भरतपुर. अपराध के लिए कुख्यात मेवात के गांव बुनियादी सुविधाओं से महरूम हैं. ईटीवी भारत की टीम ने वहां के लोगों से मिलकर क्षेत्र के विकास और अपराध में लिप्त युवाओं के बारे में बात की. क्षेत्र के कई गांवों में विकास दूर-दूर तक नजर नहीं आया. इन गांवों के बुजुर्ग ऑनलाइन ठगी और गोतस्करी के कलंक से छुटकारा पाने के लिए बेचैन नजर आए.
ईटीवी भारत की टीम सुबह 6 बजे ही थाना क्षेत्र के बिलंग गांव में पहुंच गई. गांव तक पहुंचने का रास्ता कच्चा और उबड़-खाबड़ था. बिलंग गांव की गलियां कीचड़ से भरी हुई थीं. गलियों के दोनों छोर पर गंदगी का अंबार था. गांव के हालात देखकर लगता है कि विकास का यहां से कोई वास्ता ही नहीं है. गांव के पूर्व सरपंच अब्दुल रजाक ने कहा कि गांव के लोगों को विकास की जरूरत ही नहीं है. यहां के लोग विकास के लिए जनप्रतिनिधि के पास नहीं जाते. उन्होंने दबी जुबान में यह भी कहा कि गांव में विकास की जरूरत क्या है, यहां पर पैसा बहुत है.
कामां क्षेत्र के बिलंग गांव की ग्राउंड रिपोर्ट गांव के पूर्व सरपंच आमीन ने बताया कि गांव में धरातल पर कोई विकास नहीं है. हां, कागजों में कितना विकास है, इस बात की जानकारी नेता ही दे सकते हैं. साथ ही बताया कि गांव में स्वच्छ भारत अभियान के तहत शौचालय निर्माण तो हुए हैं, लेकिन सड़कें आदि का निर्माण नहीं हुआ है.
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जरूरतमंदों को नहीं मिल रहा लाभ
पूर्व सरपंच आमीन ने बताया कि गांव में बुजुर्गों को वृद्धावस्था पेंशन का लाभ नहीं मिल पा रहा है. न ही प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिल पाया है. आमीन ने बताया कि दोनों ही योजनाओं से असल जरूरतमंद महरूम हैं. हालात ये हैं कि वृद्धों की पेंशन का पैसा या पीएम आवास की किस्त, दूसरों के खाते में लाभ चला जाता है. उन्होंने कहा कि पीड़ित जिम्मेदारों के आगे-पीछे चक्कर भी काटते हैं, लेकिन फिर भी समाधान नहीं होता.
एक बोरिंग से 250 घरों को पेयजल
बिलंग गांव में सबसे बड़ी समस्या पेयजल की है. यहां के लोग कहते हैं कि गांव को विकास नहीं चाहिए, लेकिन पानी की बहुत जरूरत है. हजार घरों की आबादी वाले गांव में पानी की एक भी सरकारी टंकी नहीं है. लोगों ने खुद के स्तर पर ही चार बोरिंग लगवाई हैं. एक बोरिंग पर करीब ढाई सौ घरों की निर्भरता है. भूजल स्तर 400 फीट से नीचे पहुंच चुका है. फिर भी यहां सरकारी बोरिंग या नलकूप नहीं है. मजबूरी में 500 रुपये का पानी का टैंकर डलवाना पड़ता है. कभी जब एक भी बोरिंग खराब हो जाती है तो गांव में त्राहिमाम मच जाता है.
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ठगी के कारण पूरा समाज बदनाम है
पूर्व सरपंच आमीन ने कहा कि मेवात क्षेत्र ऑनलाइन ठगी, ब्लैकमेलिंग और गोकशी की वजह से पूरे देश में बदनाम है. इसकी वजह से पूरी कौम और समाज को शक की निगाह से देखा जाता है. वे कहते हैं कि क्षेत्र के युवाओं को यह गलत रास्ता छोड़ देना चाहिए. आमीन ने पुलिस विभाग पर भी आरोप लगाते हुए कहा कि क्षेत्र में गोतस्करी की घटनाएं पुलिस की मिलीभगत से हो रही हैं. आमीन ने क्षेत्र के युवाओं से अपील करते हुए कहा कि ऑनलाइन ठगी और गोतस्करी नहीं करें.
गांव के पूर्व सरपंच अब्दुल रजाक ने स्वीकार किया कि मेवात क्षेत्र के युवा ऑनलाइन ठगी जैसी वारदातों में लिप्त हैं और यह कार्य गलत है. युवाओं को समय रहते अपराध का रास्ता छोड़ देना चाहिए. नहीं तो एक दिन भूखों मरना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि युवाओं को अपराध का रास्ता छोड़कर कोई काम धंधा करना चाहिए, जिससे कि वो आत्मनिर्भर बनें. नहीं तो किसी दिन जेल जाना पड़ेगा और जिंदगी खराब हो जाएगी.