसे महत्वपूर्ण बदलाव शिक्षक चयन प्रक्रिया में इंटरव्यू और डेमो के आधार पर किया जाएगा. ऐसे में अरस्तु शिक्षक संगठन ने इस पर विरोध जताया है.
इसी के तहत संगठन के वरिष्ठ शिक्षक विपिन प्रकाश शर्मा ने कहा है कि एकाधिक कठोर बैरियर पार करने के बाद शिक्षकों की नियुक्तियों में साक्षात्कार का प्रावधान रखना पूर्णतया व्यवहारिक है. साथ ही साक्षात्कार के प्रावधान से भ्रष्टाचार पनपने व भाई भतीजावाद के शिकार होने से कोई रोक नहीं सकेगा. इसके लिए साक्षात्कार का प्रावधान हटाया जाना आवश्यक है. साथ ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति में स्पष्ट नहीं है कि टेट उत्तीर्ण के पश्चात शिक्षक पदों के चयन के लिए सार्वजनिक शिक्षक चयन परीक्षा का क्या प्रावधान रखा गया है.
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वहीं शिक्षकों का तबादला राष्ट्रीय शिक्षा नीति में उल्लेख न होने से शिक्षकों में मानसिक तनाव पैदा करेगा जो शिक्षण कार्य के लिए अनुकूल नहीं है. साथ ही उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2019, जो मूलत: राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 पर आधारित है. जिसके अधिकांश प्रावधान सही और उचित हैं, लेकिन शिक्षक भर्ती में साक्षात्कार का प्रावधान भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाला सिद्ध होगा.