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अपना घर प्रभु प्रकल्पः 11 हजार आवासीय क्षमता वाला आश्रम...जहां उम्र, भाषा और जरूरत के हिसाब से होंगी सुविधाएं - भरतपुर समाचार

भरतपुर का अपना घर आश्रम अब जल्द ही ना केवल इंसानों के लिए बल्कि निरीह जीवों के लिए भी प्रभु प्रकल्प तैयार करने जा रहा है. यह प्रकल्प 151 बीघा जमीन में तमाम विश्वस्तरीय सुविधाओं से युक्त होगा. इसमें 11 हजार लोग निवास कर सकेंगे. इस अनूठे प्रकल्प की सुविधाओं और विशेषताओं पर आधारित ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट.

अपना घर प्रभु प्रकल्प, Apna Ghar
अपना घर प्रभु प्रकल्प के निर्माण की तैयारियां शुरू

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Published : Apr 26, 2021, 2:13 PM IST

भरतपुर. निराश्रित लोगों की सेवा के लिए जाना जाने वाला भरतपुर का अपना घर आश्रम अब जल्द ही ना केवल इंसानों के लिए बल्कि निरीह जीवों के लिए भी प्रभु प्रकल्प तैयार करने जा रहा है. यह प्रकल्प 151 बीघा जमीन में तमाम विश्वस्तरीय सुविधाओं से युक्त होगा. इसमें 11 हजार लोग निवास कर सकेंगे. डॉक्टर भारद्वाज ने बताया कि यह प्रकल्प संख्या, विशिष्टता और सेवा की दृष्टि से अपनी श्रेणी का दुनिया का सबसे बड़ा संस्थान होगा.

अपना घर प्रभु प्रकल्प के निर्माण की तैयारियां शुरू

ऐसा होगा प्रभु प्रकल्प

अपना घर आश्रम के संस्थापक डॉक्टर बीएम भारद्वाज ने बताया कि तैयार किए जा रहे प्रभु प्रकल्प में चार मुख्य बातों का ध्यान रखा जाएगा. सबसे पहले तो यहां आने वाले प्रभु जी को सभी प्रकार की सुविधाएं मिल सकें और उन्हें किसी प्रकार की कोई परेशानी ना हो. दूसरा ऐसी व्यवस्था बनाई जाएगी जिससे सेवा साथी बिना किसी डायरेक्शन के प्रभु जी का सही तरीके से ख्याल रख सकें. अलग-अलग भाषा, क्षेत्र, उम्र, बीमारी और जरूरत के अनुरूप श्रेणी वार होम तैयार किए जाएंगे. प्रकल्प में अलग-अलग श्रेणी के 130 होम तैयार किए जाएंगे, जिसमें 54 प्रकार के होम सिर्फ महिलाओं और माता बहनों के लिए होंगे.

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तीन चरणों में निर्माण

डॉक्टर भारद्वाज ने बताया कि प्रभु प्रकल्प का भूमि पूजन हो गया है. प्रभु प्रकल्प के निर्माण में करीब 406 करोड़ रुपए की लागत आने की संभावना है, जो कि निर्माण कार्य पूरा होने तक डेढ़ गुना तक बढ़ सकती है. इसके प्रथम चरण का निर्माण कार्य 65 करोड़ की लागत से 30 सितंबर 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. दूसरे चरण का निर्माण कार्य 104 करोड़ रुपए की लागत से 30 सितंबर 2024 तक और तीसरे चरण का कार्य 227 करोड़ रुपए की लागत से 30 सितंबर 2027 तक पूरा होने की संभावना है.

सेवा की दृष्टि से दुनिया का सबसे बड़ा संस्थान

डॉक्टर भारद्वाज ने बताया कि यह प्रकल्प संख्या, विशिष्टता और सेवा की दृष्टि से अपनी श्रेणी का दुनिया का सबसे बड़ा संस्थान होगा. इस प्रकल्प में माता बहनों और निराश्रित लोगों के अलावा सभी घायल, बीमार, पशु पक्षी, वन्यजीवों की सेवा और उपचार की व्यवस्था रहेगी. इन सभी के लिए ऐसी व्यवस्था और मापदंड रखे गए हैं, जिससे किसी को यहां प्रवेश के बाद किसी प्रकार की तकलीफ ना हो.

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निरीह जीवों के लिए 25 बीघा में जीव सेवा सदन

संस्थापक डॉ. बीएम भारद्वाज ने बताया कि अपना घर प्रकल्प में सिर्फ निराश्रित इंसानों के लिए ही नहीं बल्कि निरीह जीवों के लिए भी रहने, खाने और उपचार की सुविधा की जाएगी. इसके लिए 25 बीघा जमीन में जीव सेवा सदन का निर्माण किया जाएगा, जो कि करीब 15 करोड़ की लागत से होगा. सेवा सदन में गाय, अन्य पशु, वन्य जीव, पक्षियों के लिए अलग-अलग आवास होंगे. इन आवासों में दुर्घटनाग्रस्त, कुपोषित, बीमार, पोस्ट ऑपरेटिव के लिए अलग-अलग व्यवस्था की जाएगी. इतना ही नहीं जीवों के लिए पशु चिकित्सालय और लैब की व्यवस्था भी की जाएगी. बता दें, डॉ. बी एम भारद्वाज और डॉ माधुरी भारद्वाज की ओर से साल 2000 में अपना घर आश्रम की शुरुआत की गई थी, जिसकी आज नेपाल समेत देशभर में 36 शाखाएं संचालित हो रही हैं.

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