भरतपुर. विश्व विरासत केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में गुरुवार को झीलों में से मछलियों का शिकार करने के लिए कुछ शिकारी अंदर घुस गए. उद्यान में तैनात सुरक्षा प्रहरियों ने शिकारियों को पड़कने की कोशिश की तो शिकारी फरार हो गए. हालांकि शिकारी अपनी बाइक और मछली पकड़ने का जाल छोड़ भागे. सूचना पर मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने शिकारियों के 5 बाइकों और जाल को जब्त कर लिया. वहीं मामला दर्ज कर अज्ञात शिकारियों की तलाश शुरू कर दी है. वन अधिकारियों ने जंगल में भी सर्च ऑपरेशन चला रखा है.
भरतपुर के केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में घुसे शिकारी, भनक लगने पर 5 बाइक और जाल छोड़ भागे - शिकारी
केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में मछलियों के शिकार के लिए कुछ शिकारी घुस आए. वहां तैनात प्रहरियों को भनक लगने पर शिकारी अपनी अपनी 5 बाइक और मछली पकड़ने का जाल छोड़कर फरार हो गए. वन विभाग ने अज्ञात शिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर तलाश शुरू कर दी है.
5 बाइक और जाल छोड़ भागे आरोपी
भरतपुर जिले में 29 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान विश्व विरासत घोषित हो रखा है. जहां प्रवासी पक्षियों का डेरा रहता है. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान को 1981 में राष्ट्रीय धरोहर की सूची में लिया गया था. वहीं 1985 में विश्व विरासत की सूची में शामिल किया गया. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में शिकार करने पर कड़ी सजा का प्रावधान है.