बीकानेर. राजस्थान के बीकानेर में अब ब्लैक फंगस अब जानलेवा बनता जा रहा है. बुधवार देर रात बीकानेर में ब्लैक फंगस के पीड़ित दो रोगियों की मौत हो गई. हालांकि दोनों ही रोगी बीकानेर जिले के बाहर से हैं. जिनमें एक पंजाब का रहने वाला है तो दूसरा श्रीगंगानगर जिले के रायसिंहनगर का निवासी था.
पीबीएम अस्पताल की ब्लैक फंगस के लिए बनाए गए स्पेशल वार्ड में कुल 15 रोगी भर्ती हैं. वहीं, साथ नए संदिग्ध भी रिपोर्ट में हैं, जिनकी रिपोर्ट आना बाकी है. ब्लैक फंगस से पीड़ित एक बुजुर्ग महिला का बुधवार को हुए ऑपरेशन के बाद उसकी आंख निकाल दी गई है. पीबीएम अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर परमिंदर सिरोही ने जानकारी देते हुए बताया कि जिन दो लोगों की मौत हुई है, उनके दिमाग में फंगस घुस चुका था. ऐसे में वह जानलेवा बन गया.
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वहीं, महिला की आंख के जरिए दिमाग में फंगस न घुसे, इसलिए उसकी आंख निकाल कर उसकी जान बचाई गई है. बीकानेर में कुल 15 रोगी भर्ती हैं, जिनकी नियमित जांच की जा रही है. आज अब फंगस के पीड़ित रोगियों के लिए चिकित्सक भी केस टू केस स्टडी कर रहे हैं. वहीं चुरू जिले के सुजानगढ़ के निवासी डेढ़ वर्षीय बच्चे का ऑपरेशन गुरुवार को होगा. इसको लेकर गुरुवार को चिकित्सकों की टीम निर्णय करेगी.
बीकानेर में ब्लैक फंगस से मौत... दरअसल, इस बच्चे के नाक के नीचे फंगस रिपोर्ट हुआ है. हालांकि यह बच्चा कोरोना से पीड़ित नहीं है और न ही पूरे परिवार में कोई कोरोना का केस रिपोर्ट हुआ है, लेकिन बताया जा रहा है कि यह बच्चा ब्लड कैंसर से पीड़ित है .ऐसे में दी गई स्ट्राइड दवाई फंगस होने का कारण बना है.
नहीं पहुंची दवाई...
एक ओर जहां ब्लैक फंगस से पीड़ित रोगियों के बढ़ने से चिकित्सक परेशान हैं तो वहीं दूसरी ओर ब्लैक फंगस के मरीजों के इलाज में काम आने वाली दवाई लाइपोसोम एंफोटरइसिन इंजेक्शन की डिमांड भेजे जाने के बावजूद भी अभी तक नहीं मिली है. हालांकि इस दवाई के गुरुवार शाम तक पहुंचने की संभावना है, जबकि पहले बताया जा रहा था कि बुधवार तक हर हाल में यह इंजेक्शन दिखाने पहुंच जाएंगे. पीबीएम अस्पताल प्रशासन ने सरकार को भेजे डिमांड में 36 इंजेक्शन मांगे हैं.