जयपुर:गहलोत सरकार की तीसरी वर्षगांठ (3rd Anniversary Of Gehlot Government) पर ईटीवी भारत (Etv Bharat Rajasthan News) ने सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना से बात की. खास बातचीत में मंत्री ने अपनी उपलब्धियां गिनाई और खामियों को दूर करने का भरोसा भी दिलाया. साथ ही किसानों की संपूर्ण कर्ज माफी से जुड़े विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज भी किया और राष्ट्रीय कृत बैंकों से कर्ज माफी की जिम्मेदारी केंद्र की मोदी सरकार पर थोपा.
किसानों की ऋण माफी को लेकर PM को लिखेंगे खत
ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजनाने कहा कि उनकी सरकार और विभाग ने किसानों से कर्ज माफी का जो वादा किया था उसे पूरा किया है फिर चाहे विपक्ष जो आरोप लगाए उससे कोई फर्क नहीं पड़ता. अंजना ने कहा हमारे नियंत्रण में सहकारी बैंक और भूमि विकास बैंक थे और इनमें 21 लाख किसानों पर जो कर्जा था उसे हमने माफ किया लेकिन राष्ट्रीयकृत बैंक केंद्र के नियंत्रण में है ऐसे में किसानों की ऋण माफी का काम इसके जरिए केंद्र सरकार भी करें. आंजना ने कहा इस संबंध में तीन बार पत्र पूर्व में लिखे जा चुके हैं. अब इस संबंध में फिर से पत्र लिखा जाएगा.
'सहकारी समिति चुनाव प्राथमिकता' उदयलाल आंजना अपने 3 साल के कामकाज (3 years of Gehlot Government) और विभाग की रफ्तार से पूरी तरह संतुष्ट हैं. लेकिन सहकारी समितियों का चुनाव नहीं करा पाने का दर्द भी है. राजस्थान में पिछले 8 साल से अधिक समय से हजारों सहकारी समितियों के चुनाव नहीं हो पाए हैं. आंजना कहते हैं कि मंत्रिमंडलीय उप समिति में इस मामले में चर्चा हो चुकी है और अब कैबिनेट की बैठक में इसे रखकर निर्णय लिया जाना है. सहकारिता मंत्री चाहते हैं कि जिस तरह विधायक और सांसद के हर 5 साल में चुनाव होते हैं सहकारी समितियों के भी 5 साल में चुनाव हों.
'घाटे का सौदा हम नहीं करते'
डिपार्टमेंटल स्टोर आम लोगों के जुड़ाव ना हो पाने को लेकर पूछे गए सवाल पर मंत्री उदयलाल आंजना ने दो टूक कहा कि घाटे का सौदा हम नहीं करते. जो डिपार्टमेंटल स्टोर प्रतिस्पर्धा में नहीं टिके उन्हें हमने बंद कर दिया. हालांकि सहकारिता मंत्री कहते हैं कि जिन डिपार्टमेंटल स्टोर का काम बढ़िया है हम उसे और आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं.
धोखाधड़ी को रोकने का ठीकरा फोड़ा केन्द्र सरकार पर
सहकारिता विभाग (Gehlot Government and Co Operative Department) के सामने सबसे बड़ी चुनौती सहकारी समितियों और मल्टी स्टेट को ऑपरेटिव सोसाइटी (Multi State Cooperative Societies) पर नकेल कसना है. धोखाधड़ी से प्रदेश के हजारों लोग परेशान हैं. इस प्रकार के कई मामले भी दर्ज हुए लेकिन कुछ खास इस दिशा में नहीं हो पाया. यही सवाल जब मंत्री से पूछा गया तो उन्होंने विभाग के प्रयासों की बात तो कही साथ ही नियमों का हवाला दे केन्द्र को भी कटघरे में खड़ा कर दिया. बोले- जो हमारे पास कानून थे उनके तहत एफआईआर दर्ज कराने से लेकर तमाम काम हमने किए. लेकिन इससे आगे की जिम्मेदारी केन्द्र की है. Societies पर नकेल कसने के लिए केंद्र सरकार को भी पहल करनी होगी.
3 साल में किसानों के लिए कई योजनाएं हुई शुरू
अपने विभाग की उपलब्धियों का बखान करते हुए मंत्री ने कई योजनाओं का जिक्र किया. बोले- सहकारिता विभाग में तीन वर्ष के दौरान किसानों के समावेशी विकास की दिशा में कई योजनाएं प्रारंभ की है. इसमें राजस्थान कृषक ऋण माफी योजना-2019, सहकारी फसली ऋण ऑनलाइन पंजीयन एवं वितरण योजना-2019,पन्द्रह लाख नए सदस्य किसानों को सहकारी फसली ऋण से जोड़ना,राज सहकार पोर्टल से पारदर्शिता को बढ़ावा देना, एकीकृत किसान सेवा पोर्टल की शुरूआत, ग्राम सेवा सहकारी समितियों पर ई-मित्र केन्द्रों की शुरूआत, यूरिया और डीएपी का बफर स्टॉक, बायोमैट्रिक प्रणाली से समर्थन मूल्य पर ऑनलाइन खरीद,ऑनलाइन वेयरहाउस ई-रिसिप्ट सेवा, नई ग्राम सेवा सहकारी समितियों का गठन, कस्टम हायरिंग सेन्टरों की स्थापना, ब्याज दर को कम करना, सहकारी समितियों में गोदाम निर्माण, पैक्स और लेम्पस को मल्टी सर्विस सेन्टर बनाना जैसी योजनाएं और निर्णय लागू किए गए.
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