राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

68 लाख के टेंडर में गड़बड़ी!, जानिए अपने ऊपर लगे आरोपों पर क्या बोले अधीक्षण अभियंता

जन स्वास्थ्य और अभियंत्रिकी विभाग में मेंटेनेंस का 68 लाख रुपए की टेंडर गलत तरीके से चहेती कंपनी को देने के मामले में जोन उत्तर के अधीक्षण अभियंता पर आरोप लग रहे हैं. अधीक्षण अभियंता अजय सिंह राठौड़ पर ठेकेदार की ओर से आरोप लगाया गया है कि नियमों को दरकिनार कर यह टेंडर दिया गया है.

By

Published : Aug 21, 2020, 5:12 PM IST

jaipur news, Water supply department
टेंडर में गड़बड़ी का आरोप...

जयपुर. जन स्वास्थ्य और अभियंत्रिकी विभाग पीएचईडी विभाग में में मेंटेनेंस का 68 लाख रुपए की टेंडर गलत तरीके देने का मामला का सामने आया है. दरअसल, ट्यूबवेल, पंप हाउस के मेंटेनेंस के लिए 68.38 लाख रुपये का टेंडर दिया जाना था. इस टेंडर के लिए पांच फर्मों ने आवेदन किया. ठेकेदार बनवारी लाल ने कहा कि 5 में से 2 फर्मों को निविदा से बाहर कर दिया गया, जबकि शर्तों के अनुसार 4 फर्मों को बाहर होना चाहिए था.

उन्होंने कहा की निविदा से 2 फर्मों को बाहर करने के बाद डायनामिक इलेक्ट्रो पावर प्राइवेट लिमिटेड भीलवाड़ा, जांगिड़ इंजीनियर्स वर्क्स और किसान इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग वर्क्स जयपुर ही शेष रही. फार्म किसान इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग वर्क्स ठेकेदार बनवारी लाल शर्मा की फर्म है.

टेंडर में गड़बड़ी का आरोप...

हाईकोर्ट भी पहुंचा मामला...

अधीक्षण अभियंता ने नियमों के विपरीत डायनेमिक इलेक्ट्रो पावर प्राइवेट लिमिटेड को यह टेंडर जारी कर दिया. ठेकेदार बनवारी लाल का आरोप है कि टेंडर देने में नियमों की पूरी तरह से अवहेलना की गई है. बनवारी लाल इस मामले को लेकर हाईकोर्ट भी गए और हाईकोर्ट ने वर्क ऑर्डर पर स्टे आदेश दिया. आदेश में कहा गया कि अपीलों की सुनवाई होने तक वर्क ऑर्डर जारी नहीं किया जाए. बनवारी लाल शर्मा ने वर्कशॉप का किरायानामा भी फर्जी होने का आरोप लगाया. बनवारी लाल शर्मा ने आरोप लगाया कि जिस फर्म को ठेका दिया गया है, उस फर्म के पार्टनरशिप में पीएचईडी विभाग का एक बड़ा अधिकारी भी शामिल है.

पढ़ेंःजयपुर : UD टैक्स नहीं चुकाने पर 11 दुकानें कुर्क, 7 करोड़ रुपए में बेचे 5 भूखंड

कमेटी में ये अधिकारी है शामिल...

पीएचईडी विभाग में टेंडर देने के लिए एक कमेटी बनी हुई है. इस कमेटी में अधीक्षण अभियंता, टेक्निकल असिस्टेंट और एकाउंट्स ऑफिसर शामिल होते हैं. यदि कोई भी टेंडर जारी किया जाता है तो उस पर इन तीनों के ही हस्ताक्षर होना अनिवार्य है. लेकिन डायनेमिक इलेक्ट्रो पावर प्राइवेट लिमिटेड को जो टेंडर दिया गया है, उसमें केवल अधीक्षण अभियंता के ही हस्ताक्षर किए हुए हैं. बनवारी लाल शर्मा ने कहा कि कमेटी के सदस्यों को इसमें पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया है.

टेंडर में गड़बड़ी को रोकने के लिए ही कमेटी बनाई जाती है

बनवारी लाल ने इस मामले में अतिरिक्त मुख्य अभियंता के यहां अपील की, लेकिन उसे खारिज कर दिया गया. जब यह पूरा मामला मुख्य अभियंता शहरी सीएम चौहान के पास पहुंचा तो उन्होंने अतिरिक्त मुख्य अभियंता से फाइल मंगवाने के लिए 4 बार पत्र भी लिखा. लेकिन उनके पास फाइल नहीं पहुंचाई गई. बनवारी लाल ने आरटीआई के तहत अपील भी करेंगे.

पढ़ेंःउदयपुर की स्वच्छता रैंकिंग को लेकर कटारिया ने जताई खुशी, निगम कर्मचारियों का जताया आभार

41 फीसदी कम रेट पर दिया टेंडर

इस संबंध में जब अधीक्षण अभियंता अजय सिंह राठौड़ से बात की गई. उन्होंने कहा कि टेंडर में कोई अनियमितता नहीं की गई है. नियमानुसार टेंडर जारी किया गया है. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों लॉकडाउन का समय चल रहा था. अधिकारी दफ्तर नहीं आ रहे थे. इसलिए मैंने ही हस्ताक्षर किए हैं. कमेटी इसलिए बनाई जाती है, ताकि रेट को लेकर सरकार को नुकसान न हो. यह टेंडर 41 फीसदी कम रेट पर दिया गया है और इससे सरकार को 22 लाख रुपये की बचत होगी.

ABOUT THE AUTHOR

...view details