भीलवाड़ा. मां की ममता को समझना आसान नहीं है. आज के युग में जहां कुछ माताएं अपने बच्चों को दूध पिलाना का समय नहीं निकाल पाती वहीं भीलवाड़ा की माताओं ने अपने बच्चों के साथ दूसरे बच्चों को भी अपना दूध देकर नये कीर्तिमान स्थापित किए है. जी हां हम बात कर रहे है भीलवाड़ा के ए श्रेणी महात्मा गांधी चिकित्सालय परिसर में स्थित आंचल मदर मिल्क बैंक की. इस मदर बैंक में माता अपना दूध देकर अपने बच्चे के साथ ही दूसरे बच्चों की भी जान बचा रही हैं.
मदर्स डे स्पेशल : अपना अमृत दान कर बच्चों कोजीवनदान दे रही ये माताएं
आंचल मदर मिल्क बैंक में चिकित्सा प्रभारी डॉ सरिता काबरा ने कहा कि इस मदर मिल्क बैंक की स्थापना 2017 में की गई थी. आज तक यहां पर 3 हजार से ज्यादा माताओं ने 7 लाख मिली लीटर से ज्यादा दूध दान किया है. इस दूध से करीब 2117 बच्चे लाभान्वित हुए हैं. अब तक सबसे ज्यादा मांडल निवासी रक्षा जैन ने करीब 50 लीटर दूध दान किया है. इसका उद्देश्य यही है की मासूम बच्चों को दूध मिल सके और वह कुपोषण जैसी बीमारियों से बच सके.
सरिता काबरा ने यह भी कहा कि मदर मिल्क बैंक ने स्थानीय नवजात बच्चों को मां का दूध उपलब्ध कराने के साथ ही 16 सौ यूनिट दूध अजमेर भी भेजा है. अब तक हम 3 बार अजमेर दूध दे चुके हैं. मदर मिल्क बैंक के कर्मचारियों की जागरूकता से निरंतर माताएं दान के लिए प्रेरित हो रही है.
डोनर रेखा जोशी ने कहा कि मैं एक मां हूं और एक मां का दर्द अच्छे से समझ सकती हूं. जब से आंचल मदर मिल्क बैंक की शुरुआत हुई है तब से मेरी दिल की इच्छा थी कि मैं भी यहां आके अपना दूध दान करूं. जिन माताओं के बच्चों को दूध नसीब नहीं होता है यहां से उन माताओं के बच्चों को दूध मिल सकेगा. बाहर के दूध की तुलना में मां का दूध सर्वश्रेष्ठ है. मुझे काफी अच्छा महसूस होता है. मैं अन्य महिलाओं से अपील करूंगी की वह भी दूध दान करें.
मां के दूध के अभाव में किसी नवजात की जान न जाए और जन्म के बाद 28 दिन तक कोई बच्चा मां के दूध से वंचित ना रहे. इस उद्देश्य को लेकर स्थापित मदर मिल्क बैंक में वर्ष 2017 में 1582 माताओं ने 2,59,550 मिली लीटर दूध दान किया. इससे 655 बच्चे लाभान्वित हुए. वहीं वर्ष 2018 में 1457 माताओं ने 3,77,585 मिली लीटर दूध दान कर 1043 बच्चों को जीवनदान दिया. 2019 की बात करे तो अब तक 393 माताओं ने 102480 मिली दूध दान कर 417 बच्चों को दूध मुहैया कराने में अपना सहयोग दिया है. कुल मिलाकर इन सवा 2 सालों में 3 हजार 432 माताएं 7 लाख 39 हजार 615 मिली दूध दान कर 2117 नवजात बच्चों का सहारा बनी हैं.