राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

EXCLUSIVE: कोरोना लैब में पहुंची ईटीवी भारत की टीम, जानिए- कैसे होती है संक्रमण की जांच?

राजस्थान में सबसे पहले कोरोना के हॉटस्पॉट के रूप में सामने आए भीलवाड़ा जिले में अब कोरोना की जांच शुरू हो चुकी है. ईटीवी भारत की टीम ने लैब पहुंचकर कोरोना जांच के बारे में विस्तार से जानकारी ली. देखें रिपोर्ट..

Corona Testing Lab, Corona Testing Machine, Bhilwara News
भीलवाड़ा में कोरोना टेस्टिंग लैब

By

Published : May 13, 2020, 11:42 AM IST

Updated : May 13, 2020, 12:15 PM IST

भीलवाड़ा.राजस्थान में सबसे पहले कोरोना की शुरुआत भीलवाड़ा से हुई थी. संक्रमण की बिगड़ती स्थिति के बाद प्रदेश सरकार और स्थानीय भामाशाहों की ओर से शहर के राजमाता विजयराजे सिंधिया मेडिकल कॉलेज में कोरोना जांच मशीन उपलब्ध करवाई गई. जहां प्रतिदिन अब भीलवाड़ा सहित चित्तौड़गढ़ और राजसमंद जिले के कोरोना संदिग्धों के सैंपलों की जांच हो रही है.

कोरोना लैब में चिकित्सकों से खास बातचीत (पार्ट-1)

ईटीवी भारत की टीम भीलवाड़ा के राजमाता विजय राजे सिंधिया मेडिकल कॉलेज में स्थित कोरोना जांच लैब पहुंची. यहां टीम ने जाना कि कोरोना सैंपल की जांच किस प्रकार होती है. जांच के बाद सैंपल की रिपोर्ट प्रशासन को सौंपी जाती है.

कोरोना लैब में चिकित्सकों से खास बातचीत (पार्ट-2)

जांच रिपोर्ट में कार्य करने वाली डॉक्टर चित्रा पुरोहित ने कहा कि जब से 27 मार्च से लैब की शुरुआत हुई है, तब से मैं यहां कार्यरत हूं. मैं दूसरे विभाग में कार्यरत थी, लेकिन मैंने खुद यहां ड्यूटी लगवाई है. जिससे मैं मानव सेवा कर सकूं. डॉ. चित्रा पुरोहित ने जांच प्रक्रिया के बारे में बताते हुए कहा कि सैंपल एक खिड़की से रिसीव करते हैं और फिर उसके नंबर की पर्ची चेक होती है.

पढ़ें-पाली में Corona से तीन दिन में तीन लोगों की मौत, संक्रमितों का आंकड़ा पहुंचा 69

जिसके बाद उसको RNA एक्सट्रैक्शन रूम में ले जाया जाता है. जहां उसका RNA अलग किया जाता है. जिसके बाद उसमें मास्टर मिक्सर मिलाकर उनकी पीसीआर मशीन से जांच करवाई जाती है. चिकित्सकों ने बताया कि इस मशीन से जो निर्णय निकलता है वह सबसे बेस्ट होता है. यहां प्रतिदिन 700 से 800 सैंपल की जांच होती है. शुरू में भीलवाड़ा के सैंपल की जांच हुई थी. इस समय दूसरे जिले के सैंपलों की भी जांच हो रही है.

जांच लैब में कार्यरत चिकित्सकों की टीम

परिवार से जुड़े सवाल पर डॉ. सविता ने कहा कि हम घर जाते हैं तो हमारे बच्चे भी समझते हैं और घर परिवार वाले हमारा पूरा सहयोग करते हैं. वहीं, दूसरे डॉक्टर ने कहा कि ऐसे विषय पर दुबारा काम करने को नहीं मिलेगा. इस लिए मैं ड्यूटी टाइम से ज्यादा काम कर रहा हूं.

मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. राजन नंदा ने कहा कि यहां प्रतिदिन 1000 क्षमता की जांच वाली चार मशीनें लगी हुई है. भीलवाड़ा हॉटस्पॉट बनने के बाद सरकार और समाजसेवियों की ओर से यहां मशीन उपलब्ध करवाई गई. सबसे पहले 40-50 सैंपल की जांच शुरू हुई. लेकिन इस समय यहां 800 सैंपलों की जांच प्रतिदिन हो रही है. उन्होंने बताया कि भीलवाड़ा के अलावा हमारे पास चित्तौड़गढ़ से भी सैंपल आ रहे हैं.

लैब में काम करता व्यक्ति

उन्होंने बताया कि वर्तमान में चित्तौड़गढ़ जिला हॉटस्पॉट बना हुआ है, वहां से 400 सैंपल और भीलवाड़ा से 400 सैंपल प्रतिदिन आ रहे हैं. डॉ. राजन नंदा ने बताया कि भीलवाड़ा के दानदाताओं ने इस लैब को स्थापित किया है. यहां 4 मशीनों में से तीन मशीन और कमरों में फर्नीचर भीलवाड़ा के दानदाताओं ने दिए हैं. डॉ. राजन ने कहा कि बिना दानदाताओं की मदद के हम इस स्टेज पर नहीं पहुंच सकते थे. यहां हम इस समय 700-800 सैंपलों की जांच कर रहे हैं.

पढ़ें-SPECIAL : आदिवासियों के स्वाभिमान के सामने हारा 'कोरोना', मुफ्त में नहीं काम के बदले लिया अनाज

वहीं, अन्य डॉक्टरों को मोटिवेशन के सवाल पर डॉ. नंदा ने कहा कि सबसे बड़ा इनका सेल्फ मोटिवेशन होता है. उन्होंने बताया कि हमने 15 टेक्नीशियन लगा रखे हैं. 10 डॉक्टर यहां लैब में राउंड द क्लॉक ड्यूटी करते हैं. जिसके चलते हम जांच कर पा रहे हैं. डॉ. नंदा ने बताया कि यहां रात में 2 बजे तक सभी काम करते हैं. यहां काम करने वाले सभी लोग कोशिश करते हैं कि प्रतिदिन आए सैंपल की जांच उसी दिन हो. लेकिन अगर कोई सैंपल बच जाता है, तो उसे संभाल कर फ्रिज में रखा जाता है.

वहीं, जांच उपकरण की कमी के सवाल पर नंदा ने कहा कि सरकार ने हमें 1.90 करोड़ रुपये दे रखे हैं. स्थायी आइटम हम अजमेर के मेडिकल कॉलेज से मंगवाते हैं. हमारे पास किसी प्रकार के कोरोना जांच किट की कमी नहीं है. इस दौरान चिकित्सकों के सभी स्टाफ ने लोगों से सरकार के नियमों की पालना करने की अपील की.

Last Updated : May 13, 2020, 12:15 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details