भीलवाड़ा.चीन से विश्व भर में फैली कोरोना महामारी से अपना देश भी अछूता नहीं है. इससे बचाव को लेकर देश के पीएम नरेंद्र मोदी ने बीते 24 मार्च से ही देश में संपूर्ण लॉकडाउन लगा दिया था. राज्य के सभी जिलों में कोरोना ने दस्तक दे दी है. राजस्थान में कोरोना वायरस का पहला मामला भीलवाड़ा जिले में सामने आया था. जिसके बाद देखते ही देखते भीलवाड़ा कोरोना का एपिसेंटर बन गया था. जिले में अब तक 201 पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं. लेकिन फिलहाल एक्टिव केस केवल 33 ही हैं.
कोरोना के खिलाफ मजबूती से जंग लड़ रहे हैं ग्रामवासी भीलवाड़ा के कोरोना हॉट स्पॉट बन जाने के बाद भी जिले का एक ऐसा गांव है, जो पूरे प्रदेश के लिए उदाहरण बनकर सामने आया है कि जहां पूरे जिले भर में मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही थी. वहीं भीलवाड़ा के इस गांव में एक भी कोरोना पॉजिटिव मरीज नहीं पाया गया. हम बात कर रहे हैं जिले के मांडल विधानसभा क्षेत्र के लादूवास गांव की. आइए यहां के लोगों से ही जानते हैं कैसे उन्होंने अपने आप को कोरोना से सुरक्षित रखा.
बंद किया घर से बाहर निकलना
ईटीवी भारत की टीम जब भीलवाड़ा जिले के लादूवास गांव में पहुंची तो गांव के बाहर ही एक बुजुर्ग महिला कन्कू देवी ने कहा कि कोरोना के भय की वजह से हमने बाहर निकलना बंद कर दिया. किसी से बात नहीं की. सब से मिलना जुलना एक दम रोक लग गई है.
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गांव के ज्योतिषाचार्य बाबूलाल जोशी ने बताते हैं कि गांव में स्थिति ठीक चल रही है. हम सब सतर्क हैं और लोगों को भी जागरूक कर रहे हैं. मैं ज्योतिष का काम करता था. लेकिन वर्तमान में ज्योतिष का काम बंद कर कोरोना के लिए लोगों को जागरूक कर रहा हूं.
सरपंच ने निगरानी के बनाई है टीम बाहर से आने वाले लोगों को रखा गया रिकॉर्ड
गांव के कंपाउंडर बंसीलाल कुमावत बताया कि वे सभी कोविड-19 के नियमों का पूरी तरह से पालन करते हैं. वे हर दिन गांव के घर-घर में जाकर लोगों को जागरूक करते हैं. साथ ही बाहर से आने वाले लोगों का पूरा रिकॉर्ड रखा जा रहा है.वहीं गांव में लोगों को जागरूक करने के लिए अपनी ड्यूटी निभा रहे पुलिस कांस्टेबल जितेंद्र सिंह ने कहा कि मैं प्रतिदिन गांव में आता हूं और लोगों को सरकार की गाइड लाइन के अनुसार समझाता हूं. साथ ही जो बुजुर्ग घर के बाहर निकलते हैं उनको घर में ही रहने की सलाह देता हूं.
गांव में निगरानी के लिए तैयार की गई है टीम गांव को 3 बार किया गया सैनिटाइज
वही गांव के बुजुर्ग लादूराम ने कहा कि गांव मे कोरोना से कोई संकट नहीं आया है. 3 बार गांव में सैनिटाइजर का छिड़काव किया गया है. साथ ही गांव के युवा सावरिया गुर्जर ने कहा कि लादूवास में युवाओं की टीम लगी हुई है. बाहर से लोग आ रहे हैं, उनको क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है.
मांडल विधानसभा क्षेत्र का लादूवास गांव एक अन्य युवा जिसने मास्क नहीं लगा रखा था उस पर ईटीवी भारत की टीम ने मास्क नहीं लगाने का सवाल किया, जिस पर युवा ने माफी मांगते हुए कहा कि भविष्य में मैं ऐसी गलती नहीं करूंगा. ग्रामीणों ने बताया कि यह सब कुछ गांव के सरपंच की पहल की वजह से संभव हो पाया है. हम सभी उनके आदेशों की ही पालना कर रहे हैं.
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सरपंच ने निभाई अहम भूमिका
वहीं गांव के सरंपच मुरलीधर जोशी ने बताया कि जब से लॉकडाउन लगा है, वे तभी से ग्रामीणों को जागरूक करने का काम कर रहे हैं. इस गांव में कोरोना फाइटर्स की एक कोर टीम बनी हुई है. जिसमें स्वास्थ्यकर्मी, चिकित्साकर्मी और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शामिल हैं. जो घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करने का काम करते हैं.
सरपंच ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान कोई भूखा नहीं सोए, उसके लिए मैंने अपनी स्वयं की जेब से भोजन बनाने के लिए 500 रॉ-मटेरियल के पैकेट वितरित किए गए हैं. जिसमें आटा, दाल, नमक, मिर्च ,चाय, शक्कर शामिल है. वहीं पक्षियों को भी कोई समस्या नहीं हो इसके लिए 150 परिंडे बांधे गए हैं. इस प्रकार ग्राउंड रिपोर्ट में सामने आया कि इस गांव के लोग पूरी तरह से सतर्क हैं और कोरोना को मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं.