जयपुर.राजस्थान में आज और कल (24 अक्तूबर 2021) होने वाली पटवारी भर्ती की परीक्षा (Patwari recruitment exam 2021) में 15 लाख 63 हजार अभ्यर्थी चार पारियों में परीक्षा देंगे. इनमें करीब 5 लाख महिला अभ्यर्थी हैं. पेपर लीक की अफवाहों और नकल गिरोह को रोकने के लिए जयपुर और दौसा जिले में इंटरनेट पर पाबंदी लगा दी गई है. संभागीय आयुक्त दिनेश कुमार यादव ने शुक्रवार देर रात को इस संबंध में एक आदेश जारी किया है.
संभागीय आयुक्त दिनेश कुमार यादव के आदेश के तहत दोनों ही जिलों में सुबह 6:00 से शाम 6:00 बजे तक इंटरनेट बंद रहेगा. प्रदेश में 23 अक्टूबर शनिवार को पटवारी भर्ती की परीक्षा होने जा रही है यह परीक्षा सुबह 8:30 से 11.00 और दोपहर 2:30 बजे से शाम 5:00 बजे तक दो पारियों में होगी. इस परीक्षा में नकल और पेपर लीक की अफवाहों को रोकने के लिए इंटरनेट पर पाबंदी लगाई गई है। जयपुर और दौसा जिले में सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक 12 घंटे के लिए इंटरनेट बंद रहेगा.
संभागीय आयुक्त दिनेश कुमार यादव ने बताया कि इंटरनेट के माध्यम से पेपर के दौरान कई तरह की अफवाह फैलाने की संभावना रहती है जिससे कानून व्यवस्था बिगड़ने और शांति भंग होने का अंदेशा रहता है, इसलिए इंटरनेट पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है.
पहले चरण की परीक्षा सुबह 8:30 से 11:30 बजे तक और दूसरे चरण की परीक्षा दोपहर 2:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक होगी. हालांकि, 24 अक्टूबर को करवा चौथ होने के कारण सभी महिला अभ्यर्थियों की परीक्षा 23 को ही ली जाएगी. राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष हरिप्रसाद शर्मा का कहना है कि निष्पक्ष और पारदर्शिता के साथ परीक्षा का आयोजन करवाने के लिए जो भी उपाय किए जा सकते हैं. वे किए गए हैं. गड़बड़ी फैलाने वाले आपराधिक और असामाजिक तत्वों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की जाएगी.
परीक्षा केंद्र पर अनावश्यक रूप से कोई व्यक्ति प्रवेश नहीं कर सके. इसके भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.उन्होंने बताया कि हर शिफ्ट में करीब 4-4 लाख अभ्यर्थियों के परीक्षा में बैठने की व्यवस्था की गई है. यह व्यवस्था इस लिहाज से भी की गई है कि अनावश्यक रूप से भीड़-भाड़ नहीं हो और कानून व्यवस्था बिगड़ने का खतरा पैदा नहीं हो.
10 जिलों में एक भी सेंटर नहीं, गोपनीयता के लिहाज से लिया फैसला
हरिप्रसाद शर्मा ने बताया कि इस बार 23 जिलों में ही परीक्षा करवाई जा रही है. सुरक्षा और गोपनीयता के लिहाज से यह फैसला लिया गया है. इसके साथ ही केवल जिला मुख्यालयों पर ही परीक्षा केंद्र स्थापित किए गए हैं. जिससे पुख्ता इंतजाम किए जा सके. 10 जिलों में परीक्षा केंद्र नहीं बनाने के पीछे प्रशासनिक कारण हैं. इसमें अभ्यर्थियों की संख्या को भी ध्यान में रखा गया है. इसके साथ ही सुरक्षा उपायों और भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है.
नकल और पेपर आउट पर नकल कसने के लिए खास इंतजाम