बीकानेर. कोरोना का इफेक्ट पूरी दुनिया पर देखने को मिला और पिछले 8 महीनों में लगभग देश और दुनिया में हर गतिविधि कोरोना के चलते प्रभावित हुई है. लेकिन हैरत की बात यह है कि कोरोना का इलाज करने वाले अस्पताल भी कोरोना के इफेक्ट से प्रभावित हुए हैं. जी हां, प्रदेश के सरकारी अस्पतालों के आंकड़े इसकी गवाही दे रहे हैं.
दरअसल, बीकानेर संभाग के सबसे बड़े अस्पताल पीबीएम अस्पताल में न सिर्फ बीकानेर संभाग बल्कि पड़ोसी राज्य हरियाणा और पंजाब के सीमावर्ती जिलों के लोग भी इलाज के लिए पहुंचते हैं. बीकानेर के पीबीएम अस्पताल में कैंसर हार्ट और अन्य न्यूरो संबंधी बीमारियों के इलाज के लिए आने वाले लोगों को इन दिनों कोरोना के चलते परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. क्योंकि लॉकडाउन के चलते अस्पताल में कोरोना के अलावा दूसरे मरीज नहीं आ रहे थे. जिसके चलते दूसरी बीमारियों के इलाज के लिए आने वाले मरीज बिल्कुल बंद हो गए. लेकिन अब अनलॉक के बाद भी हालात कमोबेश वैसे ही है.
बता दें कि अनलॉक के बाद भी अभी तक अस्पताल में जरूरी ऑपरेशन ही किए जा रहे हैं और दूसरे टाले जा सकने वाले ऑपरेशन को लगातार टाला ही जा रहा है. यही कारण है अभी तक भी अस्पताल में दूसरी बीमारियों के मरीजों के इलाज को लेकर व्यवस्था पूरी तरह से शुरू नहीं हुई है. हालांकि अस्पताल में ओपीडी में अब मरीजों की भीड़ पहले की तरह होनी शुरू हो गई है, लेकिन सर्जरी के मामले में हालात अलग हैं. पीबीएम अस्पताल के नवनियुक्त अधीक्षक डॉ परमेंद्र सिरोही कहते हैं कि कोरोना के चलते हुए लॉकडाउन में साधन नहीं होने से मरीज नहीं आ रहे थे. लेकिन अब अनलॉक के बाद मौसमी बीमारियों के साथ ही दूसरी बीमारियों के मरीज आ रहे हैं और ओपीडी में लगातार मरीजों की भीड़ भी बढ़ रही है.