जयपुर. कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने अपने निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये अधिकारियों के साथ विभागीय योजनाओं एवं गतिविधियों की समीक्षा की. इसमें उन्होंने खरीफ सीजन के दौरान खाद-बीज की पर्याप्त उपलब्धता बनाए रखने के साथ किसान तक समय पर डिलीवरी कराना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए, ताकि उन्हें बेवजह परेशान नहीं होना पड़े. कृषि मंत्री कटारिया ने कहा कि इस वर्ष मौसम विभाग के अनुसार समय पर अच्छी बरसात होने का अनुमान है. साथ में कोरोना का दौर भी चल रहा है. इसलिए इन सभी परिस्थितियों को ध्यान में रखकर उचित रणनीति के साथ समय पर किसान तक खाद-बीज पहुंचाने का कार्य करें.
उन्होंने राज्य में खरीफ के लिए जरूरी एवं उपलब्ध बीज तथा उर्वरकों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को जिलावार मांग के हिसाब से आपूर्ति करने के निर्देश दिए. कटारिया ने खरीफ-2020 के शेष रहे बीमा क्लेम का शीघ्र भुगतान करने और आगामी खरीफ के लिए राज्यांश प्रीमियम के रूप में जरूरी बजट का समय पर इंतजाम करने के निर्देश दिए. उन्होंने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत फार्म पोंड, पाइप लाइन एवं तारबन्दी का लक्ष्य जिलावार मांग अनुसार तय कर क्रियान्विति के लिए जिला अधिकारियों को पाबंद करने के निर्देश दिए.
बैठक में कृषि एवं उद्यानिकी विभाग के प्रमुख शासन सचिव भास्कर ए सावंत ने क्षेत्रीय मांग के अनुसार योजनाओं के लक्ष्य में जिलावार जरूरी फेरबदल कर शत प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने के निर्देश दिए. उन्होंने अर्जित लक्ष्य के रियल टाइम ऑनलाइन अपडेशन के लिए पाइप लाइन के साथ तारबन्दी के लिए भी सॉफ्टवेयर विकसित करने के निर्देश दिए, ताकि बचे हुए कार्य को अन्य किसानों को आवंटित कर शत प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया जा सके.
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बैठक में कृषि विभाग के आयुक्त डॉ. ओमप्रकाश ने खाद-बीज की स्थिति एवं विभागीय योजनाओं की प्रगति का प्रस्तुतीकरण देते हुए बताया कि खरीफ सीजन के लिए राज्य में बीज, यूरिया, डीएपी एवं अन्य उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता है और किसानों को इस सम्बंध में कोई दिक्कत नहीं आने दी जाएगी. उन्होंने बताया कि फसल बीमा योजना के तहत खरीफ-2020 के तहत 2201 करोड़ रुपए का बीमा क्लेम पात्र किसानों को वितरित कर दिया गया है, जबकि शेष रहे 172 करोड़ रुपए का क्लेम इस माह वितरित कर दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि इस वर्ष अनुदान योजनाओं में चयन को ज्यादा पारदर्शी बनाते हुए 125 फीसदी से ज्यादा आवेदन आने पर लॉटरी से किसानों का चयन किया जाएगा, जबकि इससे कम आवेदन आने पर पूर्व की भांति 'पहले आओ-पहले पाओ' के आधार पर चयन कर लाभान्वित किया जाएगा.