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डूंगरपुर हिंसा के बाद आदिवासी समाज ने की भर्तियों में आरक्षण की मांग

डूंगरपुर हिंसा के बाद आदिवासी समाज ने सोमवार को जयपुर से पिंकसिटी प्रेस क्लब के सभागार से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भर्तियों में आरक्षण की मांग की. इस दौरान आदिवासी नेताओं ने सरकार पर आदिवासियों के दमन करने का आरोप लगाया. साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार ने लाठी-गोली की भाषा बंद नहीं की, तो आंदोलन के द्वारा जवाब दिया जाएगा.

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डूंगरपुर हिंसा के बाद आदिवासी समाज ने की भर्तियों में आरक्षण की मांग

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Published : Oct 12, 2020, 8:23 PM IST

जयपुर. राजस्थान के डूंगरपुर जिले में स्थित कांकरी डूंगरी में कुछ दिन पूर्व आदिवासी समाज द्वारा शिक्षक भर्ती में आरक्षण लागू करने की मांग पर अराजकता का मामला सामना आया था और नौबत यह आ गई थी कि शहर में करीब 5 दिन तक इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई थी. वहीं इस मामले में लगभग 29 केस दर्ज करते हुए करीब 249 लोगों को चिन्हित किया गया.

डूंगरपुर हिंसा के बाद आदिवासी समाज ने की भर्तियों में आरक्षण की मांग

वहीं डूंगरपुर उपद्रव के बाद आदिवासी समाज ने सोमवार को जयपुर से पिंकसिटी प्रेस क्लब के सभागार में भर्तियों में आरक्षण की मांग को लेकर पत्रकार वार्ता की. इस दौरान मीडिया से मुखातिब होते हुए हिम्मत सिंह और अतुल मीणा ने सरकार पर आदिवासियों पर दमन चक्र का आरोप लगाया. उन्होंने भाजपा का हवाला देते हुए कहा कि भाजपा कह रही है कि आदिवासियों को नक्सली करार दिया जाता है और एक तरफ कांग्रेस का शासन है, जो आदिवासियों के खिलाफ अत्याचार कर रही है. रोज पुलिस की प्रताड़ना की जा रही है.

पढ़ें-डूंगरपुर हिंसा : BTP की ओर से हाईकोर्ट में याचिका...सरकार से जवाब-तलब

उनका कहना है कि ये राज्य सरकार इस प्रताड़ना को बंद करें और आदिवासी छात्रों की जो भर्ती की है. उस मांग को पूरा किया जाए. इस दौरान उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार ने अपना दमन चक्र बंद नहीं किया और पुलिस की लाठी गोली की भाषा बंद नहीं हुई, तो एक बार फिर आंदोलन के द्वारा इसका जवाब दिया जाएगा.

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