भीलवाड़ा. जिले में मानसून की पहली बरसात में खरीफ की फसल की बुवाई हो चुकी है. भीलवाड़ा कृषि विभाग ने 4 लाख 39 हजार हेक्टेयर भूमि में खरीफ की फसल की बुवाई का लक्ष्य रखा. जिसके अनुरूप 70 प्रतिशत क्षेत्र में किसानों ने मूंग, उड़द, तिल, ग्वार, ज्वार ,बाजरा ,सोयाबीन ,मक्का और कपास की फसल की बुवाई कर दी है. फसल की बुवाई करते समय किसानों को डीएपी खाद खरीदने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी. जहां किसानों को खाद खरीदने के लिए सहकारी समिति में लाइन में लगकर आधार कार्ड के जरिए ही खाद मिला. वहीं जिस किसान के पास आधार कार्ड नहीं था. उसको प्राइवेट दुकान से खाद खरीदना पड़ा.
जिले के किसान ओम प्रकाश ने कहा कि इस बार बरसात पूरी नहीं हुई है. लेकिन हमने फसलों की बुवाई कर दी है. इस बार दिक्कत हमारे को सिर्फ सहकारी समिति में खाद खरीदते समय आई. जहां आधार कार्ड के जरिए ही फसल के लिए खाद उपलब्ध हो सका. वहीं हरणी गांव के किसान यशपाल सिंह ने भीलवाड़ा सहकारी समिति में खाद खरीदते समय कहा कि आधार कार्ड के जरिए पोस मशीन से ही खाद उपलब्ध हो रहा है. इस बार जिले में अब तक खरीब की फसल की बुवाई हो चुकी है. मक्का की फसल में पिलाई कर रहे हैं, इसलिए यूरिया की जरूरत है. यूरिया खरीदने के लिए आए तो पोस मशीन में आधार कार्ड के जरिए ही यूरिया मिल रहा है.
भीलवाड़ा में खाद वितरण के बाद अब कृषि विभाग नहीं आने देगा यूरिया की किल्लत...कसी कमर वहीं भीलवाड़ा क्रय विक्रय सहकारी समिति के व्यवस्थापक रामप्रसाद तेली ने बताया कि हमारे पास में वर्तमान में यूरिया-डीएपी भरपूर मात्रा में उपलब्ध है. जिले में खरीफ की फसल की बुवाई हो चुकी है. इसलिए अब डीएपी की किसानों को जरूरत नहीं है. वहीं यूरिया की जरूरत किसानों को मानसून की बरसात होने पर होगी. इसलिए यूरिया भरपूर मात्रा में उपलब्ध है. किसानों को 1340 रूपये प्रति बैग डीएपी खाद और 246 रूपये प्रतिकिलो के हिसाब से किसानों को उपलब्ध कराया जा रहा है. भरपूर मात्रा में खरीफ की फसल के लिए यूरिया उपलब्ध है.
भीलवाड़ा कृषि विभाग के उपनिदेशक डॉ. जी.एल. चावला ने ईटीवी भारत को बताया कि इस बार जिले में पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध है. यूरिया सभी निजी और सहकारी समिति की दुकानों पर उपलब्ध है. जहां किसान अपनी खरीफ की फसल के लिए उपयोग में कर सकते हैं. भीलवाड़ा में वर्तमान में 9500 मीट्रिक टन यूरिया उपलब्ध है. जो खरीफ की फसल के लिए भीलवाड़ा जिले के लिए पर्याप्त मात्रा में हैं. वहीं इस बार खरीफ की फसल की बुवाई के बाद 6800 मीट्रिक डीएपी बचा है, जो सभी सहकारी समितियों में उपलब्ध है.
वहीं कृषि विभाग के उपनिदेशक ने बताया कि 2500 मैट्रिक टन एसएसपी (सिंगल सुपर फास्फेट) उपलब्ध है. यूरिया की भीलवाड़ा जिले में किसी भी प्रकार की कमी नहीं है. साथ ही इफको, क्रफको ने गोदाम जो हायर कर रखे है उसमें यूरिया रखा हुआ है. साथ ही हमने भीलवाड़ा जिले के समस्त कृषि पर्यवेक्षकों को निर्देश दिए कि वह फील्ड में जाकर किसान को तकनीकी की जानकारी दें. जिससे फसल का भरपूर उत्पादन हो सकें. अब देखना यह होगा कि रबी की फसल के समय किसानों को लाइन में लगकर यूरिया खाद के लिए अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता था. वहीं भीलवाड़ा जिले में खरीफ की फसल के लिए किसानों को इंतजार नहीं करना पड़े. इसके लिए सरकार क्या व्यवस्था करती है.