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SPECIAL : क्लिंकर की गर्द दे रही लोगों को दर्द...भरतपुर में 4 किमी क्षेत्र प्रदूषित, गंभीर बीमारियों का खतरा - Silicosis threat due to pollution in Bharatpur

भरतपुर के रेलवे यार्ड में लंबे समय से सीमेंट बनाने के काम आने वाला क्लिंकर परिवहन किया जा रहा है. अनलोडिंग के समय क्लिंकर की धूल और गर्द पूरे वातावरण में फैल जाती है. क्लिंकर की प्रदूषित गर्द करीब 4 किमी क्षेत्र तक में फैल जाती है.

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4 किमी एरिया धूल से प्रभावित

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Published : Apr 10, 2021, 5:06 PM IST

Updated : Apr 10, 2021, 6:38 PM IST

भरतपुर. शहर के रेलवे यार्ड में हर दिन हजारों टन क्लिंकर अनलोड होता है. ऐसे में दिन भर आसमान में क्लिंकर की प्रदूषित गर्द छाई रहती है. करीब 4 किलोमीटर क्षेत्र की दर्जनों कॉलोनियों में रहने वाले हजारों लोगों को इस गर्द से दर्द मिल रहा है. देखिये यह रिपोर्ट...

भरतपुर में गर्द का दर्द

स्थानीय लोगों ने कई बार जिला कलेक्टर और स्थानीय विधायक तक को क्लिंकर की गर्द से मुक्ति दिलाने के लिए ज्ञापन दे दिया. लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है. हालात ये हैं कि लोगों को अब क्लिंकर के प्रदूषण से बीमारियां फैलने का खतरा भी सता रहा है.

शहर के रेलवे यार्ड का नजारा

असल में भरतपुर के रेलवे यार्ड में लंबे समय से सीमेंट बनाने के काम आने वाला क्लिंकर अनलोड और परिवहन किया जा रहा है. अनलोडिंग के समय क्लिंकर की धूल और गर्द पूरे वातावरण में फैल जाती है. लोगों की मानें तो क्लिंकर की प्रदूषित गर्द करीब 4 किमी क्षेत्र तक में फैल जाती है.

लोगों को गंभीर बीमारियों का खतरा

इन कॉलोनियों के लोग प्रभावित

क्षेत्रवासियों ने बताया कि क्लिंकर की गर्द से रुंधिया नगर, मालगोदाम रोड, अनुजय नगर, अग्रसेन नगर, नई मंडी क्षेत्र, रनजीत नगर, तूफानी मोहल्ला और तुहिया गांव तक के हजारों लोग प्रभावित हैं. सबसे ज्यादा क्षेत्र के बुजुर्ग और मरीजों को परेशानी उठानी पड़ रही है.

लोग कई बार कर चुके हैं विरोध प्रदर्शन

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ये गर्द दे सकती है लाइलाज मर्ज

जिला क्षय रोग अधिकारी एवं चेस्ट फिजिशियन डॉ अविरल कुमार सिंह ने बताया कि क्लिंकर की धूल के संपर्क में आने से लोगों को दमा, खांसी और श्वसन तंत्र से संबंधित बीमारियां हो सकती हैं. डॉ अविरल ने बताया कि यदि इसकी धूल के संपर्क में लंबे समय तक रहा जाए तो सिलिकोसिस जैसी लाइलाज बीमारी भी हो सकती है. इसलिए क्लिंकर की अनलोडिंग और परिवहन का कार्य आबादी क्षेत्रों से दूर होना चाहिए.

रेलवे यार्ड में होता है क्लिंकर परिवहन

कॉलोनीवासियों की जुबानी

क्षेत्रवासी हरीश शर्मा ने बताया कि क्लिंकर की धूल से न केवल आम व्यक्ति बल्कि बुजुर्ग और बच्चे भी परेशान हैं. इसकी वजह से लोगों को खांसी, जुखाम और सांस लेने में तकलीफ जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हरीश ने बताया कि इस समस्या से निजात दिलाने के लिए क्षेत्रवासियों ने कई बार जिला प्रशासन को ज्ञापन दिया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.

4 किमी एरिया धूल से प्रभावित

क्षेत्रवासी सरोज ने बताया कि क्लिंकर की धूल घर और छत पर जमा हो जाती है. खुले में कपड़े सुखाते हैं तो गंदे हो जाते हैं. खुले में बच्चे भी नहीं खेल पाते. ऐसे में उन्हें सारा दिन सफाई करनी पड़ती है. जिसकी वजह से वे परेशान रहती हैं.

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वहीं क्षेत्रवासी वीर सिंह ने बताया कि क्लिंकर की धूल की वजह से घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है. हालात ये हैं कि आसमान में गर्द छाई रहती है जिसकी वजह से खुले में खड़े भी नहीं हो सकते. क्लिंकर परिवहन की वजह से रास्ते और सड़क भी धूल से अटे रहते हैं. घर के बुजुर्ग, बच्चे, जवान सभी परेशान हैं.

गौरतलब है कि क्लिंकर अनलोडिंग और परिवहन से परेशान क्षेत्रवासियों ने कई बार विरोध प्रदर्शन भी किया है और जिला प्रशासन को ज्ञापन देकर इसकी अनलोडिंग और परिवहन पर रोक लगाने की मांग भी की है. लेकिन क्लिंकर अनलोडिंग का काम लगातार जारी है और रोजाना इन लोगों को इन्हीं परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

Last Updated : Apr 10, 2021, 6:38 PM IST

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