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Exclusive interview: गहलोत सरकार के 3 साल में कैसी रही सहकारिता की चाल, मंत्री आंजना ने बताया क्या रही उपलब्धि, कौन से अधूरे रहे काम? - गहलोत सरकार के 3 साल

गहलोत सरकार की तीसरी वर्षगांठ पर ईटीवी भारत (Etv Bharat) ने सहकारिता विभाग के कामकाज (Gehlot Government and Co Operative Department) का लेखा जोखा सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना से ही जाना. किसानों की कर्ज माफी से लेकर सहकारिता समितियों के चुनाव तक की जिम्मेदारी को लेकर मंत्री से सवाल पूछे गए और भविष्य की उनकी योजनाओं पर भी बात की.

3 years of Gehlot Government
मंत्री आंजना ने 3 साल का दिया हिसाब किताब

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Published : Dec 17, 2021, 8:01 AM IST

Updated : Dec 17, 2021, 12:48 PM IST

जयपुर:गहलोत सरकार की तीसरी वर्षगांठ (3rd Anniversary Of Gehlot Government) पर ईटीवी भारत (Etv Bharat Rajasthan News) ने सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना से बात की. खास बातचीत में मंत्री ने अपनी उपलब्धियां गिनाई और खामियों को दूर करने का भरोसा भी दिलाया. साथ ही किसानों की संपूर्ण कर्ज माफी से जुड़े विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज भी किया और राष्ट्रीय कृत बैंकों से कर्ज माफी की जिम्मेदारी केंद्र की मोदी सरकार पर थोपा.

किसानों की ऋण माफी को लेकर PM को लिखेंगे खत

ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजनाने कहा कि उनकी सरकार और विभाग ने किसानों से कर्ज माफी का जो वादा किया था उसे पूरा किया है फिर चाहे विपक्ष जो आरोप लगाए उससे कोई फर्क नहीं पड़ता. अंजना ने कहा हमारे नियंत्रण में सहकारी बैंक और भूमि विकास बैंक थे और इनमें 21 लाख किसानों पर जो कर्जा था उसे हमने माफ किया लेकिन राष्ट्रीयकृत बैंक केंद्र के नियंत्रण में है ऐसे में किसानों की ऋण माफी का काम इसके जरिए केंद्र सरकार भी करें. आंजना ने कहा इस संबंध में तीन बार पत्र पूर्व में लिखे जा चुके हैं. अब इस संबंध में फिर से पत्र लिखा जाएगा.

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'सहकारी समिति चुनाव प्राथमिकता'

उदयलाल आंजना अपने 3 साल के कामकाज (3 years of Gehlot Government) और विभाग की रफ्तार से पूरी तरह संतुष्ट हैं. लेकिन सहकारी समितियों का चुनाव नहीं करा पाने का दर्द भी है. राजस्थान में पिछले 8 साल से अधिक समय से हजारों सहकारी समितियों के चुनाव नहीं हो पाए हैं. आंजना कहते हैं कि मंत्रिमंडलीय उप समिति में इस मामले में चर्चा हो चुकी है और अब कैबिनेट की बैठक में इसे रखकर निर्णय लिया जाना है. सहकारिता मंत्री चाहते हैं कि जिस तरह विधायक और सांसद के हर 5 साल में चुनाव होते हैं सहकारी समितियों के भी 5 साल में चुनाव हों.

'घाटे का सौदा हम नहीं करते'

डिपार्टमेंटल स्टोर आम लोगों के जुड़ाव ना हो पाने को लेकर पूछे गए सवाल पर मंत्री उदयलाल आंजना ने दो टूक कहा कि घाटे का सौदा हम नहीं करते. जो डिपार्टमेंटल स्टोर प्रतिस्पर्धा में नहीं टिके उन्हें हमने बंद कर दिया. हालांकि सहकारिता मंत्री कहते हैं कि जिन डिपार्टमेंटल स्टोर का काम बढ़िया है हम उसे और आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं.

धोखाधड़ी को रोकने का ठीकरा फोड़ा केन्द्र सरकार पर

सहकारिता विभाग (Gehlot Government and Co Operative Department) के सामने सबसे बड़ी चुनौती सहकारी समितियों और मल्टी स्टेट को ऑपरेटिव सोसाइटी (Multi State Cooperative Societies) पर नकेल कसना है. धोखाधड़ी से प्रदेश के हजारों लोग परेशान हैं. इस प्रकार के कई मामले भी दर्ज हुए लेकिन कुछ खास इस दिशा में नहीं हो पाया. यही सवाल जब मंत्री से पूछा गया तो उन्होंने विभाग के प्रयासों की बात तो कही साथ ही नियमों का हवाला दे केन्द्र को भी कटघरे में खड़ा कर दिया. बोले- जो हमारे पास कानून थे उनके तहत एफआईआर दर्ज कराने से लेकर तमाम काम हमने किए. लेकिन इससे आगे की जिम्मेदारी केन्द्र की है. Societies पर नकेल कसने के लिए केंद्र सरकार को भी पहल करनी होगी.

3 साल में किसानों के लिए कई योजनाएं हुई शुरू

अपने विभाग की उपलब्धियों का बखान करते हुए मंत्री ने कई योजनाओं का जिक्र किया. बोले- सहकारिता विभाग में तीन वर्ष के दौरान किसानों के समावेशी विकास की दिशा में कई योजनाएं प्रारंभ की है. इसमें राजस्थान कृषक ऋण माफी योजना-2019, सहकारी फसली ऋण ऑनलाइन पंजीयन एवं वितरण योजना-2019,पन्द्रह लाख नए सदस्य किसानों को सहकारी फसली ऋण से जोड़ना,राज सहकार पोर्टल से पारदर्शिता को बढ़ावा देना, एकीकृत किसान सेवा पोर्टल की शुरूआत, ग्राम सेवा सहकारी समितियों पर ई-मित्र केन्द्रों की शुरूआत, यूरिया और डीएपी का बफर स्टॉक, बायोमैट्रिक प्रणाली से समर्थन मूल्य पर ऑनलाइन खरीद,ऑनलाइन वेयरहाउस ई-रिसिप्ट सेवा, नई ग्राम सेवा सहकारी समितियों का गठन, कस्टम हायरिंग सेन्टरों की स्थापना, ब्याज दर को कम करना, सहकारी समितियों में गोदाम निर्माण, पैक्स और लेम्पस को मल्टी सर्विस सेन्टर बनाना जैसी योजनाएं और निर्णय लागू किए गए.

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कोरोना काल में फसली ऋण चुकाने व अनुदान योजना की अवधि बड़ाई, दी ये सौगातें

आंजना ने कोरोना काल का हवाला भी दिया. इसके साथ ही राज्य सरकार के प्रयासों की प्रशंसा भी की. बोले- गहलोत सरकार के कार्यकाल का दूसरा और तीसरा वर्ष अधिकतर कोविड संकट से गुजरा है. संकट की इस घड़ी में सहकारी अल्पकालीन फसली ऋण चुकाने की अवधि को बढ़ाना, समर्थन मूल्य पर खरीद केन्द्रों में बढ़ोतरी, किसानों से सीधी खरीद के लिए ग्राम सेवा सहकारी समितियों और क्रय विक्रय सहकारी समितियों को निजी गौण मंडियों का दर्जा देना, सहकारी अल्पकालीन फसली ऋण वितरण में वृद्धि करना, खाद व बीज का अग्रिम भंडारण, दीर्घकालीन कृषि ऋण की 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान योजना की अवधि बढ़ाना, 3 प्रतिशत ब्याज दर पर कृषि उपज रहन ऋण, अवधिपार ऋणी किसानों के लिए एकमुश्त समझौता योजना सहित अन्य निर्णय लेकर धरती पुत्र का हौसला बढ़ाया है.

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739 नई ग्राम सेवा सहकारी समितियों का गठन,सौर उर्जा संयंत्रों की भी शुरुआत

मंत्री ने ऊर्जा संयंत्रों की शुरुआत से लेकर ग्राम सहकारी समितियों के गठन को भी उपलब्धियों की फेहरिस्त में जोड़ा. भविष्य की योजनाओं का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा- ग्राम पंचायत स्तर पर सहकारिता के ढांचे का विस्तार हो और नवीन ग्राम सेवा सहकारी समितियों के गठन से किसानों को उनकी ग्राम पंचायत में ही ऋण सुविधा, खाद-बीज, ई-मित्र जैसी अन्य सुविधाएं मिले इसके लिए 3 साल में विभिन्न जिलों में 739 पैक्स/लेम्पस के गठन को स्वीकृति दी जा चुकी है. इन समितियों के गठन से 2 लाख से अधिक लोगों को सहकारी समितियों से जोड़ा जा चुका है.

वहीं पहली बार ग्राम सेवा सहकारी समितियों को सौर ऊर्जा संयंत्रों से जुड़ने के काम भी शुरू हुआ. इसके लिए 500 पैक्स और लैम्पस को चयन किया गया। इनमें .05 से लेकर 2 किलोवॉट तक के सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किये गए. इसके अलावा फसल चक्र में इस्तेमाल होने वाले कृषि यंत्र किसानों को आसानी से किराए पर उपलब्ध हो इसके लिए सहकारी समितियों को 'कस्टम हायरिंग सेंटर' से भी जोड़ा गया शुरुआत में प्रदेश की 139 ग्राम सेवा सहकारी समितियों और क्रय विक्रय सहकारी समितियों में इसकी स्थापना हो चुकी है.

काम जो रहे अधूरे

सरकारी समितियों के नहीं हो पाए राजस्थान में चुनाव

मल्टीस्टेट सहकारी समितियों की धोखाधड़ी के शिकार लोगों को नहीं मिल पाया समुचित न्याय

कोरोना कालखण्ड के दौरान काल का ग्रास बने विभाग के कर्मचारियों के परिवार को नहीं मिल पाई 50 लाख की सरकारी सहायता

ब्याज मुक्त फसली ऋण वितरण का टारगेट रहा अधूरा,लेकिन फिर बढ़ाया लक्ष्य

सहकारी उपभोक्ता संघ नहीं दे पाया निजी कंपनियों के डिपार्टमेंटल स्टोर को टक्कर

सहकारी बैंकों की स्थिति में सुधार की दरकार

Last Updated : Dec 17, 2021, 12:48 PM IST

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